बिहार की ज़बरदस्त जीत को BJP की स्ट्रेटेजिक काबिलियत का सबूत माना जा रहा है, जिसमें पार्टी की कामयाबी में तीन खास लोगों ने अहम रोल निभाया. इसमें अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े का नाम शामिल है. माना जा रहा है कि BJP के जीत वाले कैंपेन के मास्टरमाइंड ये तीनों दिग्गज थे. अमित शाह को ऐसी रणनीति तैयार करने के लिए जाना जाता है, जिनसे जीत निश्चित हो. उनके एक्सपीरियंस और लीडरशिप ने बिहार में पार्टी कैंपेन को शेप देने में अहम रोल निभाया. शाह, तावड़े और प्रधान की टीम ने मिलकर खास सीटों की पहचान की और उनपर जीत की मुहर लगाने का फॉर्मूला तैयार किया.
धर्मेंद्र प्रधान के जिम्मे आया पार्टी कैंपेन
BJP के नेशनल जनरल सेक्रेटरी धर्मेंद्र प्रधान को बिहार में पार्टी के कैंपेन की देखरेख का काम सौंपा गया था. उन्होंने पार्टी के ऑर्गेनाइज़ेशनल स्ट्रक्चर को मज़बूत करने और ज़मीनी स्तर पर एक मज़बूत टीम तैयार की. प्रधान की मेहनत से BJP को खास सीटों पर जीत मिली और राज्य में मज़बूत मौजूदगी स्थापित हो पाई.
मुद्दों की पहचान रखते हैं तावड़े
BJP के नेशनल सेक्रेटरी विनोद तावड़े ने बिहार में पार्टी की रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने प्रधान के साथ मिलकर राज्य के खास मुद्दों की पहचान कर, उन्हें दूर करने और जीत की राह आसान बनाने का काम किया. तावड़े की सोशल इंजीनियरिंग की एक्सपर्टीज़ और बिहार के कॉम्प्लेक्स सोशल डायनामिक्स की समझ से राज्य में BJP को सपोर्ट का एक मज़बूत गठबंधन बनाने में मदद की.
पार्टी किसी से नहीं कम
बिहार में भाजपा की जीत पर मुहर लगने से, तीनों की मेहनत वसूल हो गई. साथ मिलकर काम करना और जीतने की स्ट्रैटेजी बनाना पार्टी के लिए बेहद जरूरी था, जिसमें तीनों खरे उतरे. यह जीत इस बात का सबूत है कि पार्टी हालातों के हिसाब से एडजस्ट करती है और आगे बढ़ने की काबिलियत का रखती है.
बिहार में BJP की जीत को पार्टी के गुड गवर्नेंस और डेवलपमेंट के लिए कमिटमेंट की झलक के तौर पर भी देखा जा रहा है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, हेल्थकेयर और एजुकेशन पर पार्टी का फोकस वोटर्स को पसंद आया, और BJP का कैंपेन इन मैसेज को वोटर्स तक असरदार तरीके से पहुंचाने में कामयाब रहा. बिहार में BJP की जीत एक बड़ी कामयाबी है, और शाह, प्रधान और तावड़े के रोल को कम करके नहीं आंका जा सकता. उनकी लीडरशिप और स्ट्रैटेजिक विज़न ने पार्टी को एक बड़ी जीत दिलाने में मदद की.
- मंजीत सिंह नेगी की रिपोर्ट