

हर किसी को कभी न कभी सिरदर्द होता है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रहा है, दर्द की प्रकृति अलग हो रही है या साधारण पेनकिलर भी काम नहीं कर रहे- तो सावधान हो जाइए! यह सामान्य माइग्रेन या स्ट्रेस से होने वाला सिरदर्द नहीं, बल्कि ब्रेन ट्यूमर का शुरुआती संकेत भी हो सकता है.
World Brain Day के मौके पर Gnt डिजिटल ने डॉ. मनोज खनाल, से बात की. डॉक्टर मनोज मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग के न्यूरोलॉजी डायरेक्टर हैं. उन्होंने बताया कि आखिर कब सिरदर्द को हल्के में लेना जानलेवा हो सकता है.
ब्रेन ट्यूमर से जुड़े सिरदर्द के 5 खतरनाक संकेत
डॉ. मनोज खनाल के अनुसार, अधिकतर सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर से नहीं होते, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह संकेत जरूर हो सकते हैं. नीचे दिए गए "रेड फ्लैग्स" को नजरअंदाज़ करना खतरनाक साबित हो सकता है:
1. सिरदर्द का पैटर्न अचानक बदल जाना, जैसे कि रात में या सुबह उठते ही तेज सिरदर्द होना.
2. सिरदर्द के साथ मितली, सुबह-सुबह उल्टी, दृष्टि में धुंधलापन, कानों में सनसनाहट, दौरे (सीजर), सुन्नता, कमजोरी या व्यवहार में बदलाव.
3. लेटने या खांसने-छींकने से सिरदर्द का बढ़ जाना.
4. सिरदर्द के साथ चक्कर आना या संतुलन बिगड़ना.
4. सामान्य पेनकिलर से भी आराम न मिलना.
ब्रेन ट्यूमर के कौन-कौन से लक्षण दर्द के रूप में सामने आते हैं?
ब्रेन ट्यूमर के कारण होने वाले दर्द को तीन केटेगरी में बांटा जा सकता है:
क्या हर ट्यूमर में सिरदर्द होता है?
नहीं. डॉ. खनाल के अनुसार, अधिकांश ब्रेन ट्यूमर दर्दरहित हो सकते हैं, जैसे लो ग्रेड ग्लियोमा या मेनिंजियोमा. इनके लक्षण अक्सर सीजर (दौरे), कम दिखना, कमजोरी, या सुनने में दिक्कत के रूप में सामने आते हैं. जब ट्यूमर बड़ा हो जाता है या ब्रेन के दर्द-प्रेरक (Pain inducers) हिस्सों में दबाव डालता है, तभी सिरदर्द प्रमुख लक्षण बनता है.
इलाज कैसे होता है?
GNT डिजिटल को डॉ. खनाल बताते हैं, ब्रेन ट्यूमर के कारण होने वाले सिरदर्द का इलाज ट्यूमर के प्रकार और दर्द के कारण पर निर्भर करता है:
1. अगर दिमाग में दबाव अधिक है (Intracranial Pressure), तो एंटी-एडिमा दवाएं दी जाती हैं ताकि सूजन कम हो.
2. अगर माइग्रेन या वैस्कुलर सिरदर्द है, तो एंटी-माइग्रेन दवाएं दी जाती हैं.
3. अगर नसों में सूजन या ब्रेन की झिल्ली में संक्रमण है, तो ओरल या IV दवाएं दी जाती हैं.
4. मुख्य ट्यूमर का इलाज- सर्जरी, रेडिएशन या कीमोथेरेपी से भी दर्द को जड़ से खत्म कर सकता है.
ब्रेन ट्यूमर कितने प्रकार के होते हैं?
ब्रेन ट्यूमर को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जाता है:
1. प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर (Primary Brain Tumours):
इनमें लो ग्रेड से लेकर हाई ग्रेड ट्यूमर तक हो सकते हैं. हाई ग्रेड ट्यूमर में अक्सर सिरदर्द, दौरे और न्यूरोलॉजिकल लक्षण पाए जाते हैं.
2. सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर (Secondary or Metastatic Brain Tumours)
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण हो तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें:
डायग्नोस और समय पर पहचान क्यों जरूरी?
टाइमली डायग्नोसिस ही ब्रेन ट्यूमर से जीवन बचाने का सबसे कारगर उपाय है. अगर शुरुआत में MRI या CT Scan के जरिए ब्रेन में असामान्यता पकड़ ली जाए, तो मरीज को सही इलाज जल्दी मिल सकता है.
देर से पहचान होने पर ट्यूमर ब्रेन के महत्त्वपूर्ण हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, जिससे इलाज की सफलता कम हो जाती है और मरीज की जान भी खतरे में पड़ सकती है.
World Brain Day पर आखिर में डॉ. मनोज खनाल कहते हैं, "हर सिरदर्द मामूली नहीं होता. समय पर जांच, सही निदान और त्वरित इलाज ही जीवन को बचा सकते हैं."