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एसिड अटैक में गई आंखों की रोशनी पर हौसला नहीं, हजारों बच्चों को नई ज़िंदगी दे रहीं कविता बिष्ट

उत्तराखंड की कविता बिष्ट पर 2008 में दिल्ली में एसिड अटैक हुआ था. तेजाब ने कविता का चेहरा खराब कर दिया और दोनों आंखों की रौशनी चली गई. सुनने की क्षमता भी प्रभावित हुई. इन सबके बावजूद कविता दिव्यांगो की मदद कर रही हैं. यही कविता बिष्ट अब सैकड़ों बच्चों का भविष्य हैं. रामनगर से 8 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव बसई में कविता विष्ट रेजिडेंशियल स्कूल फॉर स्पेशल नीड चिल्ड्रेन चलाती हैं. इस स्कूल में जरूरतमंद बच्चों को हर तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि कल को इन बच्चों को किसी का सहारा नहीं लेना पड़े. देखिए ये रिपोर्ट.

Acid attack survivor Kavita Bisht has now devoted her life in shaping the future of specially-abled children. Kavita Bisht from Uttarakhand was attacked with acid and she lost her eyesight. Watch this report.