scorecardresearch

भोजपुर की सोंधी महक से भी था लता मंगेशकर का कनेक्शन, कई भोजपुरी फिल्मों में दी थी अपनी आवाज

बिहार की मिट्टी और भोजपुरी से उन्हें अच्छा खासा प्रेम था. वो गाना था मारे करेजवा में तीर जो आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय है. उसके अलावा लाले-लाले ओठवा से बरसे ला ललईया हो कि रस चुवेला. ये गाना उन्होंने मोहम्मद रफी के साथ गाया था, जिसे आज भी पसंद किया जाता है.

भोजपुर की सोंधी महक से भी था लता मंगेशकर का कनेक्शन... भोजपुर की सोंधी महक से भी था लता मंगेशकर का कनेक्शन...
हाइलाइट्स
  • डॉ राजेंद्र प्रसाद के कहने पर गाया था भोजपुरी गाना

  • मोहम्मद रफी के साथ गाया था भोजपुरी गाना

बिहार की मिट्टी से स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का गहरा लगाव था. लता ने भोजपुरी को भी अपने सुरों से सजाकर पूरे बिहार के दिलों पर एक अलग छाप छोड़ी थी. भोजपुरी फिल्मों में पहले-पहल गायक के रूप में उन्होंने कई गीतों को अपना सुर देकर उन्हें लोगों के कानों तक गूंजने वाली सरिता बहा दी थी. लता भले हमारे बीच नहीं रहीं. लेकिन बिहार और भोजपुरी भाषा में गाये उनके गाने, भोजपुरी समाज और बिहार के लोगों के दिलो-दिमाग पर आज भी गहरी छाप छोड़े हुए हैं. 
लता ने भोजपुरी फिल्मों में एक से एक सुपरहिट गाने दिए हैं. लता की आवाज में गाए हुए भोजपुरी गानों की लिस्ट काफी लंबी है, लेकिन कुछ ऐसी फिल्में और गाने हैं, जो लता जी से सीधे बिहार को जोड़ते हैं. 

डॉ राजेंद्र प्रसाद के कहने पर गाया था भोजपुरी गाना
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की फरमाइश पर भोजपुरी की पहली फिल्म "गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो" में एक गाना डाला गया. जिसे लता जी ने अपना स्वर दिया. वो गाना आज भी लोगों के जेहन से उतरता नहीं है. कवि और भोजपुरी फिल्मों के जानकर पूर्णानंद मिश्रा कहते हैं कि लता जी का गाया गाना गंगा मइया तोहे पियरी चढ़ईबो सईया से कर द मिलनवा हे राम, आज भी अमर है. आज तक उस गाने की रिद्म, लय और कशिश को कोई गायक नहीं छीन पाया. वो गाना आज भी अमर है.

भोजपुरी इंडस्ट्री पर भी था राज
पूर्णानंद बताते हैं कि "गंगा मइया तोहे पियरी चढ़ईबो" में एक और गाना जो लता जी ने बड़ी शिद्दत के साथ गाया था, वो भी आजतक लोकप्रिय है और यू ट्यूब पर लाखों लोगों ने उसे सुना. लता मंगेशकर का सीधा कनेक्शन बिहार के भोजपुरी की सोंधी महक से था. कई भोजपुरी फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी थी. बिहार की मिट्टी से स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का गहरा लगाव था. लता ने भोजपुरी को भी अपने सुरों से सजाकर पूरे बिहार के दिलों पर एक अलग छाप छोड़ी थी. 

मोहम्मद रफी के साथ गाया था भोजपुरी गाना
बिहार की मिट्टी और भोजपुरी से उन्हें अच्छा खासा प्रेम था. वो गाना था मारे करेजवा में तीर जो आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय है. उसके अलावा लाले-लाले ओठवा से बरसे ला ललईया हो कि रस चुवेला. ये गाना उन्होंने मोहम्मद रफी के साथ गाया था, जिसे आज भी पसंद किया जाता है.

लता जी का बिहार कनेक्शन
लता जी के बिहार कनेक्शन का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि शुरुआती दिनों में उनके सुर से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सजी रही. फिल्म "लागी नाही छुटे राम" का वो गाना, जा रे सगुना जा रे कही दे सजनवा से आज भी लोकप्रिय है. जब दोबारा भोजपुरी इंडस्ट्री में फिल्में बननी शुरू हुई तब भोजपुरी अभिनेता रवि किशन की फिल्म "दुल्हन चाही" में प्रितिया के खेल गाने को लता ने गाया था. इस तरह भोजपुरी गीतों को अपनी सुर देने वाली लता जी का बिहार से बहुत गहरा लगाव था और वो भोजपुरी गाने बड़ी चाव से गाती थीं.