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सबसे पहले जय हिंद नारा गढ़ने वाले चेम्पाकरमन पिल्लई पर बनेगी बायोपिक, एक समय में अपमानजनक टिप्पणियों के लिए एडॉल्फ हिटलर से मांगी थी लिखित माफी 

Chempakaraman Pillai Biopic: स्वतंत्रता सेनानी चेम्पाकरमन पिल्लई पर बायोपिक फिल्म बनने जा रही है. इसकी घोषणा 15 अगस्त पर की गई है. डॉ. चेम्पाकरमन पिल्लई वो शख्स हैं जिन्होंने 1907 में जय हिंद शब्द गढ़ा था.

Chempakaraman Pillai Chempakaraman Pillai
हाइलाइट्स
  • इनके बाद ही भारतीय राष्ट्रीय सेना इसे अपनाया था 

  • डॉ चेम्पकरमन पिल्लई पर बनेगी बायोपिक 

स्कूल में हम हमेशा जय हिंद से राष्ट्रगान का समापन करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जय हिंद शब्द कहां से आया है? तो आपको बता दें, स्वतंत्रता सेनानी चेम्पाकरमन पिल्लई ने सबसे पहले ‘जय हिंद’ शब्द दिया था. अब इन्हीं के जीवन पर घोषित एक बायोपिक फिल्म आ रही है. इसकी घोषणा 15 अगस्त को अंजुम रिजवी, राघवेंद्र एन और रिजू बजाज ने की है.

डॉ चेम्पकरमन पिल्लई पर बनेगी बायोपिक 

15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अंजुम रिजवी फिल्म कंपनी, अनुराग एंटरटेनमेंट और लिफ्ट इंडिया स्टूडियोज ने की इस बायोपिक फिल्म के बनने की घोषणा की है. ‘जय हिंद’ नाम की अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म डॉ चेम्पकरमन पिल्लई के जीवन पर बनने जा रही है. बता दें, डॉ चेम्पकरमन पिल्लई एक राजनीतिक कार्यकर्ता और क्रांतिकारी थे जिन्होंने ‘जय हिंद’ का नारा गढ़ा था. 

इनके बाद ही भारतीय राष्ट्रीय सेना इसे अपनाया था 

आपको बताते चलें, डॉ. चेम्पाकरमन पिल्लई ने 1907 में "जय हिंद" शब्द गढ़ा. जिसके बाद 1940 के दशक में आबिद हसन सफरानी के सुझाव पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय सेना के नारे के रूप में इसे अपनाया. भारत की स्वतंत्रता के बाद, जय हिंद भारत के राष्ट्रीय नारे के रूप में उभरा. वर्तमान समय में देश की सेनाओं में व्यापक रूप से इसका उपयोग किया जा रहा है.

कौन हैं  डॉ. चेम्पाकरमन पिल्लई?

दरअसल, डॉ चेम्पाकरमन पिल्लई एक स्वतंत्रता सेनानी थे. प्रथम विश्व युद्ध के बाद, डॉ चेम्पाकरमन ने  ज्यूरिख में अंतर्राष्ट्रीय भारत समर्थक समिति की स्थापना की थी. बाद में उन्होंने इसे बर्लिन समिति में मिला दिया था, जो यूरोप में सभी भारतीय समर्थक क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए मार्गदर्शक और नियंत्रण संस्था बन गई. इसने भारत की स्वतंत्रता में एक बड़ा योगदान दिया. 

बताते चलें कि पिल्लई एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने उस समय भारतीयों पर अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए एडॉल्फ हिटलर से लिखित माफी मांगने की हिम्मत की थी. हालांकि, चेम्पाकरमन पिल्लई का नाम भी आज अधिकांश भारतीयों के लिए अज्ञात है. 

कितनी भाषा में आएगी फिल्म?

फिल्म जय हिंद, चंपाकरमन पिल्लई और अन्य भूले हुए दिग्गजों के आसपास केंद्रित भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की सच्ची घटनाओं पर आधारित है. इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक राजेश टचरिवर द्वारा लिखा और निर्देशित किया जाएगा.  वहीं इस फिल्म की अगर भाषा की बात करें, तो फिल्म की मुख्य भाषा अंग्रेजी होगी. फिल्म ज्यादा लोगों तक पहुंच सके इसके लिए इसे हिंदी और तमिल समेत अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओं में भी रिलीज किया जाएगा.