हाइलाइट्स
हेल्दी किडनी के लिए पानी बहुत ज्यादा
कम पानी पीने से किडनी पर पड़ता है बड़ा असर
स्वस्थ किडनी के लिए हाइड्रेशन बहुत जरूरी
प्राचीन समय से पानी हमारे लिए वरदान रहा है. हमारी हेल्दी लाइफ के लिए पानी पीना बहुत जरूरी है. पर्याप्त पानी पीने से शरीर में हाइड्रेशन बना रहता है जो किडनी, लीवर, दिमाग और स्किन को सही तरीके से काम करने में मदद करता है. पानी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. डॉक्टर हर किसी को खूब पानी पीने की सलाह देते हैं.
किडनी हमारी बॉडी का एक बड़ा योद्धा है. इसके बारे में कम लोग बात करते हैं. किडनी 24/7 हमारी बॉडी के वेस्ट मटेरियल को फिल्टर कर बाहर फेंकता है. किडनी खून में मौजूद टॉक्सिन, यूरिया और दूसरे वेस्ट मटेरियल को हटाकर साफ खून पूरे शरीर में पहुंचाता है. किडनी ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखता है. किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हाइड्रेशन बहुत जरूरी है. यानी कि हमें किडनी को हेल्दी रखने के लिए खूब पानी पीना चाहिए. स्वस्थ किडनी के लिए कितना पानी पीना चाहिए? आइए इस बारे में जानते हैं.
एक दिन में कितना पानी पिएं?
किडनी हमारे शरीर से टॉक्सिन और अतिरिक्त पानी निकालने का काम करती है. इन्हें सही से काम करने के लिए शरीर में पर्याप्त पानी होना जरूरी है. डॉक्टरों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोज़ाना 2 से 3 लीटर (8–12 गिलास) पानी पीना चाहिए. यह मात्रा आपकी उम्र, वजन, मौसम और फिजिकल एक्टिविटीज पर डिपेंड करती है.
सम्बंधित ख़बरें
- गर्म मौसम या ज्यादा व्यायाम के दौरान पानी की ज़रूरत बढ़ जाती है.
- पेशाब का रंग हल्का पीला होना चाहिए. गहरा रंग डिहाइड्रेशन का संकेत है. इसका मतलब है कि और पानी पीना चाहिए.
- पर्याप्त पानी पीने से किडनी स्टोन, पेशाब संक्रमण और ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा कम होता है.
- बहुत ज्यादा पानी भी किडनी पर बोझ डाल सकता है. इसलिए पानी का बैलेंस भी बहुत जरूरी है. जरूरत से ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए.
पर्याप्त पानी के क्या हैं फायदे?
- पर्याप्त पानी पीने से यूरिन में मिनरल और नमक की मात्रा पतली हो जाती है जिससे उनके क्रिस्टल बनने की संभावना कम होती है. यह किडनी में पत्थरी बनने से बचाव करता है.
- पानी खून को फिल्टर करने में किडनी की मदद करता है. इसके अलावा नुकसान वाले वेस्ट और यूरिक एसिड को पेशाब के जरिए बाहर निकालता है. इससे खून साफ रहता है और किडनी पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता है.
- अधिक पानी पीने से पेशाब का फ्लो बढ़ता है. इससे बैक्टीरिया ब्लैडर या किडनी में ज्यादा समय तक नहीं ठहरते हैं. इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा काफी कम हो जाता है.
- पानी खून की मात्रा और गाढ़ापन संतुलित रखकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है. पर्याप्त हाइड्रेशन से रक्त का प्रवाह सुचारू रहता है. हार्ट और किडनी पर दबाव कम होता है.
- पानी डाइजेशन को भी बेहतर रखता है. मेटाबॉलिज्म को सक्रिय बनाता है. यह न केवल किडनी बल्कि पूरे शरीर की ऊर्जा से भरा रखता है.
ज्यादा पानी क्यों नहीं पीना चाहिए?
पानी शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है लेकिन अधिक पानी पीना भी उतना ही खतरनाक हो सकता है. जब हम ज़रूरत से ज्यादा पानी पीते हैं, तो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस हो सकता है. खासकर सोडियम का लेवल खतरनाक रूप से कम हो जाता है. जरूरत से ज्यादा पानी पीने के कुछ नुकसान हैं.
- पानी खून में मौजूद सोडियम को पतला कर देता है जिससे मसल्स के अंदर पानी भरने लगता है.
- दिमाग की मसल्स में सूजन आ सकती है जो सिर दर्द, उल्टी, चक्कर और गंभीर मामलों में कोमा तक पहुंचा सकती है.
- बहुत ज्यादा पानी पीने से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. किडनी हर घंटे सिर्फ लगभग 0.8–1.0 लीटर पानी ही फ़िल्टर कर सकती है.
- ज्यादा पानी पीने से पेशाब बार-बार जाना पड़ेगा जिससे बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है. इससे नींद पर भी असर पड़ेगा.
- पानी के साथ सोडियम और पोटैशियम का स्तर गिरने से मांसपेशियां सही तरीके से काम नहीं कर पातीं. इससे कमजोरी, थरथराहट, ऐंठन और कभी-कभी लकवा भी हो सकता है.
- ज्यादा पानी पीने से ब्ल्ड की मात्रा बढ़ सकती है जिससे हार्ट को अधिक पंप करना पड़ता है. ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए ये काफी खतरनाक हो सकता है.
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पानी सबसे सरल और सस्ता उपाय है. रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी के साथ-साथ पूरा शरीर स्वस्थ रहता है. ध्यान रखें कि हर व्यक्ति की जरूरत अलग-अलग होती है इसलिए अपने शरीर के संकेतों को समझकर पानी पिएं और किडनी हेल्थ को लंबे समय तक बनाए रखें. पानी हमेशा अपने शरीर की जरूरत के अनुसार पिएं. प्यास, पेशाब के रंग और मौसम के हिसाब से पानी की मात्रा तय करें.