scorecardresearch

Loksabha Election: इस सीट पर अपने ही उम्मीदवार को हराना चाहती है कांग्रेस, जानिए क्या है बांसवाड़ा-डूंंगरपुर सीट का टेढ़ा समीकरण

लोकसभा चुनावों के दूसरे चरण की ओर बढ़ते हुए सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जी-जान लगा दिया है. राष्ट्रीय पार्टियों के दिग्गज नेता अपनी कमजोर सीटों पर खुद चुनाव प्रचार कर रहे हैं ताकि उनका उम्मीदवार जीत हासिल कर सके. लेकिन कांग्रेस पार्टी का एक ऐसा उम्मीदवार भी है, जिसे वह हारते हुए देखना चाहती है.

यह मामला राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट का है यह मामला राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट का है
हाइलाइट्स
  • बांसवाड़ा-डूंंगरपुर सीट पर दूसरे चरण में वोटिंग

  • अपना ही उम्मीदवार बना कांग्रेस के जी का जंजाल

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में दूसरे चरण का मतदान नजदीक आते ही सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में जी-जान लगा दिया है. राष्ट्रीय पार्टियों के दिग्गज नेता अपनी कमजोर सीटों पर खुद चुनाव प्रचार कर रहे हैं ताकि उनका उम्मीदवार जीत हासिल कर सके.

लेकिन कांग्रेस पार्टी का एक ऐसा उम्मीदवार भी है, जिसे पार्टी हारते हुए देखना चाहती है और लोगों से उसे वोट न देने की अपील भी कर रही है.

इस उम्मीदवार का नाम है अरविंद डामोर. सीट है राजस्थान का बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र. माजरा यह है कि कांग्रेस ने लंबे सोच-विचार के बाद यहां भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के उम्मीदवार राजकुमार रोत को अपना समर्थन दे दिया. हालांकि तब तक डामोर कांग्रेस की ओर से नामांकन भर चुके थे.

रोत को कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद डामोर से उम्मीद की गई थी कि वह अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे लेकिन नामांकन रद्द करवाने की आखिरी तारीख तक वह कहीं नजर ही नहीं आए. समय निकल जाने के बाद डामोर ने मीडिया के सामने आकर कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. डामोर चुनाव लड़ने पर अडिग रहे.

सम्बंधित ख़बरें

त्रिकोणीय हुआ मुकाबला
कांग्रेस को उम्मीद थी कि रोत को समर्थन देने के बाद उसे अब सिर्फ भाजपा से टक्कर लेनी होगी लेकिन डामोर की जिद ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. इससे भाजपा के उम्मीदवार महेंद्रजीत सिंह मालवीय को फायदा होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.

कांग्रेस जहां राजकुमार रोत के समर्थन में प्रचार कर रही है, वहीं डामोर का कहना है कि उन्हें भी पार्टी के कुछ नेताओं का समर्थन प्राप्त है जो बीएपी के साथ हाथ नहीं मिलाना चाहते.

कांग्रेस कहती है, कांग्रेसी को वोट न दो 
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जिला स्तर के नेता और कांग्रेस विधायक अर्जुन बामनिया के बेटे विकास बामनिया ने कहा है कि पार्टी रोत का समर्थन कर रही है.

बामनिया ने कहा, "हमारा रुख स्पष्ट है, हम बीएपी उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं. हम लोगों की भावनाओं और पार्टी से प्राप्त निर्देशों को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं."

एक अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा, "हम लोगों से स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि वे कांग्रेस उम्मीदवार (डामोर) को वोट न दें."

पीटीआई के अनुसार, कई स्थानीय लोगों का मानना है कि बांसवाड़ा सीट पर मुकाबला मुख्य रूप से मालवीय और रोत के बीच ही था. कांग्रेस भाजपा की टक्कर में नहीं. लोगों का मानना ​​है कि डामोर का पार्टी लाइन पर चलने से इनकार करना कांग्रेस के लिए शर्मनाक है.

मजबूत आदीवासी नेता हैं राजकुमार रोत
बीएपी की स्थापना रोत ने राजस्थान के 2023 विधानसभा चुनावों से पहले की थी. दक्षिणी राजस्थान में शुरू हुई इस पार्टी की स्थापना करने से पहले रोत भारतीय ट्राइबल पार्टी का हिस्सा थे. इस समय राजस्थान विधानसभा में रोत सहित बीएपी के तीन विधायक हैं.

बांसवाड़ा-डूंगरपुर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है और यहां शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मंगलसूत्र' वाला बयान इसी सीट पर प्रचार के दौरान किया था.