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फैट या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले लोगों में लॉन्ग कोविड-19 होने की संभावना ज्यादा, ब्रिटेन के नए रिसर्च में आया सामने

Long Covid-19 Symbol: ब्रिटेन के एक नए अध्ययन के अनुसार, फैट या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले लोगों में लॉन्ग कोविड-19 होने और अन्य बीमारियों के होने की संभावना ज्यादा होती है. दरअसल, किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा ये रिसर्च की गई है. इस रिसर्च में 4,700 लोगों को शामिल किया गया था. 

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हाइलाइट्स
  • हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले लोगों में लॉन्ग कोविड-19 की संभावना

  • किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने की रिसर्च

हम आए दिन देखते हैं कि लोगों का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ा ही रहता है. कोविड-19 के बाद से इसके मामले और भी ज्यादा आने लगे हैं. ब्रिटेन के एक नए अध्ययन के अनुसार, फैट या हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल वाले लोगों में लॉन्ग कोविड-19 होने और अन्य बीमारियों के होने की संभावना ज्यादा होती है. दरअसल, किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा ये रिसर्च की गई है. इस रिसर्च में 4,700 लोगों को शामिल किया गया था. 

कैसे की गई रिसर्च?

दरअसल, लॉन्ग कोविड के ऊपर जितनी भी रिसर्च की गई है उन सभी को अस्पताल से जोड़कर देखा गया है कि कोई मरीज कितने समय तक अस्पताल में भर्ती रहता है. लेकिन इस अध्ययन में लोगों से लिए गए ब्लड मार्कर्स (ट्यूमर मार्कर्स) की तुलना की गई.  टीम ने कोविड -19 के पूरे स्पेक्ट्रम को देखा, असिम्प्टोमैटिक रोगियों से लेकर लॉन्ग कोविड वाले लोगों के साथ-साथ उन लोगों को भी देखा गया जिनमें नेगेटिव एंटीबॉडी थीं लेकिन उनके शरीर में हल्के लक्षण नजर आ रहे थे- जैसी खांसी, सिरदर्द और थकान. लेकिन जिनके पास वायरस के लिए नकारात्मक एंटीबॉडी पाए गए थे .

क्या आया रिसर्च में सामने?

रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ मार्क ओस्टरडाहल कहते हैं, “हमने असिम्प्टोमैटिक लोगों और लॉन्ग कोविड-19 वाले मरीजों की तुलना की. इसमें हमने इन दोनों के ब्लड फैट को जांचा. रिसर्च में सामने आया कि असिम्प्टोमैटिक लोगों   में ब्लड मार्कर्स का एक हेल्दी पैटर्न था, जिसका दिल की बीमारियों और डायबिटीज से कोई लिंक नहीं था. वहीं, लॉन्ग कोविड-19 वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा था.”

रिसर्च में ये भी सामने आया कि 28 दिनों से ज्यादा अगर किसी में कोविड-19 के लक्षण हैं तो उस मरीज को लॉन्ग कोविड-19 वाले लोगों से अलग नहीं रखा जा सकता है. इन दोनों में एक जैसे ही ब्लड कंपाउंड पाए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, टीम का मानना ​​​​है कि दूसरी बीमारियों के इलाज के तरीकों पर चल रहे शोध भी कोविड -19 में भूमिका निभा सकते हैं.