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First Lok Sabha Election में 53 पार्टियों की बीच हुई थी टक्कर, 1874 उम्मीदवारों की किस्मत लगी थी दाव पर, पहले लोकसभा चुनाव से 2019 तक क्या-क्या बदला, यहां जानिए 

Lok Sabha Election 2024 Dates Announced: इस बार 19 अप्रैल से 7 चरणों में वोटिंग होगी और 4 जून  को मतों की गिनती होगी. हमारे देश में पहला लोकसभा चुनाव अक्टूबर 1951 से लेकर फरवरी 1952 के बीच हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस ने सबसे अधिक 45 फीसदी मत हासिल किए थे.

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हाइलाइट्स
  • 2019 का लोकसभा चुनाव भी हुआ था सात चरणों में 

  • पहले चुनाव में 10 करोड़ 59 लाख मतदाताओं ने डाले थे वोट

चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही दुनिया के सबसे बड़े चुनावी समर की शुरुआत हो गई. इस बार भी कुल 7 चरणों में मतदान संपन्न होगा. पिछले लोकसभा चुनाव में भी इतने ही चरण में वोट डाले गए थे.मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इलेक्शन की डेट्स की घोषणा की. इसके साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई. हमारे देश में पहला लोकसभा चुनाव अक्टूबर 1951 से लेकर फरवरी 1952 के बीच हुआ था.

2019 में कब हुआ था तारीखों का ऐलान 
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2019 में हुए आम चुनाव (General Election) के लिए 10 मार्च 2019 को तारीखों का ऐलान किया था. 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच सात चरणों में मतदान संपन्न हुए थे. 23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे. जबकि 2014 में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 5 मार्च को हुई थी. चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई 2014 के बीच 9 चरणों में हुए थे. पहले चरण की वोटिंग 7 अप्रैल और आखिरी चरण की वोटिंग 12 मई को हुई थी. 16 मई 2014 को चुनावों का रिजल्ट आया था.

इनके बीच होगी जोरदार टक्कर
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तीन राजनीतिक गुट दिख रहे हैं. एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन  (NDA), दूसरा INDIA ब्लॉक में शामिल पार्टियों का समूह. इसमें कांग्रेस, सपा सहित कई विपक्षी दल शामिल हैं. तीसरे समूह में वे दल शामिल हैं, जो किसी गुट में शामिल नहीं हैं. साल 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार गठबंधनों का गणित अलग है. पिछले चुनाव में जहां कई पार्टियां विपक्षी खेमे में थीं, वह अब एनडीए के पाले में हैं. कुछ दल ऐसे भी हैं, जो एनडीए छोड़ गए थे और बाद में इन दलों के नाम-निशान के साथ एक धड़ा गठबंधन में लौट आया. 

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पहले चुनाव में इतने  10 करोड़ मतदाताओं ने डाले थे वोट: पहले लोकसभा चुनाव (साल 1951-52) में हमारे देश की कुल आबादी 36 करोड़ के आसपास थी. उस चुनाव में 10 करोड़ 59 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ 47 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. 

इतनी सीटों पर हुआ था मतदान: 499 सीटों के लिए पहले लोकसभा चुनाव में मतदान हुआ था.वहीं 2019 में 543 सीटों के लिए मतदान हुआ था. पहले चुनाव में 1874 उम्मीदवार मैदान में थे तो 2019 में 8054 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई. इसमें 7322 पुरुष और 726 महिला उम्मीदवार थीं. 6 थर्ड जेंडर प्रत्याशियों ने भी किस्मत आजमाई थी.

इतने महीने चला था पहला लोकसभा चुनाव: देश का पहला लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से शुरू होकर 21 फरवरी 1952 तक करीब चार महीने तक चला था. 17 दिन मतदान हुए थे. 2019 का लोकसभा चुनाव कुल 7 चरण में हुआ था. 11 अप्रैल 2019 से शुरू होकर 19 मई 2019 तक चला था. पहले लोकसभा चुनाव में 45.67 फ़ीसदी मतदान हुआ था. 2019 के लोकसभा चुनाव में 67.40 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे.  पहले लोकसभा चुनाव में कुल 53 पार्टियां चुनाव लड़ी थीं. इसमें 14 राष्ट्रीय दल और 39 क्षेत्रीय दल शामिल थे. वहीं 2019 के चुनाव में 673 पार्टियों चुनावी दंगल में कूदी थीं. इसमें 7 राष्ट्रीय दल और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां थीं.

बनाए गए थे इतने मतदान केंद्र: पूरे देश में पहले लोकसभा चुनाव के लिए 1,32,560 मतदान केंद्र बनाए गए थे. वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में 10,37,848 केंद्रों पर मतदान संपन्न हुआ था. पहले लोकसभा चुनाव में कुल 489 रिटर्निंग ऑफिसर्स की ड्यूटी लगाई गई थी. वहीं 2019 के चुनाव में 543 रिटर्निंग ऑफिसर, 819 जनरल ऑब्जर्वर, 705 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर और 299 पुलिस ऑब्जर्वर को तैनात किया गया था. पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए पहले लोकसभा चुनाव में 3,38,854 लाख पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान करीब 1 करोड़ 10 लाख पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी.