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Gujarat Elections 2022: गुजरात चुनाव में मुस्लिम वोटर्स की कितनी है सियासी ताकत, जानिए किस पार्टी ने कितने उम्मीदवारों को दिया है टिकट

गुजरात में मुस्लिम आबादी लगभग 10 प्रतिशत है. इसके बावजूद मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में पिछले कई चुनावों से न बीजेपी, न ही कांग्रेस और न ही कोई अन्य पार्टियां दिलचस्पी दिखा रही हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने केवल छह मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. आप ने तीन और एआईएमआईएम ने 13 उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 गुजरात विधानसभा चुनाव 2022
हाइलाइट्स
  • विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के सिर्फ छह प्रत्याशियों को दिया है टिकट

  • बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं दिया है टिकट, आप ने तीन को दिया है मौका

  • राज्य की 25 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम समुदाय की है अच्छी पकड़

गुजरात में मुस्लिम आबादी लगभग 10 प्रतिशत है. 25 विधानसभा की सीटों पर मुस्लिम समुदाय की अच्छी पकड़ है. इसके बावजूद मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में पिछले कई चुनावों से न बीजेपी, न ही कांग्रेस और न ही कोई अन्य पार्टियां दिलचस्पी दिखा रही हैं. हम बात करें गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तो कांग्रेस के उम्मीदवारों में से केवल छह प्रत्याशी मुस्लिम समुदाय के हैं. दूसरी ओर इस बार भी बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. आप ने तीन और एआईएमआईएम ने 13 उम्मीदवारों को टिकट दिया है.आज से 24 वर्ष पहले बीजेपी ने चुनाव लड़ने के लिए एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा था जबकि दूसरी ओर कांग्रेस ने पिछले विधानसभा के चुनावों में 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव के लिए टिकट दिया था. साल 1980 के बाद से गुजरात के  विधानसभा के क्षेत्रो में मुस्लिम प्रतिनिधित्व में तेजी के साथ गिरावट आई है. 

राम जन्मभूमि अभियान ने हिंदुत्व की राजनीति की खोली राह
1990 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राम जन्मभूमि अभियान ने हिंदुत्व की राजनीति की राह खोली. उस समय बीजेपी और जनता दल ने कोई मुस्लिम कैंडिडेट नहीं उतारा. कांग्रेस ने 11 को उतारा जिनमें से सिर्फ दो जीते. 1995 में कांग्रेस ने 10 मुस्लिमों को टिकट दिया. सभी की हार हुई. 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद राजनीति का ऐसा ध्रुवीकरण हुआ कि कांग्रेस ने भी मुस्लिमों को टिकट देना कम कर दिया. उधर, बीजेपी ने 1998 में पहली बार भरूच जिले की वागरा सीट से एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया था, मगर वह हार गए.तब से अब तक बीजेपी ने किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया.बीजेपी मानती है कि मुस्लिम उम्मीदवार की जीत की गुंजाइश कम रहती है.

अहमद पटेल के बाद नहीं चुनकर आया गुजरात से कोई मुस्लिम सांसद
अहमद पटेल तीन बार लोकसभा और पांच बार राज्यसभा सांसद रहे हैं, लेकिन एक बार भी मंत्री नहीं बने. दिलचस्प बात यह है कि गुजरात से लोकसभा पहुंचने वाले वो आखिरी मुस्लिम सांसद थे. अहमद पटेल भरूच से 1984 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते थे और 1989 में बीजेपी से हारने के बाद उन्होंने राज्यसभा का रास्ता आख्तियार कर लिया. इसके बाद से गुजरात से कोई दूसरा मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचा सका.

गुजरात के ये जिले हैं मुस्लिम बहुल
गुजरात के कच्छ जिले में कुल मुस्लिम आबादी 21 फीसदी है. इस जिले में कुल छह विधानसभा सीटें हैं. पिछले विस चुनाव में चार सीटों पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया था. दो सीटों पर कांग्रेस विजयी रही थी. हालांकि इस बार मुस्लिम वोट में सेंध एआईआईएम पार्टी डालेगी. गुजरात विधानसभा में जामनगर सीट काफी महत्वपूर्ण हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 15 फीसदी मुस्लिम आबादी है. जूनागढ़ जिले के अंदर कुल पांच विधानसभा सीट है. साल 2017 में जूनागढ़ में कुल 49.60 प्रतिशत वोट पड़े थे. कांग्रेस पार्टी ने इस क्षेत्र में बढ़त मिली थी. कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम वोटों का समर्थन प्राप्त हुआ था. खेडा जिले के अंतरगर्त कुल सात विधानसभा सीटें आती हैं. इस इलाके में भी बीजेपी का वर्चस्व रहा है. यहां करीब 12 फीसदी मुसलमानों का वोट है. राजकोट जिला काफी महत्वपूर्ण है. इस जिले में कुल आठ विधानसभा सीटें है. इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 10 फीसदी मुस्लिम वोटर्स हैं.