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मरीज ने ली ट्रायल दवा, दो साल बाद ही कैंसर का नामोनिशान मिटा

ग्लायोब्लास्टोमा ब्रेन कैंसर का सबसे खतरनाक रूप है. मरीज को इसका पता तब चलता है जब यह काफी बढ़ चुका होता है. इसकी पांच साल की सर्वाइवल रेट सिर्फ 6.9% है.

The symptoms of brain tumors The symptoms of brain tumors
हाइलाइट्स
  • बेन ट्रॉटमैन का इलाज कैसे शुरू हुआ?

  • इपिलिमुमैब क्या है और कैसे काम करता है?

लंदन में रहने वाले 40 साल के बेन ट्रॉटमैन को साल 2022 में ब्रेन कैंसर (ग्लायोब्लास्टोमा) का पता चला. यह बीमारी इतनी जानलेवा होती है कि आमतौर पर मरीज 15 महीने से ज्यादा जीवित नहीं रह पाते. लेकिन बेन पर किस्मत ऐसी मेहरबान हुई कि दो साल बाद भी उनके शरीर में कैंसर के कोई लक्षण नहीं हैं. यह सब संभव हो पाया एक एक्सपेरिमेंटल इम्यूनोथैरेपी दवा ‘इपिलिमुमैब’ की मदद से.

ग्लायोब्लास्टोमा क्या है?
ग्लायोब्लास्टोमा ब्रेन कैंसर का सबसे खतरनाक रूप है. मरीज को इसका पता तब चलता है जब यह काफी बढ़ चुका होता है. इसकी पांच साल की सर्वाइवल रेट सिर्फ 6.9% है. इलाज के बावजूद यह अक्सर वापस लौट आता है. ऐसे में मरीजे के पास जिंदा रहने का ज्यादा वक्त नहीं मिलता.

बेन ट्रॉटमैन का इलाज कैसे शुरू हुआ?
बेन को यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन हॉस्पिटल (UCLH) के न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी नेशनल हॉस्पिटल में रेफर किया गया. उस समय एक इम्यूनोथैरेपी ट्रायल चल रहा था, जिसमें सिर्फ बेन ही भर्ती हुए. ट्रायल बाद में बंद हो गया, लेकिन बेन को इपिलिमुमैब नाम की दवा दी गई.

इपिलिमुमैब क्या है और कैसे काम करता है?
यह एक इम्यूनोथैरेपी दवा है जो शरीर की टी सेल्स को एक्टिव करती है और कैंसर सेल्स को दबाने से रोकती है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कैंसर को पहचानकर उसे नष्ट करने लगती है. बेन को इपिलिमुमैब के साथ-साथ रेडिएशन और कीमोथेरेपी भी दी गई. हालांकि, उनकी सर्जरी कैंसिल हो गई थी, लेकिन दवा ने ऐसा असर दिखाया कि ट्यूमर पूरी तरह गायब हो गया.

अब दो साल बाद भी उनके हर तीन महीने में होने वाले स्कैन में कोई भी कैंसर नहीं दिख रहा है. यह ग्लायोब्लास्टोमा जैसे ट्यूमर में बहुत ही दुर्लभ है. इपिलिमुमैब लेने के दो महीने बाद बेन ने अपनी मंगेतर एमिली से शादी की और इस साल एक बेटी के पिता भी बने हैं. यह दवा अन्य मरीजों के लिए भी उम्मीद का रास्ता खोल सकती है.