
जयपुर देश का सबसे बड़ा जेम्स यानी रंगीन रत्नों का केंद्र है, जहां पर तीन सौ से ज्यादा रंगीन पत्थरों का करीब साढ़े सत्रह हजार करोड़ का एक्सपोर्ट होता है. इसमें से करीब तीन हजार दो सौ करोड़ का अकेले अमेरिका का होता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने से व्यापारियों में भारी चिंता छाई हुई है. अमेरिका खरीदारों ने आर्डर कैंसिल करने शुरू कर दिए हैं.
...तो हम अमेरिकी एक्सपोर्ट से हट जाएंगे
जयपुर के चमकते रंगीन रत्नों के कारोबारी ट्रंप के अनिश्चितता भरे फैसलों से बेरंग हो रहे हैं. जयपुर के जेम्स के कारोबारी अबतक दुनिया के सभी देशों पर अपने सस्ते लेबर और अमेरिका में जेम्स ज्वेलरी पर कम टैरिफ की वजह से भारी पड़ रहे थे.
जयपुर जेम्स ज्वेलरी करीब 17 हजार 500 करोड़ा का निर्यात होता है. इसमें से 32 सौ करोड़ का निर्यात केवल अमेरिका को होता है. लेकिन अब ट्रंप ने 50 फीसदी तक टैरिफ लगा दिया है. जेम्स एक्सपोर्ट्स का कहना है कि हम लोग चीन, थाईलैंड और हांगकांग जैसे लो टैरिफ वाले देश से मुकाबला कर रहे हैं. इस बिजनेस में मार्जिन ही 6 से 10 फीसदी तक है. इस टैरिफ पर हम अमेरिकी एक्सपोर्ट से हट जाएंगे.
भारत सरकार निकालना चाहिए कोई नया रास्ता
कलर स्टोन कारोबार के कन्वेनर डीपी खंडेलवाल ने कहा कि जयपुर के एक्सपोर्ट पर बड़ा असर पड़ेगा. बहुत सारे प्रशिक्षित कारीगर बेरोजगार होंगे. सरकार को कुछ न कुछ सपोर्ट का रास्ता निकालना चाहिए लेकिन हमलोगों देश के साथ खड़े हैं. भारत से सबसे ज्यादा एमराल्ड यानी पन्ना का एक्सपोर्ट होता है.
जेम्स व्यापारियों का कहना है कि सरकार को कोई पैकेज देना होगा, जिससे नुकसान की भरपाई हो पाए. हर महीने राजस्थान से अमेरिका से 32 सौ करोड़ के जेम्स ज्वेलरी का व्यापार होता है. राजस्थान में करीब दो लाख लोग इस कारोबार से जुड़े हैं. कारोबार प्रभावित हुआ तो बेरोजगारी भी बढ़ेगी. हालांकि व्यवसायियों का मानना है कि सरकार कोई बीच का रास्ता निकालेगी.
हमें नुकसान हो रहा बड़ा
आलोक सोंखिया अध्यक्ष, जयपुर जेम्स एंड ज्वेलरी एसोसिएशन ने कहा कि हमें नुकसान तो बड़ा हो रहा है लेकिन नया बाजार खोजना पड़ेगा. इसमें तबतक वक्त लगेगा लेकिन ये संकट का समय है. हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है. अमेरिका हमारे लिए बड़ा बाजार है. सरकार को मदद करनी चाहिए. यदि इस कारोबार से लोग एक बार मुंह मोड़ लिए तो वापस लाना मुश्किल होगा.
जयपुर के पूर्व महाराजा मान सिंह ने सौ साल से ज्यादा समय से पहले जयपुर में रंगीन रत्नों के व्यवसायियों को बसाया था. उस समय से लेकर अब तक जयपुर जेम्स के व्यापार में देश में सबसे बड़ा केंद्र रहा है. करीब 90-95 फीसदी कच्चा माल दुनिया भर के देशों से जयपुर पहुंचता है, जहां पर फैक्ट्रियों में तैयार होकर विदेशों में भेजा जाता है. हालांकि पिछले कुछ सालों में देश में जेम्स ज्वेलरी का व्यापार बढ़ा है. ऐसे में देश में ये खरीदारी क्षमता बढ़ रही है कि अमेरिकी एक्सपोर्ट में कमी की भरपाई स्थानीय बाजार से हो सके.
(शरत कुमार की रिपोर्ट)