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Agenda Aaj Tak 2025: भारत में मोटा कौन है? दवा से मोटापा कम करना हेल्थ के लिए ठीक है? 'एजेंडा आजतक' में डॉक्टर्स ने बताया

एजेंडा आजतक के 13वें संस्करण के दूसरे दिन पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के रिसर्च एंड हेल्थ प्रमोशन की वाइस प्रेजिडेंट डॉ. मोनिका अरोड़ा, एम्स में एंडोक्राइनोलॉजी एंड डायबिटीज विभाग की एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर प्रजीत कौर और फोर्टिस ओखला के कार्डियक साइंस चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ ने शिरकत की. डॉक्टर्स ने भारत में मोटापे का क्या मतलब है? और दवाइयों से मोटापा भगाना कितना सही है?

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एजेंडा आजतक 2025 के दूसरे दिन मंच पर डॉ. अशोक सेठ, डॉ. मोनिका अरोड़ा ने शिरकत की. इन हेल्थ विशेषज्ञों ने भारत में मोटापे की समस्या को लेकर बात की. उन्होंने बताया कि भारत में कौन मोटा है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है?

भारत में मोटापा क्या है?
डॉ. अशोक सेठ ने बताया कि भारत और दूसरे देशों के मोटापे में अंतर है. भारत का मोटापा ज्यादातर पेट के आसपास होता है. उसको Abdominal Obesity कहते हैं. एम्स में एंडोक्राइनोलॉजी एंड डायबिटीज विभाग की एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर प्रजीत कौर ने कहा कि बॉडी में फैट परसेंटेज भी मोटापा के बारे में बताता है. उन्होंने बताया कि फैट परसेंटेज चेक करने का सिंपल तरीका वेस्ट सर्कमटेंस देखना चाहिए. अगर पुरष में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा है या महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से ज्यादा है तो आप मोटे हैं.

बैलेंस मेंटेन करना जरूरी- डॉ. अरोड़ा
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के रिसर्च एंड हेल्थ प्रमोशन की वाइस प्रेजिडेंट डॉ. मोनिका अरोड़ा ने कहा कि जब फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं तो आपको बैलेंस मेंटेन करना है. अगर आपने 2-3 महीने में जिम में जाकर वेट लॉस कर लिया, लेकिन जैसे ही आपने अपना लाइफस्टाइल बदला तो फैट वापस आ जाएगा. अगर आप बिना किसी सुपरविजन के सप्लीमेंट ले रहे हैं तो ये ठीक नहीं है.

इंजेक्शन से मोटापा कम किया जा सकता है?
इंजेक्शन से मोटापा घटाने के सवाल पर डॉक्टर कौर ने बताया कि इसमें हार्मोन के जरिए मोटापे का इलाज किया जाता है. इसलिए सुपरविजन में ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए. डॉ. सेठ ने कहा कि काफी मोटा होना एक बीमारी है, क्योंकि उसकी वजह से डायबिटीज, हापरटेंशन के अलावा भी कई बीमारियां होती है. आने वाले समय में भारत में मोटापे में और भी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर के सुपरविजन में ये दवाइयां फायदा दे सकती हैं, लेकिन डॉक्टर के बिना सुपरविजन के ये नुकसानदायक हैं. उन्होंने कहा कि दवाइयों से मोटापा कम किया जा सकता है, लेकिन दवाइयां छोड़ने पर ये फिर से हो जाएगा. 

डॉ. कौर ने बताया कि वेट लॉस ड्रग्स हेल्थ के लिए अच्छी है. ये समझ लोगों में नहीं है. कई मरीजों को इन दवाइयों की जरूरत होती है, लेकिन वो डरे हुए होते हैं.

दवा लेना ठीक है, लेकिन सुपरविजन में होना चाहिए- डॉ. सेठ
अगर कोई युवा आपके पास आता है और कहता कि 3 महीने तक मैं दवा ले लूंगा, मुझे पतला होना है तो क्या करना चाहिए? इस सवाल पर डॉक्टर कौर ने कहा कि अगर आप गुड लुकिंग होना चाहते हैं तो ये दवा से नहीं कर सकते हैं. ये बीमारी के इलाज के लिए है. डॉ. सेठ ने कहा कि अगर ऐसा कोई मरीज आता है कि वो वेट लॉस करना चाहता है. तो हम उसे बताएंगे कि वो दवा से वेट लॉस कर सकता है, लेकिन दवा छोड़ने पर फिर से मोटापा आ जाएगा. उन्होंने कहा कि दवा लेना बुरा नहीं है, लेकिन मेडिकल सुपरविजन में होना चाहिए.

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