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मध्यप्रदेश के 1.7 लाख नागरिकों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड का पीएम मोदी ने दिया तोहफा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्यप्रदेश के हरदा जिले के स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की और इस अवसर पर उन्होंने 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित किया.

पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से की बात पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से की बात
हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से संवाद किया.

  • 1.70 लाख से अधिक परिवारों को 'संपत्ति कार्ड '

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से बातचीत की. इस अवसर पर उन्होंने 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित किया.

पीएम मोदी ने कहा कि प्रारंभिक चरण में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और कर्नाटक में कुछ गांवों में पीएम स्वामित्व योजना शुरू की गई थी. इन राज्यों में 22 लाख परिवारों के संपत्ति कार्ड बनाए गए हैं.

3000 गांवों के 1.70 लाख से अधिक परिवारों को 'संपत्ति कार्ड'

पीएम ने कहा कि इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया था. हम देश के अन्य राज्यों में इसका विस्तार कर रहे हैं. सांसद ने इस योजना पर तेज गति से काम किया और इसके लिए सराहना के पात्र हैं. आज 3000 गांवों के 1.70 लाख से अधिक परिवारों को संपत्ति कार्ड 'अधिकार अभिलेख' मिला, जो समृद्धि लाएगा.

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी ने उज्ज्वला योजना, आवास, आयुष्मान भारत, पीएम स्वनिधि, फसल बीमा योजना जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों के जीवन को सरल बनाया है. शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में हरदा का किसान सिंचाई के जल के लिए तरसता था और अब 85% से अधिक सिंचित भूमि है, जो शीघ्र ही 100% हो जायेगा. 
 

क्या है यह स्कीम और किसे मिलेगा फायदा 
इस योजना से देश के गांवों में लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिया जा रहा है. इस योजना का मकसद संपत्ति का मालिकाना हक तय करना है. स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है.पीएमओ के अनुसार यह योजना शहरी क्षेत्रों की तरह, ग्रामीणों की ओर से ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए वित्तीय संसाधन के रूप में संपत्ति का उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करेगी. 

जैसे-जैसे मैपिंग और सर्वे का काम पूरा होगा, सरकार खुद ही सभी लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का कार्ड देती जाएगी. गांव का सर्वे पूरा होने के बाद प्राप्‍त डेटा को पंचायती राज मंत्रालय के ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. इसके बाद प्रॉपर्टी कार्ड बनना शुरू हो जाएगा. इसके बाद जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड जिला स्‍तर पर कैंप लगा कर सौंपें जाएंगे.

जमीन जायदाद के झगड़े में कमी आएगी
स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जाता है. सर्वे करने के लिए कई चरण हैं, जीपीएस ड्रोन की मदद से एरिया सर्वे किया जाता है. इस सर्वे के माध्यम से गांव में बने हर घर की जियो टैगिंग की जाती है और प्रत्येक घर का क्षेत्रफल दर्ज किया जाता है. यह छेत्रफल दर्ज करने के बाद प्रत्येक घर को एक यूनिक आईडी प्रदान की जाती है. जो उस घर का पता भी होता है. इस प्रक्रिया के माध्यम से लाभार्थी का पूरा पता डिजिटल भी हो जाता है. अब इस योजना के माध्यम से जमीन जायदाद के झगड़े में कमी आएगी. पहले गांव के नागरिकों के पास लिखित दस्तावेज नहीं होते थे, पर अब सरकार द्वारा गांव के नागरिकों को लिखित दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे.

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर स्वामित्व योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 'रिकार्ड्स आफ राइट्स' प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया जाएगा.