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Dark Patterns: महंगी पड़ रही ऑनलाइन शॉपिंग, डार्क पैटर्न से 75 फीसदी ठगे गए, स्टडी में खुलासा

एक स्टडी में सामने आया है कि ऑनलाइन शॉपिंग में 75 फीसदी कस्टमर ड्रिप प्राइसिंग से परेशान है. जबकि 44 फीसदी यूजर्स ने प्राइवेसी जकरिंग की शिकायत की. इस स्टडी में ये भी सामने आया कि 40 फीसदी यूजर्स को विज्ञापन में दी गई जानकारी से अलग प्रोडक्ट दिए गए या ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी.

Online Shopping (Photo/Meta AI) Online Shopping (Photo/Meta AI)

त्योहारों का सीजन चल रहा है. ऐसे में कस्टमर खूब शॉपिंग कर रहे हैं. ज्यादातर कस्टमर घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं और सामान मंगा रहे हैं. लेकिन इसके साथ एक खतरा भी है. कस्टमर्स को डार्क पैटर्न का सामना करना पड़ रहा है. एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि ई-कॉमर्स साइट्स पर छिपे चार्ज और गलत प्रैक्टिस बढ़ गई है. स्टडी के मुताबिक 75 फीसदी कस्टमर ड्रिप प्राइसिंग की मुसीबत झेलने की बात कही है.

डार्क पैटर्न से ठगे जा रहे कस्टमर-
सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स ने 4 महीने तक देशभर में एक स्टडी की. देशभर के 334 जिलों के 77 हजार यूजर्स ने शिकायत की कि ई-कॉमर्स साइट्स पर छिपे चार्ज और गलत प्रैक्टिस बढ़ गए हैं. इस स्टडी में 75 फीसदी यूजर्स ने ड्रिप प्राइसिंग की शिकायत की. इसके अलावा 48 फीसदी कस्टमर्स ने बैट एंड स्विच की समस्या झेली. इसमें भ्रामक विज्ञापन दिखाए गए. 44 फीसदी ग्राहकों ने प्राइवेसी जकरिंग की समस्या का सामना किया. इसके साथ ही 29 फीसदी ने फोर्स्ड एक्शन और 21 फीसदी ने बास्केट स्नीकिंग की परेशानी झेली.

क्या है कस्टमर की शिकायत?
कस्टमर्स का कहना है कि शॉपिंग के बाद जब पैसे के भुगतान की बारी आती है तो लास्ट फेज में पेमेंट फी, कैश ऑन डिलीवरी चार्ज या प्लेटफॉर्म फी जैसे चार्ज जुड़ जाते हैं. इसके बारे में पहले नहीं बताया जाता. इस तरह से कस्टमर्स को नुकसान उठाना पड़ता है.

40 फीसदी से ज्यादा यूजर्स की शिकायत है कि विज्ञापन में दी गई जानकारी से अलग प्रोडक्ट डिलीवर किए गए या ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी. जबकि 29 फीसदी ग्राहकों को ऑर्डर कैंसिल करने के बावजूद प्रोडक्ट कैश ऑन डिलीवरी या बाय नाऊ पे लेटर मोड में भेजा गया. एक और बड़ी समस्या यूजर्स के सामने आई. 21 फीसदी यूजर्स के डिजिटल कार्ट में कुछ ऐसे प्रोडक्ट भी डाल दिए गए, जिनको उन्होंने चुना नहीं था. स्टडी में 25 फीसदी कस्टमर एक्स्ट्रा चार्ज से दुखी हैं. 

क्या है डार्क पैटर्न?
ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान कस्टमर को अनजाने में ऐसे काम के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे प्लेटफॉर्म को फायदा होता है, जबकि कस्टमर को इसका नुकसान उठाना पड़ता है. इसे ही डार्क पैटर्न कहते हैं. मान लीजिए कि किसी शॉपिंग प्लेटफॉर्म के स्क्रीन पर मैसेज आता है कि इस प्रोडक्ट पर डिस्काउंट ऑफर कुछ देर के लिए है, जल्द आएं और डिस्काउंट पाएं. लेकिन जब कस्टमर उसपर जाते हैं तो भुगतान के आखिरी चरण में उनके साथ खेल हो जाता है.

डार्क पैटर्न बड़े शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर भी पाए गए. इसमें फ्लिपकार्ट, अमेजन, टाटा-न्यू, मिंत्रा और जियोमार्ट जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

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