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100% का झूठा दावा बंद! FSSAI का बड़ा फरमान.... खाने के लेबल से हटाएं ये शब्द, नहीं तो होगी कार्रवाई

FSSAI ने अपनी एडवाइजरी में विनियम 10(7) का हवाला दिया, जो कहता है कि कोई भी विज्ञापन या दावा दूसरी कंपनियों को नीचा दिखाने या ग्राहकों को गुमराह करने वाला नहीं होना चाहिए.

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क्या आपने कभी दुकान में कोई खाने का सामान खरीदा और उस पर लिखा “100% शुद्ध” या “100% नेचुरल” पढ़कर उसे बिना सोचे कार्ट में डाल दिया? सावधान! अब ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक सनसनीखेज आदेश जारी कर सभी खाद्य व्यवसायियों (FBOs) को तुरंत “100%” शब्द को अपने प्रोडक्ट्स के लेबल, पैकेजिंग, और विज्ञापनों से हटाने का फरमान सुना दिया है! FSSAI का कहना है कि यह शब्द “भ्रामक” है और ग्राहकों को गुमराह करता है. 

“100%” शब्द क्यों बना मुसीबत?
28 मई 2025 को जारी एक एडवाइजरी में FSSAI ने साफ कहा कि “100%” शब्द का इस्तेमाल खाद्य उत्पादों पर करना गैरकानूनी और भ्रामक है. खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 या इसके तहत बने खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 में इस शब्द का कहीं कोई जिक्र नहीं है. FSSAI के मुताबिक, यह शब्द न तो परिभाषित है और न ही इसका कोई आधार है. चाहे “100% शुद्ध” हो, “100% नेचुरल” हो, या “100% ऑर्गेनिक”- यह शब्द ग्राहकों में गलत धारणा पैदा करता है कि बाकी प्रोडक्ट्स खराब या असुरक्षित हैं.

क्या कहता है FSSAI का नियम?
FSSAI ने अपनी एडवाइजरी में विनियम 10(7) का हवाला दिया, जो कहता है कि कोई भी विज्ञापन या दावा दूसरी कंपनियों को नीचा दिखाने या ग्राहकों को गुमराह करने वाला नहीं होना चाहिए. साथ ही, विनियम 4(1) के तहत हर दावे को सच्चा, स्पष्ट, अर्थपूर्ण, और गैर-भ्रामक होना जरूरी है. FSSAI का कहना है कि “100%” शब्द पूर्ण शुद्धता या श्रेष्ठता का गलत इंप्रेशन देता है, जिससे ग्राहक यह मान लेते हैं कि बाकी प्रोडक्ट्स खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते.

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उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी अपने जूस पर “100% फ्रूट जूस” लिखती है, तो ग्राहक सोचता है कि दूसरा जूस शायद “नकली” है. लेकिन हकीकत में ज्यादातर जूस ब्रांड FSSAI के मानकों का पालन करते हैं. यह शब्द अनुचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है और ग्राहकों को भ्रमित करता है.

कंपनियों पर क्या होगा असर?
FSSAI ने सभी खाद्य व्यवसायियों (FBOs) को तुरंत “100%” शब्द को अपने लेबल, पैकेजिंग, विज्ञापनों, और प्रमोशनल कंटेंट से हटाने का आदेश दिया है. इसका मतलब है कि जूस, तेल, दूध, शहद, या बिस्किट जैसे प्रोडक्ट्स के पैकेट्स पर अब “100%” नहीं लिखा जा सकेगा. अगर कंपनियां इस आदेश की अनदेखी करती हैं, तो उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें भारी जुर्माना या लाइसेंस रद्द होने का खतरा शामिल है.

यह आदेश हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है, जो खाने का सामान खरीदते समय लेबल पढ़ता है. अब आपको “100%” जैसे शब्दों पर भरोसा करने के बजाय प्रोडक्ट की सामग्री सूची (Ingredients List) और FSSAI लोगो पर ध्यान देना होगा. 

क्या है FSSAI का मकसद?
FSSAI का यह कदम निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने और ग्राहक हितों की रक्षा करने की दिशा में है. प्राधिकरण चाहता है कि खाद्य उद्योग में कोई भी कंपनी झूठे दावों से बाजार में वर्चस्व न बनाए. FSSAI के एक अधिकारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि ग्राहकों को सही जानकारी मिले और वे बिना भ्रम के खरीदारी करें.”

FSSAI ने कंपनियों को तुरंत अपने लेबल्स और विज्ञापनों में बदलाव करने का निर्देश दिया है. अगले कुछ महीनों में बाजार में नए पैकेट्स दिखने शुरू हो जाएंगे, जिनमें “100%” की जगह सटीक और सत्यापित दावे होंगे.