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दिल्ली सरकार ने जारी की नई Evaluation Guidelines, बच्चों के माइंडसेट करिकुलम पर भी रहेगा फोकस

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नए मूल्यांकन दिशानिर्देशों (Evaluation Guidelines)की घोषणा की. स्कूली छात्रों का अब सिलेबस के साथ माइंडसेट करिकुलम के तहत भी मूल्यांकन होगा.

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हाइलाइट्स
  • बच्चों के स्कूलों में माइंडसेट करिकुलम पर भी रहेगा फोकस

दिल्ली सरकार ने सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए नई असेसमेंट गाइडलाइन जारी की है. इसके अनुसार छात्रों का असेसमेंट करिकुलम नॉलेज के आधार पर नहीं, बल्कि अलग-अलग रियल लाइफ सिचवेशन में अपनी समझ को लागू करने की उनकी क्षमता के आधार पर किया जाएगा. नए असेसमेंट स्टैंडर्ड छात्रों को समाज की उन्नति में योगदान करने के लिए प्रेरित करेंगे.  

दरअसल, सभी स्कूलों को रियल लाइफ सिचवेशन को संभालने के लिए उनकी क्षमताओं के आधार पर मूल्यांकन शामिल करने का निर्देश दिया गया है. नई असेसमेंट गाइडलाइन के अनुसार, कक्षा 3 से 8 के छात्रों का असेसमेंट खुशी और देशभक्ति पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा, जबकि कक्षा 9 और कक्षा 11 के छात्रों का असेसमेंट देशभक्ति और एंटरप्रेन्योरशिप पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा. यहां यह ध्यान देने योग्य है कि कक्षा 11 के छात्रों के पास मूल्यांकन के लिए एक एडिशनल क्राइटेरिया होगा, जो कि बिजनेस ब्लास्टर्स में उनकी भागीदारी है. 

दिल्ली के शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि प्रश्न पत्र इस तरह से सेट किए जाएंगे, जहां छात्रों को वास्तविक जीवन से जुड़े सवालों के जवाब भी देने होंगे. असेसमेंट की यह नई प्रक्रिया छात्रों की आलोचनात्मक सोच को और मजबूत करेगी. यह उन्हें रटने के तरीकों की आवश्यकता से छुटकारा पाने में भी मदद करेगा, जो परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर तनाव में डाल देता है. 

शिक्षा निदेशालय की नई गाइडलाइन :

एकेडमिक सेशन 2022-23 में मिड टर्म एग्जाम सितंबर/अक्टूबर में और कॉमन एनुअल स्कूल एग्जामिनेशन(CASE) फरवरी/मार्च में आयोजित की जाएगी. 
 
मिडल टर्म के एग्जाम के प्रश्न मिड टर्म एग्जाम तक कवर किए जाने वाले सिलेबस से बाहर होंगे. 
 
मिड-टर्म, प्री-बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र इस तरह से सेट किए जाएंगे कि आवश्यकता के अनुसार समझ, दक्षता और अन्य कौशल का आकलन किया जा सके. 

ज्यादा संख्या में योग्यता आधारित प्रश्न (Aptitude Based Questions) या रियल लाइफ से जुड़े प्रश्न  जोड़े जाएंगे. 

परीक्षा इस तरह से आयोजित की जाएगी कि नकल, पक्षपात, अन्याय और उत्पीड़न की संभावना कम से कम हो. 

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