
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) हो गया है. यह कैंसर उनकी हड्डियों तक फैल चुका है. जो बाइडेन का कैंसर अग्रेसिव नेचर वाला है. आपको मालूम हो कि मूत्र संबंधी शिकायत होने पर पिछले सप्ताह जो बाइडेन की स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जांच की थी. इसमें प्रोस्टेट गांठ का पता चला. आइए जानते हैं कितना खतरनाक प्रोस्टेट कैंसर होता है और इसके लक्षण व बचाव के उपाय क्या हैं?
क्या है प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसा कैंसर हैं, जो सिर्फ पुरुषों को अपनी गिरफ्त में लेता है. यह कैंसर पुरुषों में मूत्राशय के नीचे एक छोटी अखरोट के आकार की प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होता है. यह ग्रंथि सीमन यानी वीर्य का प्रोडक्शन करती है, जो स्पर्म यानी वीर्य के साथ मिलकर शुक्राणु को हेल्दी रखती है. सामान्य कैंसर की तरह, प्रोस्टेट कैंसर तब बनता है जब कोशिकाएं सामान्य से ज्यादा तेजी से विभाजित होती हैं जबकि सामान्य कोशिकाएं मर जाती हैं, कैंसर कोशिकाएं नहीं मरती हैं. प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं लेकिन जब यह कैंसर हड्डियों तक पहुंच जाता है तो उसका इलाज मुश्किल हो जाता है. प्रोस्टेट कैंसर कैंसर जब शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैल जाता है, उसे मेटास्टेटिक या मेटास्टेसाइज्ड कहते हैं.
हर साल इतने मामले आते हैं सामने
प्रोस्टेट कैंसर, फेफड़ों के कैंसर के बाद, दुनिया भर में पुरुषों में दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है. हर साल दुनिया में प्रोस्टेट कैंसर के 16 लाख नए मामले सामने आते हैं. इससे हर साल 3.66 लाख मौतें होती हैं. साल 2020 में 14.14 लाख नए मामले सामने आए थे और 3.75 लाख लोगों की मौत हुई थी. राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर दिल्ली, कोलकाता, पुणे और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े भारतीय शहरों में पुरुषों में कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में यह कैंसर का तीसरा सबसे बड़ा कारण है.
प्रोस्टेट कैंसर के कारण
किसी को प्रोस्टेट कैंसर कैसे होता है, इसके सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चला है लेकिन कई जोखिम कारकों की पहचान की गई है. इसमें उम्र, पारिवारिक इतिहास, और लाइफस्टाइल संबंधी कारक शामिल हैं. प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर प्रोस्टेट कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव के कारण होता है. प्रोस्टेट कैंसर वैसे तो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन यह 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिलता है. यदि परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर है, तो दूसरे सदस्य को होने की संभावना रहती है. मोटापा, हाई फैट आहार और धूम्रपान के कारण भी प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम रहता है.
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
1. शुरुआत में प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण कम दिखाई देते हैं लेकिन बीमारी बढ़ने पर इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं.
2. पेशाब करने में दिक्कत होना.
3. बार-बार पेशाब आना.
4. मूत्र का कम प्रवाह या प्रवाह शुरू होकर रुक जाना.
5. पेशाब करते समय दर्द या जलन होना.
6. मूत्र या वीर्य में खून का आना.
7. पीठ या कूल्हों में दर्द रहना.
8. हालांकि उपरोक्त लक्षण देखकर घबराएं नहीं क्योंकि किसी और कारण के चलते भी आपको ये समस्याएं हो सकती हैं.
प्रोस्टेट कैंसर का उपचार
1. प्रोस्टेट कैंसर का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि यह बीमारी किस स्थिति में पहुंच गई है.
2. यदि प्रोस्टेट कैंसर का पता शुरुआत में ही चल जाता है तो इसका इलाज हो जाता है.
3. प्रोस्टेट कैंसर न हो इसके लिए नियमित रूप से प्रोस्टेट जांच करवाएं.
4. प्रोस्टेट कैंसर न हो इसके लिए शरीर के वजन को ज्यादा बढ़ने न दें.
5. रोज नियमित रूप से आधे घंटे तक योग या एक्सरसाइज करें.
6. पौष्टिक आहार लें. धूम्रपान न करें.
7. डॉक्टर्स की सलाह पर कैंसर की ग्रोथ की निगरानी के लिए हर एक से तीन साल में स्क्रीनिंग, स्कैन और बायोप्सी कराएं.
8. प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के दौरान मरीज को हार्मोन थेरेपी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेट थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी भी दी जाती है.
9. रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी में मरीज की प्रोस्टेट ग्रंथि को हटाया जाता है. यह प्रोस्टेट कैंसर को समाप्त कर सकता है जो फैला नहीं है.
10. ओपन रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी और रोबोटिक रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी के माध्यम से सर्जरी की जा सकती है.
11. आप प्रोस्टेट कैंसर के लिए एक अलग उपचार के रूप में या अन्य ट्रीटमेंट के साथ कॉम्बिनेशन में रेडिएशन ट्रीटमेंट ले सकते हैं.
12. फोकल थेरेपी उपचार का एक नया रूप है जो आपके प्रोस्टेट के अंदर ट्यूमर को नष्ट कर देता है.