दिल्ली -एनसीआर में एनआईए की छापेमारी
दिल्ली -एनसीआर में एनआईए की छापेमारी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली-एनसीआर, यूपी, कश्मीर में लश्कर, जैश, हिज़्बुल, अल बदर, TRF, मुजाहिद्दीन गजावतुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों के 18 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. ये लगातार तीसरा दिन है जब NIA जम्मू कश्मीर में आतंकियों और उनसे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. एनआईए के अधिकारियों ने जांच किए जा रहे दो मामलों के सिलसिले में श्रीनगर, अनंतनाग और बारामूला जिलों में छापेमारी की. इस छापेमारी के लिए एजेंसी ने सीआरपीएफ की सहायता ली.
भारतीय खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी मिली थी कि देश में त्योहारों के मौके पर पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई बड़ा हमला करा सकती है. इसके मद्देनज़र रविवार को राजधानी दिल्ली की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. दिल्ली पुलिस होटल्स और गेस्ट हाउस पर नजर रख रही है. किराएदारों के वैरिफिकेशन पर भी जोर दिया जा रहा है.
दिल्ली- एनसीआर में पांच ठिकानों पर भी NIA की छापेमारी
NIA दिल्ली-एनसीआर के पांच ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है. दिल्ली-एनसीआर में ये छापेमारी गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर जब्त ड्रग्स के सिलसिले में हो रही है. एनआईए ने ये छापेमारी दिल्ली और यूपी में छुपे कुछ कश्मीरियों की तलाश में भी की है.
गिरफ्त में उमर निसार
पहले चरण में जम्मू-कश्मीर में 11 स्थानों पर तलाशी ली गई थी. आईएसआईएस के तीन बड़े गुर्गों को अचबल, अनंतनाग से गिरफ्तार किया गया. उमर निसार, तनवीर अहमद भट, रमीज लोन पहले से ही एनआईए की हिरासत में हैं. सूत्रों के मुताबिक उमर निसार भारत में ISIS के गुर्गों और अफगान-पाक स्थित ISIS हैंडलर्स के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी था. 2017 के बाद से वो आईएसजेके / एचपी के वली और मूल रूप से श्रीनगर के रहने वाले पाकिस्तान आईएसआई के एक पुराने सदस्य एजाज अहंगर के साथ लगातार संपर्क में था और निर्देश ले रहा था.
'भोले-भाले मुस्लिम युवकों को बना रहे कट्टरपंथी'
अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला है कि सीरिया/इराक में आईएस के पतन के बाद, अमीन ने मार्च, 2020 में ‘हिजरा’ (धार्मिक प्रवास) और आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने के लिए कश्मीर का दौरा किया था और कश्मीर के आरोपी मोहम्मद वकार लोन उर्फ विल्सन कश्मीरी और उसके साथियों से धन भी जुटाया था.
अधिकारी ने कहा, साजिश के तहत, अमीन के निर्देश पर मामले के आरोपियों द्वारा बैंकिंग चैनलों और डिजिटल भुगतान विधियों के माध्यम से लोन को धन भी ट्रांसफर किया गया था. अधिकारी ने कहा कि अमीन और उसके सहयोगी भारत में जिहाद और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भोले-भाले मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बना रहे थे और कश्मीर और केरल के कुछ हिस्सों और कर्नाटक में नेटवर्क का विस्तार करने में सफल रहे थे.
ISIS मैग्जीन मामले में भी हुई थी छापेमारी
मामला 'वॉयस ऑफ हिंद' पत्रिका से संबंधित है जिसका उद्देश्य भारत में प्रभावशाली युवाओं को उकसाना और कट्टरपंथी बनाना है. बताया जा रहा है कि दूसरा मामला जम्मू के बठिंडी इलाके में एक तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) की बरामदगी से संबंधित है.