
जहां आमतौर पर डॉक्टरों का कहना होता है कि स्वस्थ जीवन के लिए कम से कम 8-9 घंटे की नींद जरूरी होती है. लेकिन इस सलाह के बाद दिक्कत होती है कि कई लोगों नींद लेने की कोशिश तो करते हैं, पर उन्हें नींद आती है. अब जब नींद आएगी नहीं, तो कैसे वह 8-9 घंटे की नींद लें. साथ ही नींद का जीवन के स्वस्थ होने के ताल्लुक नहीं, बल्कि बेहतर नींद से इंसान अपने जीवन में अच्छे फैसले भी ले पाता है. यहां तक कि बड़े-बड़े बिजनेसमेन भी नींद पर काफी फोकस करते हैं. लेकिन किस तरह से जल्दी और अच्छी नींद आ सकती है. चलिए आपको कुछ लोगों के आजमाए तरीके बताते हैं.
किताबें पढ़ना है मददगार
उबर टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ दारा खोसरोशाही पहले नींद को ट्रैक करने के लिए स्मार्ट वॉच का इस्तेमाल किया करते थे. सुनने में काफी एक्साइटिंग लगता है, कि नींद को भी ट्रैक करें. लेकिन नींद पर किसी का बस चलता नहीं हैं. इसलिए सीईओ ने कुछ ऐसी ट्रिक्स को अपनाना शुरू जो सुनने में काफी आम है, लेकिन कारगर जरूर हैं. सबसे पहले तो उन्होंने नॉर्मल सोने के तरीके को अपनाया. इस ट्रैक करने को उन्हें दूर कर दिया.
कहते हैं कि डिजिटल स्क्रीन से भी आंखों पर काफी फर्क पड़ता है और नींद में भी दिक्कत होती है. इसलिए उन्होंने इस चीज़ को भी दूर कर दिया. अब वह सोने के टाइम से करीब एक घंटा पहले डिजिटल स्क्रीन से दूर हो जाते हैं. साथ ही किताब पढ़ते हैं. कहा जाता है कि रात के समय सोने से पहले किताब पढ़ना अच्छा होता है. अव्वल तो यह आपको कुछ नया सीखाती हैं. दूसरा नींद भी जल्दी आ जाती है. इसलिए वह इस तरीके को अपनाते हैं.
सप्लीमेंट्स की मदद
कहा जाता है कि अगर इंसान को तनाव हो तो उसे नींद आने में परेशानी होती है. ऐसा ही मानना है बेवर्ली हिल्स एस्टेट्स की सीईओ रेनी विलियम्स का. वह भी कहती हैं कि तनाव के कारण नींद कोसों दूर भाग जाती है. इसलिए वह तनाव को आसापस भटकने भी नहीं देती. इसके लिए वह कई सप्लीमेंट्स लेती है, जिसमें ज़िंक, मैग्निशियम जैसे सप्लीमेंट्स शामिल हैं. इसकी मदद से तनाव दूर रहता है और वह ठीक तरह से नींद से पाती हैं.
सिंगिंल बाउल्स से ली मदद
नेल केयर कंपनी मिलीलक्स के सीईओ टोनी जेन का कहना है कि वह पहले वह नींद को लेकर इतना गंभीर नहीं हुआ करते थे. लेकिन जब नींद पूरी न होने की वजह से उनके काम पर असर पड़ने लगा, तो उन्हें फिक्र होने लगी. ऐसे में उन्होंने माइक्रो मेडिटेशन का सहारा लिया. इस मेडिटेशन के अंदर सिंगिंग बाउल्स की मदद ली जाती है. यानी बाउल्स में जब कंपन होती है तो एक मधुर संगीत निकलता है. इससे उन्हें नींद में होने वाली समस्या को दूर करने में मदद मिली.
जबरदस्ती सोना है बेकार
वैश्विक ब्रुइंग कंपनी के कार्ल्सबर्ग कंपनी के सीईओ जैकब एंडरसन एक बड़ी अहम बात बताते है. आमतौर पर होता है कि अगर कोई अपने तय समय से पहले उठ जाता है, तो वह दोबारा सो जाता है यह सोचकर कि वह अपने तय समय पर ही उठेगा. लेकिन जैकब का न ऐसा मानना है और न वह ऐसा करते हैं. अगर वह तय समय से पहले उठ जाते हैं तो वह वर्कआउट करने लगते हैं. वह कहते हैं कि जबरदस्ती सोने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसा करने से उन्हें अगली रात और बेहतर नींद आती है.
40 मिनट नैप
वीटा कोको से चेयरमैन माइकल किरबन की आदत है कि वह दिन में करीब 40 मिनट का शॉर्ट नैप लेते हैं. उनका मानना है कि इससे दिमाग शांत होता है. साथ ही दिनभर निर्णय लेने में आसानी होती है. प्रोडक्टिविटी बढ़ने के अलावा उन्हें रात में भी बेहतर नींद आती है. इसकी वजह है कि उनका दिमाग दिन में ही पहले से थोड़ा रिलैक्स रहता है, तो रात में आराम से सो जाते हैं.