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Jodhpur Lok Sabha Seat: कांग्रेस का रहा दबदबा, 10 साल से बीजेपी का सांसद.. जानें जोधपुर लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास

Rajasthan Lok Sabha Election 2024: जोधपुर लोकसभा सीट (Jodhpur Lok Sabha Seat) पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी और निर्दलीय उम्मीदवार जसवंतराज मेहता सांसद चुने गए थे. इस बार बीजेपी ने गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा (Karan Singh Uchiyarda) को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर राजपूत समाज के 4 लाख से ज्यादा वोटर हैं. पिछले 10 साल से बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत सांसद हैं.

Jodhpur Lok Sabha Seat Jodhpur Lok Sabha Seat

जोधपुर लोकसभा सीट राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. कांग्रेस को इस सीट पर 8 बार जीत मिली है. जबकि बीजेपी ने 5 बार जीत हासिल की है. पिछले 10 सालों से जोधपुर सीट पर बीजेपी का कब्जा है. इस सीट पर राजपूत समुदाय के वोटरों की बहुलता है. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय की भी अच्छी-खासी संख्या है. यहाँ हम जोधपुर लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी गजेंद्र सिंह शेखावत को उम्मीदवार बनाया है. शेखावत 2 बार से सांसद हैं और उनके पास हैट्रिक बनाने का मौका है. गजेंद्र सिंह शेखावत मोदी सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं. जबकि कांग्रेस की तरफ करण सिंह उचियारड़ा मैदान में हैं. दोनों ही उम्मीदवार राजपूत समुदाय से आते हैं.

2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस उम्मीदवार वैभव गहलोत को 2 लाख 74 हजार 440 वोटों से हराया था. गजेंद्र सिंह को 7 लाख 88 हजार 888 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 5 लाख 14 हजार 448 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस सीट पर मुकुल चौधरी को उतारा था. उनको 11 हजार 703 वोट मिले थे. इस सीट पर नोटा (NOTA) पर 11 हजार 688 वोटर्स ने बटन दबाया था.

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जोधपुर सीट का इतिहास-
जोधपुर लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी. उस चुनाव में निर्दलीय जसवंतराज मेहता सांसद चुने गए थे. लेकिन बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. साल 1957 आम चुनाव में जसवंतराज मेहता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साल 1962 आम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मी मल्ल सिंघवी सांसद चुनी गई थीं.

साल 1967 आम चुनाव में कांग्रेस के नरेंद्र कुमार सांघी ने जीत हासिल की. साल 1971 आम चुनाव में निर्दलीय कृष्णा कुमारी सांसद चुनी गईं. साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के रणछोड़दास गट्टानी ने जीत हासिल की. साल 1980 आम चुनाव में कांग्रेस (आई) के टिकट पर अशोक गहलोत सांसद बने. उन्होंने साल 1984 आम चुनाव में भी जीत हासिल की.

जोधपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पहली बार साल 1989 आम चुनाव में जीत हासिल की थी. बीजेपी के टिकट पर जसवंत सिंह सांसद चुने गए. लेकिन इसके बाद तीन बार ये सीट कांग्रेस के खाते में गई. साल 1991, साल 1996 और साल 1998 आम चुनाव में कांग्रेस के अशोक गहलोत ने जीत दर्ज की.

साल 1999 आम चुनाव में बीजेपी ने वापसी की. बीजेपी के जसवंत बिश्नोई सांसद चुने गए. उन्होंने साल 2004 आम चुनाव में भी जीत हासिल की. लेकिन साल 2009 आम चुनाव में कांग्रेस के चंद्रेश कुमारी कटोच सांसद चुनी गईं. साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत चुनाव जीते और साल 2019 में फिर से सांसद चुने गए.

8 में से 7 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की जीत-
जोधपुर लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें फलौदी, लोहावट, शेरगढ़, सरदारपुरा, जोधपुर, सूरसागर, लूनी और पोखरण शामिल है. इसमें से 7 सीटें जोधपुर जिले और पोखरण विधानसभा सीट जैसलमेर जिले में है.

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में सरदारपुरा सीट से कांग्रेस के अशोक गहलोत विधायक चुने गए. जबकि बाकी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. फलौदी से पब्बा राम बिश्नोई, लोहावट से गजेंद्र सिंह खिमसर, शेरगढ़ से बाबू सिंह राठौड़, जोधपुर से अतुल भंसाली, सूरसागर से देवेंद्र जोशी, लूनी से जोगाराम पटेल और पोखरण से महंत प्रताप पुरी विधायक हैं.

जोधपुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण-
जोधपुर लोकसभा सीट पर राजपूत समुदाय के 4 लाख 44 हजार वोटर हैं. जबकि मुस्लिम समुदाय के 2.9 लाख वोटर हैं. इस सीट पर 1.4 लाख ब्राह्मण और 1.8 लाख बिश्नोई समुदाय के वोटर हैं. जोधपुर सीट पर 1.3 लाख जाट और 1.4 लाख मेघवाल हैं. इस सीट पर वैश्य समाज का 70 हजार और माली समाज का एक लाख वोट है.

जोधपुर सीट पर अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के 4 लाख वोटर हैं. वाल्मीकि समाज के 80 हजार और खटीक समाज के 30 हजार वोटर हैं. इस सीट पर शेष मूल ओबीसी के 4 लाख वोटर हैं. कुम्हार 70 हजार, रवाना राजपूत 60 हजार, चारण 40 हजार, पटेल 40 हजार, घांची 30 हजार, देवासी 30 हजार हैं.

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