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Pilibhit Lok Sabha Seat: 3 दशक से Maneka-Varun Gandhi का कब्जा, सबसे बड़ी निर्दलीय जीत का रिकॉर्ड, मुस्लिम वोटर्स का दबदबा... जानिए पीलीभीत लोकसभा सीट का इतिहास

Lok Sabha Election 2024: पीलीभीत लोकसभा सीट (Pilibhit Lok Sabha Seat) पर संजय गांधी (Sanjay Gandhi) की फैमिली का दबदबा रहा है. मेनका गांधी (Maneka Gandhi) 6 बार सांसद चुनी गई हैं. जबकि वरुण गांधी (Varun Gandhi) इस सीट से 2 बार सांसद बने हैं. ये सीट कभी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (Praja Socialist Party) का गढ़ होता था. लेकिन बाद के सालों में कांग्रेस और जनता पार्टी ने जीत हासिल की. लेकिन साल 1996 से लेकर अब तक ये सीट मेनका गांधी फैमिली के पास है.

Pilibhit Lok Sabha Seat Pilibhit Lok Sabha Seat

पीलीभीत लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड की सीमा के पास है. इस सीट पर पिछले तीन दशक से संजय गांधी की फैमिली का कब्जा है. संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी 6 बार पीलीभीत लोकसभा सीट से सांसद बनी हैं. जबकि उनके बेटे वरुण गांधी 2 बार सांसद बने हैं. पिछले 20 साल से मेनका गांधी बीजेपी की सियासत कर रही हैं. देश के पहले आम चुनाव को छोड़ दिया जाए तो अगले 3 आम चुनाव में इस सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी को जीत मिली थी. चलिए आपको इस सीट का जातीय समीकरण और इतिहास बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) और एनडीए (NDA) के बीच मुकाबला है. बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP)भी अकेले चुनाव मैदान में दम दिखा रही है. हालांकि अभी तक इस सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. बीएसपी ने इस सीट पर पूर्व मंत्री अनीस अहमद खां को उम्मीदवार बनाया है.

2019 चुनाव में वरुण गांधी की जीत-
साल 2019 आम चुनाव में पीलीभीत लोकसभा सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच मुकाबला था. बीजेपी उम्मीदवार वरुण गांधी 3 लाख से ज्यादा अंतर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराया था. वरुण गांधी को 7 लाख 4 हजार 549 वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हेमराज वर्मा को 4 लाख 48 हजार 922 वोट मिले थे.

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3 दशक से संजय गांधी की फैमिली का राज-
पीलीभीत लोकसभा सीट पर पिछले 3 दशक से संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी और बेटे वरुण गांधी का कब्जा है. मेनका गांधी ने इस सीट पर पहली बार साल 1989 में जीत दर्ज की थी. उनको जनता दल ने उम्मीदवार बनाया था. साल 1996 के बाद से लगातार इस सीट पर मेनका गांधी और वरुण गांधी चुनाव जीतते आए हैं. मेनका गांधी 6 बार सांसद चुनी गई हैं. जबकि वरुण गांधी 2 बार सांसद बने हैं.

पीलीभीत लोकसभा सीट का इतिहास-
पीलीभीत लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 में चुनाव हुआ था. जिसमें कांग्रेस के मुकुंद लाल अग्रवाल ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 3 बार इस सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा रहा. साल 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार मोहन स्वरूप ने जीत दर्ज की. मोहन स्वरूप साल 1962 और साल 1967 आम चुनाव में भी इस सीट से सांसद चुने गए. लेकिन साल 1971 आम चुनाव में मोहन स्वरूप ने पाला बदल लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. साल 1971 आम चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर मोहन स्वरूप फिर से सांसद चुने गए.

आपातकाल के बाद साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के मोहम्मद शम्सुल हसन खान विजय हुए. लेकिन इसके बाद 1980 आम चुनाव में कांग्रेस के हरीश कुमार गंगवार को जीत मिली. लेकिन साल 1984 में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदल दिया और भआनु प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में भानु प्रताप सिंह सांसद चुने गए.

साल 1989 आम चुनाव में जनता दल ने मेनका गांधी को पहली बार इस सीट से मैदान में उतारा. मेनका गांधी सांसद चुनी गईं. साल 1991 आम चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार परशुराम गंगवार ने जीत हासिल की. लेकिन साल 1996 में मेनका गांधी जनता दल के टिकट पर सांसद चुनी गईं. इसके बाद साल 1998, साल 1999 और साल 2004 में मेनका गांधी फिर से सांसद चुनी गईं.

साल 2009 आम चुनाव में पहली बार वरुण गांधी चुनावी मैदान में उतरे. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उनको पीलीभीत से मैदान में उतारा. वरुण गांधी ने कांग्रेस उम्मीदवार वीएम सिंह को बड़े अंतर से हराया. इसके बाद साल 2014 में एक बार फिर मेनका गांधी को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया. मेनका गांधी ने इस सीट पर जीत दर्ज की. लेकिन साल 2019 में एक बार फिर वरुण गांधी इस सीट से सांसद चुने गए.

पीलीभीत सीट का जातीय समीकरण-
पीलीभीत लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता है. इनकी संख्या करीब 4.30 लाख हैं. इसके अलावा इस सीट पर सवा दो लाख कुर्मी वोटर भी हैं. 4 लाख दलित वोटर हैं, जो हार-जीत का फैसला करने में अहम भूमिका निभाते हैं. पीलीभीत में 1.7 लाख ब्राह्मण और एक लाख सिख वोटर हैं. इसके अलावा इस सीट पर राजपूत और किसानों की भी अच्छी-खासी तादाद हैं.

5 विधानसभा सीटों का समीकरण-
पीलीभीत लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभाएं आती हैं. इसमें बहेड़ी, पीलीभीत, बरखेरा, पूरनपुर और बीसलपुर शामिल हैं. इसमें से 4 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. बहेड़ी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के अताउर रहमान विधायक चुने गए हैं. जबकि पीलीभीत से संजय गंगवार, बरखेरा से स्वामी प्रकटानंद, पूरनपुर से बाबूराम पासवान और बीसलपुर से विवेक वर्मा विधायक हैं.

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