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SMS Hospital: 30 सालों से जांघ में थी गांठ... चलने-फिरने में हो रही थी परेशानी... अब एसएमएस अस्पताल में हुई सफल सर्जरी... 8.4 किलो की गांठ देख डॉक्टर भी हैरान

राजस्थान के एसएमएस अस्पताल के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. इस अस्पताल के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन से एक मरीज की जांघ से 8.4 किलो की गांठ निकाली है. यह राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी थाई की गांठ का सफल ऑपरेशन है.

Successful operation of lump in SMS Hospital Successful operation of lump in SMS Hospital

राजस्थान के जयपुर स्थित सवाई मानसिंह हॉस्पिटल यानी एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. इस अस्पताल के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन से एक मरीज की जांघ से 8.4 किलो की गांठ निकाली है. यह राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी थाई की गांठ का सफल ऑपरेशन है.

होने लगी थी परेशानी
एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. सर्जन डॉ. नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि धौलपुर जिले के राजाखेड़ा निवासी 68 वर्षीय रामबाबू नामक मरीज पिछले करीब 30 वर्षों से अपनी जांघ में बनी गांठ से पीड़ित थे. गांठ के लगातार बढ़ते आकार के कारण उन्हें चलने-फिरने में भी परेशानी होने लगी थी. इसके चलते उन्हें नित्य क्रियाक्रम में भी परेशानी होने लगी थी. 

ऑपरेशन करना था जोखिम भरा 
इतनी बड़ी गांठ का ऑपरेशन करना अत्यंत जोखिम भरा था, क्योंकि थाई में गहरी और बड़ी रक्त नलिकाएं होती हैं, जिनके कटने से गंभीर रक्तस्राव की आशंका रहती है. इसके बावजूद एसएमएस के सर्जरी विभाग की टीम ने विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभा ओम और यूनिट हेड डॉ. भूपेन सोनगरा के कुशल निर्देशन में इस अत्यंत जटिल सर्जरी को पूरी सावधानी और सफलता के साथ पूरा किया. ऑपरेशन टीम में डॉ. नरेन्द्र शर्मा के साथ डॉ. राहुल गोस्वामी, डॉ. पियूष मोरोडिया, डॉ. अभिषेक कुमार और डॉ. देवांग प्रमुख रूप से शामिल रहे.

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इन्होंने किया सर्जरी में सहयोग
डॉ. नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान गांठ को चीरकर बाहर निकाला गया, जिसमें अत्यंत कम मात्रा में रक्तस्राव हुआ. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है और वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है. ऑपरेशन में डॉ. कंचन चौहान, डॉ. सुनील चौहान, डॉ. इंदु वर्मा और डॉ. अजय सैनी सहित नर्सिंग स्टाफ मनीषा और राकेश ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया.

निशुल्क की गई सर्जरी
उल्लेखनीय है कि यह संपूर्ण सर्जरी मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत महात्मा गांधी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत निशुल्क की गई. इससे मरीज को आर्थिक रूप से भी कोई भार नहीं पड़ा. यह उपलब्धि न केवल एसएमएस अस्पताल के लिए गर्व की बात है, बल्कि प्रदेश की चिकित्सा सेवाओं की उत्कृष्टता का परिचायक भी है.