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Theobroma Success Story: दो बहनों ने लोन लेकर सिर्फ एक रूम में शुरू की थी यह बेकरी, आज 3500 करोड़ की वैल्यूएशन

क्रिसकैपिटल, थियोब्रोमा फूड्स और बेल्जियन वफ़ल कंपनी का लगभग 3,200-3,500 करोड़ रुपये के कुल मूल्यांकन पर 90% हिस्से का अधिग्रहण करने के करीब है.

Theobroma Theobroma
हाइलाइट्स
  • 2004 में शुरू हुई थी Theobroma

  • दो बहनों ने मिलकर शुरू की कंपनी

आजकल मेट्रो शहरों में केक, पेस्ट्री, मफिन्स आदि के लिए Theobroma Bakery काफी फेमस है. खासकर मिलेनियल्स और जेन ज़ी जनरेशन के लोग इस बेकरी को काफी पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी फेवरेट बेकली चेन, थियोब्रोमा बिकने जा रही है. जी हां, बताया जा रहा है कि इस बेकरी का अधिग्रहण आखिरी फेज में है. 

इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया है कि क्रिसकैपिटल, थियोब्रोमा फूड्स और बेल्जियन वफ़ल कंपनी का लगभग 3,200-3,500 करोड़ रुपये के कुल मूल्यांकन पर 90% हिस्से का अधिग्रहण करने के करीब है. कंपनी का 10% कंपनी के फाउंडर्स के साथ रहेगा. 

किसने शुरू की थी थियोब्रोमा कंपनी? 
थियोब्रोमा एक बेकरी चेन है, जिसके आज भारत भर में 225 आउटलेट्स हैं. इसकी शुरुआत 20 साल पहले दो बहनों, कैनाज़ मेसमैन हरचंद्राई और टीना मेसमैन वाइक्स ने की थी. 

कैसे आया थियोब्रोमा का आइडिया?
साल 2020 की आई अपनी किताब, "The Theobroma Story: Baking a Dream" में, कैनाज़ ने खुलासा किया है कि 24 साल की उम्र में जब वह ओबेरॉय उदयविलास में पेस्ट्री शेफ के रूप में काम कर रही थीं, तब एक एक्सीडेंट में उनकी पीठ में चोट लग गई. इससे उनका बतौर शेफ करियर खतरे में था तब उन्होंने अपना खुद का कुछ करने का सोचा. 

क्या होता है थियोब्रोमा का मतलब?
थियोब्रोमा शब्द ग्रीक भाषा से आया है, जिसका मतलब है: "Food of the Gods" (देवताओं का भोजन). इस नाम से ही उन्होंने एक प्रीमियम ब्रांड की नींव रखी. 

कैसे की शुरुआत?
बिजनेस शुरू करने के लिए कैनाज़ और टीना ने अपने पिता से डेढ़ करोड़ रुपये का लोन लिया.  कैनाज़ ने ओबेरॉय होटल्स में काम करने से पहले लंदन के ले कॉर्डन ब्लू में ट्रेनिंग की थी. इसके अलावा, वह और उनकी बहन, टीना अपनी मां के छोटे से होम बेकिंग बिजनेस में उनकी मदद करती थीं. इसी आत्मविश्वास से उन्होंने अपना बिजनेस करने की ठानी.  

कहां शुरू हुआ पहला आउटलेट? 
थियोब्रोमा का पहला आउटलेट 2004 में दशहरे पर मुंबई के कोलाबा इलाके में खुला. उन्होंने सिर्फ 150 स्क्वायर फीट में बेकरी के शुरुआत की. उनके शुरुआती आइटम्स थे:

  • फज्ज ब्राउनी 
  • मैदा-फ्री वॉलनट ब्राउनी 
  • चोको-चिप मूस
  • रेड वेलवेट केक आदि 

थियोब्रोमा ने कैसे की मार्केटिंग?

  • वर्ड ऑफ माउथ: शुरुआती सालों में थियोब्रोमा ने मार्केटिंग पर पैसे नहीं खर्च किए. उन्होंने अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और स्वाद से लोगों को प्रभावित किया कि वे अपने दोस्तों, परिवार और सोशल सर्कल में इसके बारे में बात करने लगे.
  • सोशल मीडिया का क्रिएटिव इस्तेमाल: Instagram और Facebook पर थियोब्रोमा की पोस्ट्स शुरू से ही आकर्षक रहीं. उन्होंने प्रोडक्ट्स की तस्वीरों के साथ किचन के Behind-the-scenes शेयर किए
  • फेस्टिव प्रमोशन्स (रक्षा बंधन, दिवाली, क्रिसमस), कस्टमर रिव्यूज़ और यूजर जनरेटेड कंटेंट 
  • प्रोडक्ट ही बना प्रचार बना: कुछ आइटम्स जैसे ओवरलोड चॉकलेट ब्राउनी, रेड वेलवट ब्राउनी आदि  must-try लिस्ट में आ गए
  • ग्राहकों का अनुभव: आउटलेट्स का डिज़ाइन, पैकेजिंग और सर्विस- सब कुछ इस तरह से डिज़ाइन किया गया कि ग्राहक उसे फोटो में शेयर करना चाहें.
  • उन्होंने प्रोडक्ट्स के स्वाद के साथ-साथ एस्थेटिक्स पर भी जोर दिया ताकि ये Instagrammable लगें. 

कहां-कहां हैं थियोब्रोमा के स्टोर्स 
थियोब्रोमा के स्टोर्स पूरे भारत में तेजी से फैल चुके हैं. 

  • 2025 तक यह 250 से ज्यादा लोकेशन्स पर मौजूद है
  • 40 से ज्यादा शहरों में इसके स्टोर हैं. 
  • इन शहरों में मुंबई (नवी मुंबई, ठाणे), दिल्ली-NCR (नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद), पुणे, हैदराबाद, बंगलौर आदि शामिल हैं.
  • सेंट्रलाइज्ड किचन सिस्टम अपनाया गया है (मुंबई-पुणे, दिल्ली-NCR, हैदराबाद, बंगलौर) 
  • क्लाउड/डिलीवरी‑ओनली आउटलेट्स भी कुछ शहरों में सुविधाजनक तरीके से चलाए जा रहे हैं .
  • 2022 तक पांच प्रमुख शहरों- मुंबई, पुणे, दिल्ली-NCR, हैदराबाद और बंगलौर में विस्तार हुआ.
  • 2023–24 के दौरान, चेन्नई, नागपुर जैसे नए शहर में पेशकश शुरू की गईं.
  • अप्रैल–मई 2025 तक, नेटवर्क कई और शहरों तक फैल चुका है. 

कितने में हो रही है डील 
आज अधिग्रहण के लिए थियोब्रोमा की वैल्यूएशन 3,500 करोड़ रुपये तक की जा रही है. अगर यह डील होती है तो यह किसी भी भारतीय उद्यमी के लिए सबसे बड़ी कैश एग्जिट होगी. 

एक रूम से शुरु हुई बेकरी से नेशनल लेवल की बड़ी कंपनी बनने तक, थियोब्रोमा की कहानी सबके लिए एक मिसाल है. कैनाज़ और टीना, हर उस लड़की के लिए प्रेरणा हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहती हैं. 

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