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कभी मजदूरी करते थे, आज उगा रहे हैं कई वैरायटी की सब्जियां, किचन गार्डन ने बदली किसान सुरेंद्र की जिंदगी

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पहले वह मजदूरी का काम करते थे, लेकिन 2020 में डॉ. राजेंद्र सिंह से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया. डॉ. राजेंद्र ने उन्हें किचन गार्डन शुरू करने की सलाह दी.

सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र सिंह
हाइलाइट्स
  • प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली

  • 60 गज की हल्दी से कमाई

कहते हैं, जब मन में कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो बड़ी से बड़ी मंजिल भी हासिल की जा सकती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हरियाणा के करनाल जिले के सुरेंद्र सिंह ने, जो पहले मजदूरी करते थे और अब खुद को एक सफल किसान मानते हैं. 

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पहले वह मजदूरी का काम करते थे, लेकिन 2020 में डॉ. राजेंद्र सिंह से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया. डॉ. राजेंद्र ने उन्हें किचन गार्डन शुरू करने की सलाह दी, जिससे न केवल उनका घरेलू खर्च कम हुआ, बल्कि वे जैविक सब्जियों का सेवन भी करने लगे.

प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली
सुरेंद्र ने कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली और करनाल के एनडीआरआई से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया. इसके अलावा, घरौंडा स्थित सब्जी उत्कृष्ट केंद्र से भी उन्होंने किचन गार्डन की जानकारी ली. उनके काम को देखते हुए, 29 मई से 12 जून तक चलाए गए 'विकसित भारत कृषि अभियान' के दौरान एनडीआरआई के निदेशक भी उनके किचन गार्डन को देखने पहुंचे.

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60 गज में हल्दी की खेती
हालांकि सुरेंद्र की आय अभी कम है, लेकिन पिछले साल उन्होंने अपने 200 गज के प्लॉट में 60 गज में हल्दी की खेती की और उससे कमाई करके एक इलेक्ट्रिक एक्टिवा खरीदी. उनके प्लॉट में हल्दी, शिमला मिर्च, घीया, तोरी और गन्ना भी उगाए गए हैं. उन्होंने केरल से 'प्रतिभा' नाम की हल्दी की किस्म मंगवाई है, जिससे अच्छे मुनाफे की उम्मीद है.

प्राकृतिक खेती

किचन गार्डन में उगाई सब्जियां लोगों को बांटते हैं
सुरेंद्र ने बताया कि पहले जब सब्जी खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे, तब किचन गार्डन ने उनकी मदद की. अब वे पड़ोसियों को भी सब्जियां देते हैं और कई जगहों पर अपनी सब्जियां बेचने जाते हैं, जिससे अच्छे दाम मिलते हैं. डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं को खेती के लिए प्रेरित किया गया, जिससे उनका खर्चा भी बचा और परिवार को काम करने का मौका मिला.  अब लगभग 100 महिलाएं छोटे स्थानों में जैविक खेती कर रही हैं.

किचन गार्डन को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं सुरेंद्र
सुरेंद्र अब ठेके पर जमीन लेकर किचन गार्डन को बड़े स्तर पर करना चाहते हैं और अपने सपने को साकार करना चाहते हैं. उनकी मेहनत और समर्पण से यह साबित होता है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. सुरेंद्र सिंह की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं.

कमलदीप की रिपोर्ट