लोग मन की शांति के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. अब इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर बर्फ से नहाने यानि Ice bath का ट्रेंड चल पड़ा है. हाल के दिनों में, मशहूर हस्तियों और एथलीटों ने शारीरिक और मानसिक स्थिति को अच्छा करने के लिए बर्फ से नहाने के फायदे बताए हैं. सोशल मीडिया पर भी कई बर्फ के पानी में डुबकी लगाते देखा जा रहा है. इस ट्रेंड को एक्ट्रेस विद्या मालवाडे (Vidya Malavade) भी फॉलो कर रही हैं. उन्होंने आठ मिनट तक Ice bath लेकर एक नया रिकॉर्ड सेट कर दिया है.
विद्या मालवडे और उनका आइस बाथ
मुंबई की चिलचिलाती गर्मियों में भी गर्म पानी से नहाने के आदी किसी व्यक्ति के लिए सदी में ठंडे पानी में नहाना काफी नामुमकिन काम लगता है. फिर भी, विद्या मालवाडे ने आठ मिनट से ज्यादा समय तक बर्फ के पानी में डुबकी लगाई है. लोग इसे एक तरह से डर और परेशानी पर व्यक्तिगत जीत का प्रतीक बताया है.
क्या हैं बर्फ से नहाने के फायदे?
दरअसल, बर्फ से नहाने के कई फायदे हैं. इसे लेकर फिटनेस एक्सपर्ट गरिमा गोयल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ये कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाता है. वे बताती हैं कि आठ मिनट आइस बाथ लेने से सबसे पहले ठंड के संपर्क में आने से शारीरिक प्रतिक्रियाओं का एक सिलसिला शुरू हो जाता है. इसमें सूजन और मांसपेशियों में दर्द कम होना शामिल है. ठंडा पानी हमारी नसों को सिकोड़ने का काम भी करता है जिससे इम्यून सेल्स का प्रवाह रुक जाता है और फिर हमें व्यायाम के बाद की सूजन से राहत मिलती है. इससे मांसपेशियों की रिकवरी भी जल्दी होती है.
मूड अच्छा करने में करता है मदद
इसके अलावा, ठंड के संपर्क में आने पर शरीर से स्ट्रेस भी कम होता है. साथ ही एंडोर्फिन और एड्रेनालाईन निकलते है, जिससे मूड अच्छा होता है. यही कारण है कि पिछले कुछ समय में एथलीटों और आम लोगों के बीच भी आइस बाथ को लेकर लोकप्रियता बढ़ी है.
किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए आइस बाथ
यूं तो बर्फ से नहाने के कई फायदे हैं, लेकिन इसके नुकसान भी हैं. उम्र, फिटनेस लेवल और स्वास्थ्य स्थितियां बर्फ से नहाते हुए बहुत मायने रखती हैं. कई लगो ठंड के प्रति ज्यादा सहनशील होते हैं तो कुछ लोग कम. अगर किसी को कोई दिल की बीमारी है या रेनॉड की बीमारी वाले व्यक्तियों को ऐसा करते हुए सावधानी रहने की जरूरत है. ऐसा करने से लंबे समय के लिए परेशानी हो सकती है.
एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें
फिटनेस एक्सपर्ट गरिमा गोयल कहती हैं कि अगर कोई दिल की बीमारी से जूझ रहा है तो आइस बाथ से 10 से 15 मिनट पहले कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. इसके आलावा, सुरक्षित और प्रभावी आइस बाथ के बाद अगर शरीर में कुछ बदलाव नजर आ रहे हैं तो उनके बारे में एक्सपर्ट को जरूर बताएं.