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Textile Parks: पीएम मोदी का ऐलान! यूपी समेत देश के 7 राज्यों में बनेंगे टेक्सटाइल पार्क, बिखरे उद्योग को ताकत...लाखों लोगों को मिलेगा फायदा, जानें कैसे

PM Mitra Mega Textile Parks: पीएम मोदी ने सात राज्यों में टेक्सटाइल पार्क बनाने की घोषणा की है. इनके बनने से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आएगा.

पावरलूम मिल में काम करते कर्मचारी (फाइल फोटो) पावरलूम मिल में काम करते कर्मचारी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क 5F विजन के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को देगा बढ़ावा

  • टेक्सटाइल पार्क बनने से भारत एक वैश्विक निवेश, विनिर्माण और निर्यात केंद्र बनेगा

कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों को लिए अच्छी खबर है. जल्द ही इस उद्योग में बूम आने वाला है. कपड़ों की दूनिया में भारत की धूम मचने वाली है. जी हां, पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी समेत देश के सात राज्यों में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का ऐलान किया है. मोदी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क 5F (फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फैशन टू फॉरेन) विजन के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देंगे.

टेक्सटाइल पार्क बनने से लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आएगा. इन पार्कों को 2027-28 तक पूरा किया जाना है. यूपी में यह पार्क लखनऊ में एक हजार एकड़ में बनेगा. इन टेक्सटाइल पार्क की सबसे खास बात ये है कि इनमें कपड़ों का पूरा काम एक ही जगह होगा.

इन शहरों में बनेंगे टेक्सटाइल पार्क

उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मध्य प्रदेश के धार, महाराष्ट्र के अमरावती, तेलंगाना के वारंगल, तमिलनाडु के विरधुनगर, कर्नाटक के कलबुर्गी और गुजरात के नवसारी में टेक्सटाइल पार्क का निर्माण किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश में एक हजार एकड़ जमीन चिह्नित 

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टेक्सटाइल पार्क के लिए लखनऊ व हरदोई के बीच एक हजार एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है. उन्होंने बताया कि पार्क में वस्त्रोद्योग से जुड़े सारे कार्य और सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी. पार्क के निर्माण में 51 फीसदी भागीदारी यूपी की रहेगी.

तय समय में हो पाएगी आपूर्ति 

कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस नई पहल से भारतीय उद्योग विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा, क्योंकि टेक्सटाइल पार्कों से परिचालन व लागत में कमी आएगी. बिखरे कपड़ा उद्योग को ताकत मिलेगी. दक्षता में सुधार होगा और उच्च गुणवत्ता के वस्त्रों व परिधानों की तय समय में आपूर्ति हो पाएगी. पार्कों का चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है इसे अभिनव पीएम गतिशक्ति नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर मास्टर प्लान के साथ जोड़कर तैयार किया गया है. इस स्कीम के तहत अगले 5 सालों में कुल 4,445 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. ये पार्क पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाने हैं. यह 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' का एक बेहतरीन उदाहरण होगा. 

सारी बुनियादी सुविधाएं एक जगह मिलेंगी

विशेषज्ञों का मानना है कि सारी बुनियादी सुविधाएं एक जगह होने से टेक्सटाइल सेक्टर में बड़ी तादाद में रोजगार सजृन होने के साथ एक्सपोर्ट मार्केट बूम आएगा. दरअसल भारत में टेक्सटाइल सेक्टर बड़ी तादाद में रोजगार देता है. भारत दुनिया में कपड़ों का छठा बड़ा एक्सपोर्टर है.  2030 तक 100 अरब डॉलर के वस्त्र निर्यात का लक्ष्य हासिल करना है. 2047 तक विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक बनना है.