
दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि पोटैशियम से भरपूर डाइट जैसे केले, पालक, ब्रोकली और सैल्मन मछली खाने से दिल की बीमारियों और यहां तक कि समय से पहले मौत का खतरा 24% तक घट सकता है.
मरीजों को किस तरह के डाइट प्लान पर रखा गया?
यह रिसर्च यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रस्तुत की गई है. इस रिसर्च को लीड किया है डेनमार्क के कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के प्रोफेसर हेनिंग बुंडगार्ड और उनकी टीम ने. इस अध्ययन में 1,200 मरीजों को शामिल किया गया, जिनके पास पहले से ही हार्ट डिफाइब्रिलेटर लगाए गए थे. इनमें से 600 मरीजों को पोटैशियम-समृद्ध और मीट-कम डाइट पर रखा गया. नतीजे चौंकाने वाले थे. जिन मरीजों ने पोटैशियम युक्त आहार लिया, उनमें दिल की बीमारियों और मृत्यु का खतरा काफी कम देखा गया.
प्रोफेसर बुंडगार्ड ने बताया, पहले इंसान फलों और सब्जियों पर निर्भर थे, लेकिन अब प्रोसेस्ड फूड के जरिए हमारे खाने में सोडियम ज्यादा और पोटैशियम कम हो गया है. जिससे लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा है. हम अपने खाने की थाली में थोड़ा बदलाव लाकर बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं.
शरीर के लिए पोटैशियम क्यों जरूरी है?
पोटैशियम दिल के फंक्शन को नियंत्रित करता है. इसकी कमी से arrhythmia, हार्ट फेलियर और यहां तक कि अचानक मौत का खतरा बढ़ जाता है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी-रेनल फिजियोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य स्टडी के अनुसार, पोटैशियम युक्त आहार ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद करता है.
क्या खाएं और क्या न खाएं?
शोधकर्ताओं की सलाह है कि सभी लोगों को न सिर्फ हार्ट पेशेंट्स को भी अपनी डाइट में केला, पालक, ब्रोकली, सैल्मन, मीठे आलू, बीन्स, और एवोकाडो जैसे फूड्स को शामिल करना चाहिए और नमक या प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करना चाहिए.
हेल्दी हार्ट और लंबी जिंदगी के लिए अपनी थाली में पोटैशियम युक्त ताजे फल और सब्जियां जरूर शामिल करें. यह न केवल दिल की बीमारियों के खतरे को कम करेगा, बल्कि रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाएगा.