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Aadhaar Update: अब Aadhar Card में होगी जन्म से मृत्यु तक की जानकारी, जानिए कैसे लगेगा धोखाधड़ी पर लगाम!

यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने कहा कि अब आधार कार्ड पर अब जन्म के साथ मृत्यू की भा डिटेल रहेगी. इससे बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का फायदा मिले. आधार को मृत्यु डेटा से जोड़ने से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के गलत इस्तेमाल को रोका जा सकेगा.

Aadhar Card Update Aadhar Card Update

Adhar Uodate:  देश में लगभग सभी कामों में आधार कार्ड का इस्तेमाल हो रहा है. आपके प्राइमरी डॉक्यूमेंट में हर जगह सबसे पहले आधार के बारे में पूछा जाता है. जिससे आधार का गलत इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ गया है. किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, उसके पास आधार कार्ड होना जरूरी है. 

आधार से जुड़े जन्म और मृत्यु के आंकड़े

आपको बता दें कि यूआईडीएआई ने जन्म और मृत्यु के आंकड़ों को आधार से जोड़ने का फैसला किया है. नवजात बच्चों को अस्थाई आधार नंबर जारी किया जाएगा, जिसे बाद में बायोमेट्रिक डेटा के साथ अपग्रेड किया जाएगा. इसके साथ ही मृत्यु के पंजीकरण के रिकॉर्ड को भी आधार से जोड़ा जाएगा, ताकि इन नंबरों के दुरुपयोग को रोका जा सके. यानी अब हर व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक का डाटा आधार में जोड़ा जाएगा. इसके लिए जल्द ही 2 पायलट प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी की जा रही है. आधार को 2010 में लॉन्च किया गया था और देश की लगभग पूरी वयस्क आबादी को इससे जोड़ दिया गया है. 

दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू होंगे

यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने कहा कि जन्म के साथ आधार संख्या को जोड़ना ये तय करेगा कि बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का फायदा मिले. इससे हर कोई सामाजिक सुरक्षा के फायदों को उठा पाएगा.  इसी तरह, आधार को मृत्यु डेटा से जोड़ने से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के गलत इस्तेमाल को रोका जा सकेगा

अधिकारियों ने कही ये बात 

UIDAI के अधिकारी का कहना है कि, 'जन्म के साथ ही आधार नंबर  मिलने से बच्चे की पैदाइश से ही उसे सरकारी स्कीमों का फायदा मिलेगा. ठीक ऐसे ही मृत्यु के डेटा को आधार से कनेक्ट करने से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के गलत इस्तेमाल को रोका जा सकेगा. इसके लिए जल्दी ही 2 पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की जाएगी.  

डेटा क्या है

यूआईडी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी 5 साल के बच्चों का बायोमेट्रिक डाटा लिया जाता है. बच्चों के घर जाकर आधार टीम बच्चों के बायोमेट्रिक डिटेल  ले सकती है और उन्हें स्थायी आधार नंबर दे सकती है.  जब बच्चा 18 साल का हो जाता है तो बायोमेट्रिक फिर से रजिस्टर किया जाता है. आपको बता दें कि 5 से 18 साल के लोगों  में 93 फीसदी आबादी के पास आधार कार्ड है जबकि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में यह संख्या केवल 25% है. 

मृत्यु के बाद पेंशन लेने में आधार कैसे निभाएगा भूमिका

नवजात बच्चों को आधार संख्या जारी करने का प्रावधान पहले से ही है. नए नियम के तहत डेटा को शहरों और राज्यों के जन्म पंजीकरण डेटाबेस के साथ क्रॉस-चेक  किया जाएगा.  साथ ही सरकारी और निजी अस्पतालों से मौत से संबंधित डाटा भी मांगा जाएगा.  

जानिए क्या है जीरो आधार?

UIDAI समय-समय पर अपने ग्राहकों के फायदे के लिए नए प्लान  लाता रहता है.अब एक और कदम आगे बढ़ाते हुए  यूएआईडीएआई जीरो आधार (Zero Aadhaar) अलॉट करने पर काम कर रहा है. जीरो आधार आने से फर्जी आधार नंबर जेनरेट नहीं हो पाएगा इससे किसी भी तरह का कोई धोखा नहीं हो पाएगा.