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Saharanpur Lok Sabha Seat: 6 लाख मुस्लिम, 3 लाख दलित, साढ़े 3 लाख सवर्ण... किस पार्टी का रहा है दबदबा, जानिए सहारनपुर लोकसभा सीट का इतिहास

Lok Sabha Elections 2024: सहारनपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा कांग्रस ने 6 बार हासिल की है. जबकि बीजेपी और बीएसपी को 3-3 बार जीत मिली है. इस सीट सेरशीद मसूद सबसे ज्यादा 5 बार सांसद चुने गए हैं. जबकि कांग्रेस के सुंदर लाल 4 बार विजयी हुए. सहारनपुर लोकसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता है.

Saharanpur Lok Sabha Seat Saharanpur Lok Sabha Seat

सहारनपुर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में है. लकड़ी पर हाथ से नक्काशी के लिए मशहूर इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय का आबादी 41 फीसदी है. इस सीट पर सबसे ज्यादा बार कांग्रेस को जीत मिली है. कांग्रेस ने 6 बार इस सीट पर जीत दर्ज की है. जबकि बीजेपी और बीएसपी ने 3-3 बार जीत दर्ज की है. चलिए आपको इस सीट के जातीय समीकरण और इतिहास के बारे में बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको मैदान में उतारा-
सहारनपुर लोकसभा सीट बीजेपी ने एक बार फिर राघव लखनपाल को टिकट दिया है. लखनपाल पिछला चुनाव बीएसपी उम्मीदवार से हार गए थे. बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इस बार माजिद अली को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने इस सीट से इमरान मसूद को मैदान में उतारा है.

2019 आम चुनाव में बीएसपी की जीत-
साल 2019 आम चुनाव में बीएसपी ने हाजी फजलुर रहमान को उम्मीदवार बनाया था. हाजी रहमान ने बीजेपी के राघव लखनपाल को 22417 वोटों से हराया था. हाजी रहमान को 5 लाख 14 हजार 139 वोट मिले थे, जबकि राघव लखनपाल को 4 लाख 91 हजार 722 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के इमरान मसूद को 2 लाख 7 हजार 68 वोट मिले थे.

सहारनपुर सीट का इतिहास-
सहारनपुर लोकसभा सीट पर साल 1952 आम चुनाव में पहली बार वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में अजित प्रसाद जैन और सुंदर लाल सांसद चुने गए थे. साल 1957 में कांग्रेस के अजित प्रसाद जैन ने जीत हासिल की थी. उसके बाद साल 1962, साल 1967 और साल 1971 में कांग्रेस की तरफ से सुंदर लाल सांसद चुने गए.

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आपातकाल के बाद साल 1977 आम चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. जनता पार्टी के रशीद मसूद ने जीत हासिल की थी. साल 1980 आम चुनाव में रशीद मसूद ने जनता पार्टी (सेकुलर) के टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के यशपाल सिंह को जीत मिली थी. इसके बाद साल 1989 और साल 1991 चुनाव में जनता दल के रशीद मसूद सांसद चुने गए.
साल 1996 आम चुनाव में पहली बार इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (BSP) को जीत मिली. बीजेपी के उम्मीदवार नकली सिंह ने सांसद बने. नकली सिंह साल 1998 आम चुनाव में भी सांसद चुने गए.

साल 1999 आम चुनाव में बीएसपी को पहली बार जीत हासिल हुई. बीएसपी के मंसूर अली खान ने जीत दर्ज की. लेकिन साल 2004 में समाजवादी पार्टी के रशीद मसूद सांसद चुने गए. साल 2009 आम चुनाव में बीएसपी ने वापसी की और जगदीश सिंह राणा ने चुनाव जीत लिया. साल 2014 में बीजेपी के राघव लखनपाल को जीत मिली. जबकि साल 2019 में बीएसपी के हाजी फजलुर रहमान सांसद बने.

5 विधानसभा सीटों का समीकरण-
सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें आती हैं. इसमें बीहट, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद और रामपुर मनिहारन शामिल है. साल 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 3 सीटों और समाजवाटी पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिली थी. बीहट से समाजवादी पार्टी के उमर अली खान और सहारनपुर से आशु मलिक विधायक चुने गए. जबकि सहारनपुर नगर से बीजेपी के राजीव गुम्बर, देवबंद से ब्रिजेश सिंह और रामपुर मनिहारन से बीजेपी के देवेंद्र कुमार निगम ने जीत दर्ज की.

इस सीट का जातीय समीकरण-
इस शहर की आबादी की बात करें तो 56 फीसदी हिंदू और 41 फीसदी जनसंख्या मुस्लिम समुदाय की है. इस सीट पर दलित वोटर भी मायने रखते हैं. दलित वोटर्स की संख्या 3 लाख के करीब है. इस क्षेत्र में राजपूत, गुर्जर, सैनी जैसी जातियों का भी अच्छा-खासा वोट है. गुर्जर समुदाय के 1.5 लाख वोट हैं. इस क्षेत्र में 3.5 लाख सवर्ण वोटर हैं. जबकि अन्य वोटर करीब 3 लाख हैं.

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