
केले और खजूर दोनों ही स्वादिष्ट और पौष्टिक फल हैं. दुनिया भर में लोकप्रिय भी हैं. ये दोनों न सिर्फ आपको एनर्जी देते हैं बल्कि सेहत को भी कई तरह के फायदे पहुंचाते हैं. लेकिन जब बात ब्लड शुगर नियंत्रण और आंत स्वास्थ्य की आती है, तो सवाल उठता है कि इनमें से कौन सा फल बेहतर है? आइए समझते हैं केले और खजूर की पोषण सामग्री, ब्लड शुगर पर उनके प्रभाव और आंतों के लिए उनके फायदे.
केला और खजूर, क्या कहती है न्यूट्रीशनल वैल्यू?
केला एक ऐसा फल है जो कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है. एक मध्यम आकार के केले (लगभग 120-150 ग्राम) में लगभग 90-120 कैलोरी, 22-25 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2-3 ग्राम फाइबर, और विटामिन सी, विटामिन बी6 और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं. केले में नैचुरल शुगर (ग्लूकोज, फ्रक्टोज, और सुक्रोज) होती है. यह आपको फौरन ऊर्जा देता है.
दूसरी ओर, खजूर एक सूखा मेवा है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है. एक खजूर (लगभग 7-8 ग्राम) में लगभग 20 कैलोरी, पांच ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.6 ग्राम फाइबर और पोटैशियम, मैग्नीशियम, और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे तत्व होते हैं. खजूर में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन इसमें फाइबर ज्यादा होने की वजह से इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) मध्यम होता है. यानी हर ब्लड शुगर के मरीज़ के लिए यह बुरा नहीं है.
ब्लड शुगर कंट्रोल
ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) और ग्लाइसेमिक लोड (GL) महत्वपूर्ण कारक हैं. केले का जीआई 42-62 के बीच हो सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि केला कितना पका है. ज्यादा पके केले में शुगर ज्यादा होती है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है. हालांकि केले में मौजूद फाइबर और पोटैशियम ब्लड शुगर को स्थिर करने में मदद करते हैं, खासकर अगर इसे प्रोटीन या स्वस्थ फैट (जैसे बादाम मक्खन) के साथ खाया जाए.
खजूर का जीआई 35-55 के बीच होता है, जो इसे मध्यम जीआई वाला खाना बनाता है. खजूर में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स की मौजूदगी ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाने में मदद करती है. रिसर्च से पता चलता है कि खजूर का सीमित मात्रा में सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए भी सुरक्षित हो सकता है, बशर्ते इसे संतुलित आहार के साथ लिया जाए. हालांकि खजूर में मौजूद हाई शुगर के कारण इसे ज्यादा मात्रा में खाने से बचना चाहिए.
यानी ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए खजूर थोड़ा बेहतर हो सकता है, क्योंकि इसका जीआई आमतौर पर कम होता है और यह धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करता है. हालांकि केले को भी सही तरीके से खाया जाए तो यह ब्लड शुगर को संतुलित रख सकता है.
गट हेल्थ के लिए कौनसा ज्यादा बेहतर
आंत स्वास्थ्य के लिए फाइबर, प्रीबायोटिक्स, और एंटीऑक्सिडेंट्स महत्वपूर्ण हैं. केले में मौजूद पेक्टिन और रेसिस्टेंट स्टार्च (विशेष रूप से कच्चे केले में) प्रीबायोटिक्स के रूप में काम करते हैं जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं. ये तत्व पाचन को बेहतर बनाते हैं और कब्ज जैसी समस्याओं को कम करते हैं. केले का नियमित सेवन आंत की गतिशीलता को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है.
खजूर भी फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है. खजूर में मौजूद घुलनशील फाइबर आंत में अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है जिससे पेट साफ रखने में मदद मिलती है. इसके अलावा, खजूर में पॉलीफेनॉल्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो आंत में सूजन को कम करने में मदद करते हैं. यानी आंत के स्वास्थ्य के लिए दोनों फल फायदेमंद हैं, लेकिन केले में रेसिस्टेंट स्टार्च और पेक्टिन की उपस्थिति इसे थोड़ा बेहतर बनाती है, खासकर प्रीबायोटिक प्रभाव के लिए.
कौन सा चुनें?
केले और खजूर दोनों ही अपने-अपने तरीके से सेहत के लिए बेहतर हैं. अगर आप ब्लड शुगर कंट्रोल को प्राथमिकता दे रहे हैं तो खजूर बेहतर विकल्प हो सकता है, बशर्ते इसे सीमित मात्रा में खाया जाए. अगर गट हेल्थ की बात है तो केला प्रीबायोटिक होने के कारण खजूर से थोड़ा आगे है. दोनों को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों, शारीरिक स्थिति (जैसे डायबिटीज), और पोषण विशेषज्ञ की सलाह को ध्यान में रखें.