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History of Cannes Festival: फ्रांस में सबसे पहली बार हुआ था Cannes, जानें कैसे देखते ही देखते लाइट, कैमरा और एक्शन का सबसे बड़ा फेस्टिवल बन गया ये इवेंट

History of Cannes: 20 सितंबर 1946 को पहली बार कान फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हुआ. उद्घाटन समारोह में 16 अलग-अलग देशों की 18 फिल्मों की सीरीज शामिल थी, जिनमें "द लॉस्ट वीकेंड" और "ब्रीफ एनकाउंटर" जैसी क्लासिक फिल्में शामिल थीं.

Cannes Festival (Photo: AFP) Cannes Festival (Photo: AFP)
हाइलाइट्स
  • सिनेमा के लिए एक खेल का मैदान

  • एक सिनेमाई सपने का जन्म

सिनेमा, स्टार्स और स्टाइल का एक शानदार आयोजन चल रहा है. ये आयोजन और कोई नहीं बल्कि कान फेस्टिवल (Cannes Festival) का है. हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक में इस फेस्टिवल का उत्साह रहता है. बीते कुछ सालों में इस आयोजन ने दुनिया भर के लोगों की नजर अपनी ओर खींची है. दुनियाभर के बड़ी-बड़ी हस्तियां और नामी सितारे इसमें शिरकत करते हैं. लेकिन कान फेस्टिवल का सफर कैसे शुरू हुआ ये बहुत कम लोग जानते हैं. 

एक सिनेमाई सपने का जन्म

कान फेस्टिवल की कहानी द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के बाद से शुरू होती है. ये वो समय था जब दुनिया में कला और संस्कृति को लेकर कोई बड़ा इवेंट नहीं होता था. साल 1938 में, वेनिस फिल्म फेस्टिवल ने दर्शकों का काफी मन मोह लिया था, लेकिन जैसे ही यूरोप में युद्ध छिड़ गया, यह फेस्टिवल गुमनामी में डूब गया. हालांकि, इस बीच फ्रांस युद्ध से नए जोश और रचनात्मकता के साथ उभरा. 1946 में, युद्धग्रस्त यूरोप के खंडहरों के बीच, कान फिल्म फेस्टिवल का जन्म हुआ. 

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(फोटो-AFP)
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सिनेमा के लिए एक खेल का मैदान

सबसे पहले फ्रांस के फ्रेंच रिवेरा से कान फेस्टिवल की शुरुआत हुई. नीला पानी, समुद्र किनारा और शानदार होटल को इस ग्लैमरस इवेंट का मंच बनाया गया. इस फेस्टिवल का उद्देश्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ दुनियाभर के बेहतरीन सिनेमा को एक मंच देना है. 

20 सितंबर 1946 को पहली बार कान फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हुआ. उद्घाटन समारोह में 16 अलग-अलग देशों की 18 फिल्मों की सीरीज शामिल थी, जिनमें "द लॉस्ट वीकेंड" और "ब्रीफ एनकाउंटर" जैसी क्लासिक फिल्में शामिल थीं. प्रसिद्ध निर्देशक जॉर्जेस हुइसमैन ने जूरी की अध्यक्षता की थी. 

कान फिल्म फेस्टिवल का पुरस्कार पाम डी'ओर 

1955 में, कान फिल्म फेस्टिवल ने प्रतिष्ठित पुरस्कार पाल्मे डी'ओर (Palme d'Or) की शुरुआत हुई. क्रोइसेट की कतार में लगे ताड़ के पेड़ों के नाम पर, यह सुनहरी ताड़ के पत्ते की ट्रॉफी सिनेमाई प्रतिभा की पहचान बन गई. पाम डी'ओर उस फिल्म को दिया जाता है जिसने सिनेमा की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है.

(फोटो-AFP)
(फोटो-AFP)

घोटाले और विवाद से भी घिरा रहा है ये फेस्टिवल 

हालांकि, कान फिल्म फेस्टिवल का इतिहास घोटालों और विवादों से भरा रहा है. दर्शकों की हूटिंग से लेकर विवादास्पद फिल्मों पर गरमागरम बहस तक, कान कभी भी विवादों से दूर नहीं रहा है. लेकिन फिर भी, असहमति और बहस के बीच कान ने कलात्मक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के गढ़ के रूप में अपनी पहचान बनाई है. 

सिल्वर स्क्रीन से परे, कान सितारों के लिए खेल का मैदान भी है. दुनिया भर से मशहूर हस्तियां क्राइसेट में आती हैं, जिससे इसे ग्लैमर और चकाचौंध का फेस्टिवल भी कहा जाता है. 

(फोटो-AFP)
(फोटो-AFP)

पिछले कुछ दशकों में, कान फिल्म फेस्टिवल महज एक फिल्म महोत्सव से कहीं ज्यादा बनकर उभरा है. यह एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गया है. जैसे-जैसे हम वर्तमान समय में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, कान फिल्म फेस्टिवल की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.