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Success Story: जानिए सुनील मित्तल ने कैसे खड़ी की देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी

18 साल की उम्र से फैमिली बिजनेस संभालने वाले सुनील आज 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए के मालिक हैं. सुनील मित्तल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के मालिक हैं.

सुनील मित्तल सुनील मित्तल
हाइलाइट्स
  • 1980 में फैमिली बिजनेस से की थी शुरुआत

  • ताइवान से मिला टेलीकॉम कंपनी डालने का आईडिया

एयरटेल दुनिया की तीसरी और भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है. भारत में एयरटेल 10वीं सबसे मूल्यवान कंपनी है. कंपनी का मार्केट कैप 4.5 लाख रुपए का है. आज की सक्सेस स्टोरी एयरटेल के मालिक सुनील मित्तल की है. 18 साल की उम्र से फैमिली बिजनेस संभालने वाले सुनील आज 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए के मालिक हैं. एक वक्त ऐसा भी था, जबकि साइकिल पार्ट्स को मैन्युफैक्चर करके बेचा करते थे. 

1980 में फैमिली बिजनेस से की थी शुरुआत
1980 की शुरूआत में सुजुकी ने भारत में पोर्टेबल जनरेटर का बिजनेस करने के बारे में सोचा. सुनील ने इसे एक मौके की तरह देखा और वे सुजुकी की डीलरशिप लेने में कामयाब रहे. इसके बाद सुनील मित्तल सुजुकी के पोर्टेबल जनरेटर डिवीजन के पहले भारतीय डीलर बन गए.

समय बीता और कुछ ही सालों बाद पोर्टेबल जनरेटर बनाने का लाइसेंस बिरला और श्रीराम फैमिली जैसे दिग्गजों को मिल गया, जो उस टाइम यामाहा और होंडा के साथ टाय-अप में थे. सरकार के इस फैसले के बाद सुनील का जनरेटर बिजनेस लगभग ठप पड़ गया. बिजनेस बंद होने के बाद सुनील मित्तल ने सोचा की अब वो विदेश जाकर ही किसी नए मौके की तलाश करेंगे. 

ताइवान से मिला टेलीकॉम कंपनी डालने का आईडिया
इसी माइंडसेट के सात 1984 में सुनील ताइवान पहुंचे ताइवान, वहां उनकी नजर पुश-बटन वाले टेलीफोन पर पड़ी. उस समय भारत में रोटरी डायल्‍स वाले टेलीफोन (उंगली से घुमाने वाले) चलते थे. सुनील ने इसे एक नए मौके की तरह देखा और पुश-बटन टेलीफोन को भारत में इंपोर्ट करवा लिया. इसके बाद  उन्होंने भारत में बीटल नाम की कंपनी की शुरुआत की. 1990 के दौर में ही बीटल 25 करोड़ रुपए का एनुअल रेवेन्यू कमा रही थी. मतलब कंपनी बिजली की रफ्तार से प्रॉफिट बना रही थी.

1991 में ग्लोबलाइजेशन के दौर में भारत सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में प्राइवेट प्लेयर्स को इनवाइट किया. सुनील मित्तल ने भी इसमें अप्लाई किया. सिर्फ 4 कंपनियों को टेलीकॉम बिजनेस का लाइसेंस मिला. उसमें से एक कंपनी थी सुनील मित्तल की भारतीय सेलुलर लिमिटेड. 1995 में बनी उसी कंपनी को आज एयरटेल के नाम से जाना जाता है.

जब सरकारी कंपनियों ने दी चुनौती
1995 में एयरटेल जब मार्केट में आई तो उसकी चुनौती के तौर पर BSNL-MTNL जैसी सरकारी कंपनियां मार्केट में पहले से ही मौजूद थी. इन कंपनियों के पास सरकारी फंड्स के साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी था. BSNL-MTNL की ताकत थी इनकी बढ़ती रीच, गांवों तक इन कंपनियों के नेटवर्क फैले हुए थे. लेकिन इनके बिजनेस मॉडल में एक कमी थी. वो था इनका खराब ‘अप-टाइम’.

दरअसल BSNL-MTNL पर इतने ज्यादा ग्राहक निर्भर थे, कि आए दिन उसका नेटवर्क क्रैश हो जाया करता था. जिस कारण घंटों तक कॉल कनेक्ट नहीं हो पाते थे. इन कंपनियों की इसी मजबूरी का फायदा उठाया एयरटेल ने. इसी कमजोरी को एयरटेल ने अपनी ताकत बनाया. एयरटेल ने ग्राहकों को 100 परसेंट अप-टाइम का वादा किया और जमकर इसका प्रचार किया. 

1995 में जहां एयरटेल सिर्फ दिल्‍ली एनसीआर में मौजूद थी वो एक साल में ही हिमाचल प्रदेश पहुंच गई और 5-6 सालों में पूरे देश में एयरटेल का नाम पॉपुलर हो गया था. इसके लिए एयरटेल ने मार्केटिंग पर भी काफी ध्यान दिया. कंपनी की सफलता के पीछे उसकी इस मजबूत मार्केटिंग का अहम योगदान है. 

जब जियो ने दी कड़ी टक्कर
साल 2016 दो बातों के लिए जाना जाता है. पहला, भारत में नोटबंदी हुई और दूसरा, इसी साल जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में तबाही मचाई थी. जियो के फ्री 4G ऑफर से लगभग सभी बड़े टेलीकॉम कंपनियों की कमर टूट गई थी. इसका असर अन्‍य कंपनियों पर यूं पड़ा कि वे इस मार्केट से ही लापता हो गईं. 

फिर 2020 में कोविड महामारी आई, अचानक से वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन लर्निंग का ट्रेंड शुरू हुआ. इससे घरों में डेटा की जरूरत बढ़ी. एयरटेल ने इसी मौके का फायदा उठाया और अपना पूरा ध्यान एक्‍सट्रीम सर्विसेस पर केंद्रित किया. एयरटेल ने अपने एक्सट्रीम सेटअप बॉक्स और ब्रॉडबैंड के दाम अचानक कम कर दिए. ग्राहकों को एक ही जगह अनलिमिटेड डेटा से लेकर हर तरह की ओटीटी ऐप मिलने लगी.

इसके साथ एयरटेल ने आकर्षक डीटीएच ऑफर भी दिए. 2020 में देश में कुल 95 लाख नए ब्रॉडबैंड कनेक्‍शन लगे, जिनमें 70 लाख एयरटेल के थे और महज 17 लाख जियो के. जनवरी 2021 में एयरटेल ने फिर 59.5 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्‍शन जोड़े, वहीं जियो सिर्फ 19 लाख ही जोड़ पाया. इस सेक्टर में जियो के मुकाबले एयरटेल की ग्रोथ 300 प्रतिशत ज्यादा थी.

18 से ज्यादा देशों में है सुविधाएं
आज एयरटेल 18 से ज्यादा  देशों में मौजूद है. भारत में ही एयरटेल के 33 करोड़ यूजर्स हैं. 022 में एयरटेल ने अपने इनोवेशन को आगे बढ़ाते हुए भारत के पहले मल्टीप्लेक्स मेटावर्स की शुरुआत की, इसका नाम पार्टीनाइट है. 2022 में ही गूगल ने 700 मिलियन डॉलर में एयरटेल के अंदर 1.28 फीसदी के स्‍टेक्‍स खरीदे थे, जिससे यह पता चलता है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी एयरटेल के साथ पार्टनरशिप करने में इंटरेस्टेड हैं.