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loksabha election 2024: सियासी दलों के चुनावी कैंपेन में कैसे हो रहा AI का इस्तेमाल, जानें

चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने गुड न्यूज़ टुडे को बताया कि आज का दौरा टेक्नोलॉजी का है. प्रचार के लिए यह तकनीक जो फीडबैक देता है वह नहीं स्ट्रेटजी बनाने के लिए काम आती है कैंपेनिंग के लिए जो भी विडियोस, रील्स, शॉट्स या कोई भी चीज जो सोशल मीडिया जिसमें फेसबुक ट्विटर या इंस्टाग्राम है, उसका क्या रिस्पांस है कितने लोगों तक पहुंची है...

Artificial  Intelligence Artificial Intelligence

बदलते दौर और तकनीक की एडवांसमेंट के साथ अब चुनाव में भी नए तौर तरीके प्रचार के लिए अपनाए जा रहे हैं. जहां तमाम राजनीतिक पार्टियां अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही हैं लेकिन साथ में उसे मैसेज का क्या इंपैक्ट या रिस्पांस आया है कैसे अपने चुनाव को और गति देनी है उसके लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) यानि AI का सहारा लिया जा रहा है जिसके लिए बाकायदा दोनों राजनीतिक पार्टियां लगातार फीडबैक ले रही हैं और नई रणनीति अपना रही है.

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आम लोगों तक पहुंचने और अपनी बात पहुंचाने के लिए टेक्नोसेवी बन रहे हैं. इस बार दोनों राजनीतिक दल लोगों तक पहुंचने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें नई और एडवांस्ड जो तकनीक है वो है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण का... उम्मीदवारों की बैक-एंड टीमों द्वारा न केवल फेसबुक या ट्विटर जिसे अब X कहा जाता है... किसी भी पोस्ट को बारीकी से टिप्पणियों की भावना विश्लेषण करने के लिए किया जा रहा है, बल्कि मतदाताओं के बीच डाली गई किसी भी सामग्री की प्रतिक्रिया को देखने के लिए भी किया जा रहा है.

आज का दौर युवा मतदाताओं का है और चुनाव प्रचार में उतरे उम्मीदवार भली भांति जानते हैं कि अपनी बात कैसे उन युवाओं तक पहुंचानी है और पहुंची हुई बात का क्या फीडबैक या रिस्पांस आ रहा है... उसके लिए युवा पीढ़ी को डेटा-आधारित "दृष्टिकोण" देने के लिए, एआई टूल का उपयोग न केवल मतदाताओं से जुड़ने और उन्हें संलग्न करने के लिए किया जा रहा है, बल्कि यदि किसी उम्मीदवार की सामग्री ने डेटा-आधारित विवरण प्राप्त किया है, तो उसे प्राप्त करने के लिए भी किया जा रहा है.

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चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने गुड न्यूज़ टुडे को बताया कि आज का दौर टेक्नोलॉजी का है. प्रचार के लिए यह तकनीक जो फीडबैक देता है वह नहीं स्ट्रेटजी बनाने के लिए काम आती है कैंपेनिंग के लिए जो भी विडियोस, रील्स, शॉट्स या कोई भी चीज जो सोशल मीडिया जिसमें फेसबुक ट्विटर या इंस्टाग्राम है, उसका क्या रिस्पांस है कितने लोगों तक पहुंची है... उसको एनालाइज उसका फीडबैक लेकर दोनों वर्क्स और ए तकनीक के जरिए एक नई रणनीति बनाई जाती है.. 

भाजपा ने जहां उसके लिए बाकायदा एक हाईटेक सोशल वॉल्यूम तैयार किया है लेकिन चंडीगढ़ से बीजेपी के प्रत्याशी संजय टंडन के बेटे सारांश टंडन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया की तमाम बारीकियां को देखकर फीडबैक और प्लानिंग करते नजर आ रहे हैं. सारांश टंडन ने गुड न्यूज़ टुडे से खास बातचीत में बताया कि नागरिकों को शामिल करने के लिए, किसी भी कार्यक्रम में टंडन के साथ ली गई उनकी तस्वीर का पता लगाने के लिए भी एआई-संचालित टूल का उपयोग किया जा रहा है. एक लिंक बनाया है जहां कोई भी अपना चेहरा स्कैन कर सकता है और अगर उन्होंने पिछले कुछ दिनों में संजय टंडन के साथ क्लिक किया है, तो उन्हें उनकी तस्वीरें अपने आप मिल जाएंगी. 

वहीं कांग्रेस भी प्रचार के इस तरीके में पीछे नहीं है. कांग्रेस का सोशल वॉररूम और चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की के बेटे करणबीर सिंह कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के प्राप्त सुझावों और फीडबैक का विश्लेषण करने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं. वे कांग्रेस द्वारा पांच न्यायों का भी नक्शा तैयार करते हैं. एआई 5 न्यायों को मैप करने में मदद करता है जैसे कि हर मुद्दे के लिए हम कीवर्ड के आधार पर उन्हें देखते हैं.

करणबीर सिंह ने कहा की कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर एफबी और ट्विटर टिप्पणियों का विश्लेषण करते हैं और देखते हैं कि नागरिकों के साथ क्या चल रहा है, वे किस जमीनी हकीकत का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा उनके विपक्षी पार्टी का प्रचार किस गति से चल रहा है किन मुद्दों को लेकर वह फोकस कर रहे हैं उसका क्या फीडबैक है उसको भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए भी समझने की कोशिश करते हैं.