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पेशे से वकील, नहीं है आंखों में रोशनी, राहुल बजाज ने ऑक्सफोर्ड तक गाड़ दिए हुनर के झंडे

अंधेरों के बीच जिंदगी की ये सबसे रौशन तस्वीर है. 27 साल के राहुल बजाज पेशे से वकील है लेकिन इनकी कहानी बेहद दिलचस्प है. 27 साल के वकील राहुल बजाज देख नहीं सकते, लेकिन उनके हुनर और उनके जज्बे को दुनिया देख रही है. बचपन से ही आंखों की रोशनी ना होने के बावजूद राहुल ना केवल मुश्किल से मुश्किल काम खुद करते हैं, बल्कि उनकी कोशिशें नेत्रहीनों की दुनिया संवार रही हैं.

Rahul Bajaj is an Advocate by profession. He can not see. Despite being disabled by eyes, he is creating a milestone for others. Disability can be a strength, not a weakness. Watch his success story, in this video. Watch the video to know more information.