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Sawai Man Singh Hospital: 250 बेड... रोबोटिक एंजियोप्लास्टी, जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में देश का पहला हाईटेक सरकारी कार्डियक सेंटर तैयार, जानिए इसकी और खासियत 

जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल में देश का पहला अत्याधुनिक सरकारी कार्डियक सेंटर बनकर तैयार हो चुका है. यह सेंटर न केवल चिकित्सा सुविधाओं की दृष्टि से विशेष है, बल्कि इसका डिजाइन, निर्माण और संचालन भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है. आइए इसकी खासियत जानते हैं.

Cardiac Center Cardiac Center
हाइलाइट्स
  • 37 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है कार्डियक सेंटर 

  • एसएमएस में हृदय रोगियों का हो सकेगा सफल इलाज 

राजस्थान और देश भर के हृदय रोगियों के लिए अच्छी खबर है. जयपुर स्थित सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में 37 करोड़ रुपए की लागत से देश का पहला अत्याधुनिक सरकारी कार्डियक सेंटर बनकर तैयार हो चुका है.  इसे जल्द ही आम जनता के लिए शुरू किया जाएगा. यह सेंटर न केवल चिकित्सा सुविधाओं की दृष्टि से विशेष है, बल्कि इसका डिजाइन, निर्माण और संचालन भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है. इस पांच मंजिला इमारत को अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक के पास तैयार किया गया है ताकि मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती होने से लेकर टेस्ट और इलाज तक एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं मिल सकें. 

मरीजों को नहीं पड़ेगा भटकना 
अब तक मरीजों को बांगड़ और इमरजेंसी यूनिट के बीच भटकना पड़ता था, लेकिन अब इस सेंटर के बनने से हृदय से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी. इस सेंटर में 250 बेड्स की व्यवस्था है, जिनमें से 100 ICU बेड्स होंगे. यह सुविधा देश के किसी भी सरकारी अस्पताल में पहली बार इस स्तर पर दी जा रही है. यहां तक कि जनरल वार्ड में भी ICU जैसे मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे गंभीर मरीजों की निगरानी में कोई कमी न रहे. एसएमएस के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि सेंटर पूरी तरह से हार्ट केयर के लिए डेडिकेटेड होगा. इसमें हृदय रोगियों के इलाज के लिए पांच कैथ लैब्स और चार अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर होंगे. विशेष बात यह है कि यहां पर एंजियोप्लास्टी जैसी जटिल प्रक्रिया के लिए रोबोटिक आर्म्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे सर्जरी की सटीकता बढ़ेगी और मरीजों को जल्दी रिकवरी मिल सकेगी.

NABH और JCI सर्टिफिकेशन 
इस सेंटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स (NABH) और जॉइंट कमीशन इंटरनेशनल (JCI) से सर्टिफाइड किया गया है, जो भारत में किसी भी सरकारी कार्डियक यूनिट के लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि है. NABH और JCI सर्टिफिकेशन का अर्थ है कि इस केंद्र में मरीजों को इलाज के दौरान वह सभी सेवाएं मिलेंगी जो विश्व स्तरीय मेडिकल संस्थानों में दी जाती हैं. संक्रमण रोकने के लिए बिल्डिंग में एंटीमाइक्रोबियल पेंट और कोटिंग का प्रयोग किया गया है. इसके साथ ही ऐसी फ्लोरिंग की गई है जो बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकती है. फर्श की सफाई और संक्रमण मुक्त वातावरण को बनाए रखने के लिए विनाइल शीट्स बिछाई गई हैं. इस भवन के ICU और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में एयर हैंडलिंग यूनिट्स लगाए गए हैं ताकि वेंटिलेशन की गुणवत्ता उच्च स्तर पर बनी रहे. 

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... ताकि इंफेक्शन का खतरा न बढ़े
मरीज के बेड के पास जो पैनल लगाए जाएंगे, वे छत से लटकते हुए होंगे, ताकि फर्श पर कोई भी उपकरण या केबल न हो और इंफेक्शन का खतरा न बढ़े. नर्सिंग स्टेशन विशेष डिजाइन वाले होंगे ताकि मरीजों की लगातार निगरानी सुनिश्चित की जा सके. यह सब डिजाइन और योजना आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया द्वारा तैयार की गई है, जिन्होंने पहले एसएमएस के IPD टॉवर को भी डिजाइन किया था. कार्डियक सेंटर में हर उस सुविधा को जोड़ा गया है जो एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में होनी चाहिए.

मरीजों के परिजनों के लिए भी विशेष व्यवस्था
इस इमारत में जहां मरीजों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी, वहीं उनके साथ आने वाले परिजनों के लिए भी अलग से विश्राम और प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था की गई है. अटेंडेंट्स के लिए आरामदायक लाउंज बनाए गए हैं जहां वे प्रतीक्षा के दौरान बैठकर आराम कर सकते हैं. यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए लाभकारी होगी जो दूर-दराज से अपने परिजनों का इलाज कराने आते हैं और अस्पताल परिसर में उन्हें दिन-रात गुजारना पड़ता है.

इसके अलावा, इस पूरी बिल्डिंग को सेंट्रल एयर कंडीशन्ड रखा गया है, जिसमें फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर और ऑटोमैटिक फायर सेफ्टी सिस्टम भी लगाया गया है. इससे यह बिल्डिंग न सिर्फ सुविधा की दृष्टि से बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी अत्यंत उन्नत है. बेहतर एयर सर्कुलेशन सिस्टम से मरीजों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा, जिससे उनकी रिकवरी जल्दी हो सकेगी. इस कार्डियक सेंटर की लॉबी में एक विशेष हार्ट शेप का स्कल्प्चर लगाया गया है, जो प्रतीकात्मक रूप से एक ‘सेफ हार्ट’ का संदेश देता है. यह न केवल वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मरीजों और परिजनों में मानसिक रूप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करेगा. 

रखा गया है विशेष ध्यान 
भवन के बाहरी परिसर में सुंदर लैंडस्केपिंग और बागवानी की योजना तैयार की गई है, जिससे पूरा कैंपस स्वच्छ, शांत और सौंदर्यपूर्ण प्रतीत होगा. यह सब व्यवस्थाएं SMS के पहले से ही स्थापित और सफल IPD टॉवर की तर्ज पर तैयार की गई है, जहां हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ मरीजों की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है. IPD टॉवर की तरह इस कार्डियक बिल्डिंग में भी मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी, डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम, हाई ग्रेड ऑक्सीजन सप्लाई पाइपलाइन, डिजिटल रिकॉर्डिंग, CCTV सर्विलांस और सूचना डिस्प्ले सिस्टम लगाए गए हैं. निर्माण में राजस्थानी पत्थर का प्रयोग कर परंपरा और आधुनिकता का सुंदर समन्वय स्थापित किया गया है. 

हैंडओवर की चल रही प्रक्रिया
बिल्डिंग लगभग बनकर तैयार है और अब जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा इसके हैंडओवर की प्रक्रिया चल रही है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दो से तीन महीनों में यह कार्डियक सेंटर पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा. इसके शुरू होते ही राजस्थान और देश भर से आने वाले हृदय रोगियों को अत्याधुनिक इलाज मिल सकेगा और उन्हें दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में निजी अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. यह सेंटर यह साबित करता है कि अगर सरकारी इच्छाशक्ति और विशेषज्ञों की सोच साथ मिल जाए, तो गवर्नमेंट सेक्टर में भी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं. 

इस सेंटर के शुरू होने से ना केवल राज्य के लाखों मरीजों को लाभ मिलेगा, बल्कि यह मेडिकल टूरिज्म और ट्रेनिंग के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बन सकता है. मेडिकल छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी यहीं मिलेगी और साथ ही राज्य के डॉक्टरों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जा सकेगी. यह एक नई चिकित्सा क्रांति की शुरुआत है जो आने वाले वर्षों में राजस्थान को न केवल देश बल्कि दुनिया के हेल्थ मैप पर एक खास पहचान दिलाएगी. इस सेंटर की कार्यप्रणाली, डिजाइन, तकनीक और सेवाओं का स्तर आने वाले समय में अन्य राज्यों और सरकारी संस्थानों के लिए एक प्रेरणा बनेगा और स्वास्थ्य क्षेत्र में राजस्थान के नेतृत्व को सशक्त करेगा.