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Explainer: राजनीतिक दलों को कैसे मिलता है National Party का दर्जा, जानिए

किसी भी पार्टी को National Party का दर्जा हासिल करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है. अगर कोई पार्टी उन शर्तों को पूरा करती है तो इलेक्शन कमीशन उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देता है. अगर AAP गुजरात या हिमाचल प्रदेश में 2 सीटों के साथ 6 फीसदी वोट हासिल कर लेती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है.

किसी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए शर्तें किसी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए शर्तें
हाइलाइट्स
  • 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा हो तो मिलेगा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

  • 3 राज्यों में लोकसभा की 3 फीसदी सीटें जीतने पर मिलता है दर्जा

हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में बीजेपी और हिमाचल प्रदेश में कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया गया है. दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत मिलती दिख रही है.  गुजरात में भी AAP का खाता खुल सकता है. एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में आम आदमी पार्टी को 9 से 21 सीटें मिल सकती हैं. अगर आम आदमी पार्टी गुजरात में दो सीटें भी जीत जाती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है.

AAP को मिल जाएगा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा-
किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी होता है. पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है. गोवा विधानसभा चुनाव में AAP ने 6.8 फीसदी वोट हासिल किया था. इसके बाद गोवा में आम आदमी पार्टी एक मान्यता प्राप्त पार्टी बन गई. ऐसे में एक एक और राज्य में अरविंद केजरीवाल की पार्टी को मान्यता मिल जाती है तो आधिकारिक तौर पर उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा. इस तरह से अगर गुजरात में AAP को सिर्फ 2 सीटें मिल जाती हैं तो वो राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है.

राष्ट्रीय पार्टी बनने की शर्तें-
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए कुछ नियम और मापदंड है. अगर कोई भी पार्टी इन नियमों का पालन करती है और मापदंड को पूरा करती है तो निर्वाचन आयोग उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देता है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए कई शर्तें होती हैं. जिसमें से कम से कम एक शर्त को पूरा करना अनिवार्य होता है. चलिए आपको बताते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए क्या शर्तें होती हैं.

  • अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है.
  • अगर कोई दल 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 3 फीसदी सीटें जीतती है. इसका मतलब है कि 11 सीटें जीतना जरूरी है. लेकिन ये सीटें सिर्फ एक राज्य से नहीं, अलग-अलग राज्यों से होनी चाहिए.
  • अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल करती है. तो उसे राष्ट्रीय पार्टी माना जाता है.
  • अगर कोई भी पार्टी इन तीनों शर्तों में से किसी एक शर्त को पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है.

स्टेट पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है-
राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए एक शर्त 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त करना भी है. लेकिन स्टेट पार्टी का दर्ज कैसे मिलता है? इसके लिए क्या शर्तें हैं? तो चलिए आपको बताते हैं कि क्षेत्रीय पार्टी बनने के लिए क्या-क्या शर्तें हैं.

  • अगर कोई दल किसी राज्य में लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 8 फीसदी वोट हासिल करता है तो उसे क्षेत्रीय दल का दर्जा मिल जाता है.
  • अगर किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में 6 फीसदी वोट मिलता है और वो पार्टी 2 सीटों पर जीत हासिल करती है. तब भी उसे स्टेट पार्टी का दर्जा मिलता है.
  • अगर कोई पार्टी विधानसभा चुनाव में 3 सीटों पर जीत हासिल कर लेती है. भले ही उसका वोट परसेंटेज 6 फीसदी से कम हो. तो भी उसे स्टेट पार्टी का दर्जा मिल जाता है.

देश में कितने राष्ट्रीय दल हैं-
देश में 8 दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है. इसमें बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, टीएमसी, एनसीपी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) और एनपीपी शामिल है. नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी एनपीपी को सबसे आखिरी में साल 2019 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है.

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