

अभी तक आपने फल व सब्जियों के बारे में तो बहुत सुना होगा. लेकिन इन दिनों खैरथल जिले के किशनगढ़ बास क्षेत्र में उगने वाली हाथी घास पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है. इस घास से किसान मालामाल हो रहे हैं. देश भर में इसकी डिमांड है. देश के अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों हेक्टर क्षेत्र में इस घास की पैदावार हो रही है. इस घास की फसल की तकनीक समझने के लिए प्रतिदिन देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. एक एकड़ में जहां घास को लगाने में 20 हजार रुपए का खर्चा आता है. जबकि किसान को ढाई लाख रुपये की आय होती है.
घास भी किसान को लखपति व करोड़पति बना सकती है
बदलते समय व नई तकनीक की मदद से खैरथल जिले के सेवखेड़ा गांव के एक किसान अमीलाल चावड़ा पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. अमीलाल ने बताया कि वो पिछले 10 सालों से नेपियर घास की पैदावर कर रहे हैं. कम पानी में बंजर जमीन पर यह घास आसानी से उग जाती है. एक साल में करीब 6 से 7 बार इसकी कटाई की जाती है.
दूसरे कामों में भी होता है इस घास का इस्तेमाल
अमीलाल ने कहा कि उनके पास 1000 किलोमीटर दूर से किसान नेपियर घास की स्टिक लेने आते हैं. साथ ही वो किसानों को इसकी पैदावार के बारे में जानकारी देते हैं. कई सालों से इस पर रिसर्च कर रहे हैं और इसकी क्या ही अलग-अलग प्रजातियां तैयार की गई. तब जाकर उन्हें नेपियर घास की बढ़िया वैरायटी तैयार हुई. इस घास का उपयोग पशुपालकों के अलावा बायोगैस सहित अन्य कामों में लिया जाता है.
500 क्विंटल घास की पैदावार
अमीलाल ने बताया कि प्रति एकड़ के हिसाब से 500 से ज्यादा क्विंटल घास का प्रतिवर्ष पैदावार हो रही है. ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन पोर्टल पर देश के कई राज्यों के किसान घास खरीदने और खेती की तकनीक जानने आते हैं. सामान्य घास की तुलना में नेपियर घास में कैलोरीफिक वैल्यू, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है. इस घास से 70 प्रतिशत तक पशुओं की फीडिंग कास्ट कम होती है. साथ ही दुधारू पशुओं में 20 प्रतिशत तक दूध उत्पादन बढ़ता है.
बेंगलुरु सहित देश के कई शहरों में चल रहा काम
अमीलाल ने बताया कि पिछले 10 साल में उन्होंने घास की कई किस्म तैयार की. इस घास से अच्छा रिटर्न नहीं मिला. इस घास की सुपर नेपियर घास वैरायटी व जायंट किंग घास की वैरायटी सबसे अच्छी वैरायटी मानी जाती है. बेंगलुरु में नेपियर घास के बीज का प्लांटेशन किया. जहां केवल 60 दिन में 17 फीट तक घास की पैदावार हुई. राजस्थान में इनके द्वारा लगाई गई नेपियर घास के बीज 100 दिन में 17 फीट तक तैयार हुए.
बंजर भूमि में होती है पैदावार
एक बीघा खेत में 7 हजार स्टिक या एक एकड़ में 11 हजार स्टिक तक लगा सकता है. इस स्टिक की कीमत एक रुपए तक रहती है. यह घास बंजर भूमि व खेतों की मेड़ पर भी आसानी से लगाई जा सकती है. यह फसल बिना किसी दवाई के छिड़काव और बिना खाद्य लगती है. कम पानी में भी साल में 6 से 7 बार इससे फसल ली जा सकती है.
-हिमांशु शर्मा