
आजकल मेट्रो शहरों में केक, पेस्ट्री, मफिन्स आदि के लिए Theobroma Bakery काफी फेमस है. खासकर मिलेनियल्स और जेन ज़ी जनरेशन के लोग इस बेकरी को काफी पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी फेवरेट बेकली चेन, थियोब्रोमा बिकने जा रही है. जी हां, बताया जा रहा है कि इस बेकरी का अधिग्रहण आखिरी फेज में है.
इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया है कि क्रिसकैपिटल, थियोब्रोमा फूड्स और बेल्जियन वफ़ल कंपनी का लगभग 3,200-3,500 करोड़ रुपये के कुल मूल्यांकन पर 90% हिस्से का अधिग्रहण करने के करीब है. कंपनी का 10% कंपनी के फाउंडर्स के साथ रहेगा.
किसने शुरू की थी थियोब्रोमा कंपनी?
थियोब्रोमा एक बेकरी चेन है, जिसके आज भारत भर में 225 आउटलेट्स हैं. इसकी शुरुआत 20 साल पहले दो बहनों, कैनाज़ मेसमैन हरचंद्राई और टीना मेसमैन वाइक्स ने की थी.
कैसे आया थियोब्रोमा का आइडिया?
साल 2020 की आई अपनी किताब, "The Theobroma Story: Baking a Dream" में, कैनाज़ ने खुलासा किया है कि 24 साल की उम्र में जब वह ओबेरॉय उदयविलास में पेस्ट्री शेफ के रूप में काम कर रही थीं, तब एक एक्सीडेंट में उनकी पीठ में चोट लग गई. इससे उनका बतौर शेफ करियर खतरे में था तब उन्होंने अपना खुद का कुछ करने का सोचा.
क्या होता है थियोब्रोमा का मतलब?
थियोब्रोमा शब्द ग्रीक भाषा से आया है, जिसका मतलब है: "Food of the Gods" (देवताओं का भोजन). इस नाम से ही उन्होंने एक प्रीमियम ब्रांड की नींव रखी.
कैसे की शुरुआत?
बिजनेस शुरू करने के लिए कैनाज़ और टीना ने अपने पिता से डेढ़ करोड़ रुपये का लोन लिया. कैनाज़ ने ओबेरॉय होटल्स में काम करने से पहले लंदन के ले कॉर्डन ब्लू में ट्रेनिंग की थी. इसके अलावा, वह और उनकी बहन, टीना अपनी मां के छोटे से होम बेकिंग बिजनेस में उनकी मदद करती थीं. इसी आत्मविश्वास से उन्होंने अपना बिजनेस करने की ठानी.
कहां शुरू हुआ पहला आउटलेट?
थियोब्रोमा का पहला आउटलेट 2004 में दशहरे पर मुंबई के कोलाबा इलाके में खुला. उन्होंने सिर्फ 150 स्क्वायर फीट में बेकरी के शुरुआत की. उनके शुरुआती आइटम्स थे:
थियोब्रोमा ने कैसे की मार्केटिंग?
कहां-कहां हैं थियोब्रोमा के स्टोर्स
थियोब्रोमा के स्टोर्स पूरे भारत में तेजी से फैल चुके हैं.
कितने में हो रही है डील
आज अधिग्रहण के लिए थियोब्रोमा की वैल्यूएशन 3,500 करोड़ रुपये तक की जा रही है. अगर यह डील होती है तो यह किसी भी भारतीय उद्यमी के लिए सबसे बड़ी कैश एग्जिट होगी.
एक रूम से शुरु हुई बेकरी से नेशनल लेवल की बड़ी कंपनी बनने तक, थियोब्रोमा की कहानी सबके लिए एक मिसाल है. कैनाज़ और टीना, हर उस लड़की के लिए प्रेरणा हैं जो अपने दम पर कुछ करना चाहती हैं.
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