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Masai School: छात्रों को कोडिंग, वेब डिजाइनिंग जैसे स्किल कोर्स कराता है यह स्कूल, जॉब मिलने के बाद फीस देते हैं छात्र

IIT कानुपर के पूर्व-छात्र, प्रतीक शुक्ला ने Masai School की शुरूआत की, जहां पर छात्रों को ऑनलाइन कोडिंग, फुल स्टैक वेब डेवलपमेंट जैसे कोर्स ऑनलाईन कराए जाते हैं ताकि उन्हें अच्छी जगह जॉब मिल सके.

Prateek Shukla, Founder of Masai (Photo: Twitter) Prateek Shukla, Founder of Masai (Photo: Twitter)

अगर आज आपको कहीं से कोई प्रोफेशनल स्किल कोर्स करना हो तो इसके लिए बहुत से पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कई बार फीस न होने की वजह से बहुत से छात्र प्रोफेशनल और टेक्निकल स्किल्स नहीं सीख पाते हैं. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे स्कूल के बारे में जहां से आप ऑनलाइन प्रोफेशनल स्किल जैसे कोडिंग आदि सीख सकते हैं और फीस आप तब दें जब आपकी जॉब लग जाए. 

जी हां, एक आईआईटी ग्रेजुएट ने यह ऑनलाइन स्कूल शुरू किया है जो कोडिंग में कोर्स चला रहा है. छात्रों को साइन अप करने और पढ़ाई करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है. वे कोर्स पूरा करने और जॉब मिलने के बाद ही भुगतान करते हैं..

5000 से ज्यादा छात्रों की मदद 
इस स्टार्टअप को 2019 में बेंगलुरु में प्रतीक शुक्ला ने शुरू किया था और इसे मसाई स्कूल नाम दिया. इससे अब तक, उनके 5,000 से अधिक छात्र स्कूल से स्नातक हो चुके हैं और इसके बाद उन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियर और डेटा विश्लेषक के रूप में नौकरियां मिली हैं. अपनी डिग्री की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने टीच फॉर इंडिया में इंटर्नशिप की, जो एक नॉन-गवर्नमेंट संगठन है जो देश भर में नगर पालिका स्कूलों के साथ काम करता है. 

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आईआईटी कानपुर से पढ़े प्रतीक कहते हैं कि छात्र तीन कोर्स के लिए साइन अप कर सकते हैं - फुल स्टैक वेब डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और ऑटोमेशन. कोर्स पूरा करने पर फुल स्टैक डेवलपर और डेटा इंजीनियर से लेकर क्यूए टेस्टर और मशीन लर्निंग इंजीनियर तक जैसी जॉब्ल मिल सकती हैं. एक कोर्स 25-30 सप्ताह तक चलता है. और एक दिन में छात्रों का लगभग 12 घंटे का समय लगता है.

जॉब के बाद देते हैं फीस
छात्र प्लेसमेंट के बाद ही अपनी फीस का भुगतान करना शुरू करते हैं, और केवल तभी जब उनका सालाना वेतन 3.5 लाख रुपये से अधिक हो. शुक्ला कहते हैं, अगर उन्हें नौकरी नहीं मिलती है, तो वे भुगतान नहीं करते हैं. महीने की किश्तें वेतन पैकेज के अनुसार अलग-अलग होती हैं. ड्रॉपआउट्स को कोर्स छोड़ने का निर्णय लेने के आधार पर फीस का भुगतान करना जरूरी होता है. पहले छह सप्ताह के भीतर पढ़ाई छोड़ने वालों को कुछ भी भुगतान नहीं करना पड़ता है. 

अब 17 मई को, मसाई IIT रोपड़ और सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ साझेदारी में एक नया पाठ्यक्रम 'एआई फॉर भारत' लॉन्च करेगा. मसाई से पढ़कर बहुत से छात्रों की जिंदगी संवरी है और अब वे बेहतर पैकेज कमा रहे हैं.