
अगर आप भी सिरदर्द, बुखार या बदनदर्द के लिए पैरासिटामॉल लेते हैं तो यह खबर आपके लिए है. एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में की गई एक मेडिकल स्टडी के मुताबिक, रोजाना पैरासिटामॉल लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक पैरासिटामॉल लेने वालों को हार्ट डिजीज का खतरा हो सकता है.
NSAIDs जैसी बन गई पैरासिटामॉल की प्रतिक्रिया
पहले पैरासिटामॉल को सुरक्षित विकल्प माना जाता था क्योंकि यह इबूप्रोफेन जैसी NSAID दवाओं की तरह पेट या दिल पर असर नहीं डालती थी लेकिन हाल ही में हुए अध्ययन से पता चला है कि पैरासिटामॉल भी ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम कर सकती है. अगर ब्लड प्रेशर बढ़ा रहे, तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा करीब 20% तक बढ़ सकता है.
सिर्फ दो हफ्तों में बढ़ा ब्लड प्रेशर
अध्ययन के दौरान जिन मरीजों को दो हफ्तों तक नियमित पैरासिटामॉल दी गई, उनका ब्लड प्रेशर पहले से अधिक पाया गया. शोध के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स डियर ने कहा, यह अध्ययन साफ दिखाता है कि पैरासिटामॉल जो दुनिया की सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा है, ब्लड प्रेशर बढ़ाती है और ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का सबसे बड़ा जोखिम कारक है.
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर और मरीजों को मिलकर यह तय करना चाहिए कि दवा का फायदा उसके जोखिम से ज्यादा है या नहीं, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से दिल से जुड़ी बीमारी या हाई बीपी की समस्या है.
कभी-कभार लेना सुरक्षित, लेकिन लंबे समय तक नहीं
इस अध्ययन के लीड इन्वेस्टिगेटर डॉ. इयान मैकइंटायर ने कहा कि जिन लोगों ने पैरासिटामॉल कभी-कभी सिरदर्द या बुखार के लिए ली है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. चिंता उन लोगों के लिए है जो पैरासिटामॉल को रोजाना और लंबे समय तक लेते हैं, आमतौर पर क्रॉनिक पेन (लंबे समय का दर्द) के इलाज में.
यूके में हर तीन में से एक वयस्क को हाई ब्लड प्रेशर
ब्रिटेन में लगभग हर तीन में से एक वयस्क को हाई ब्लड प्रेशर है.
ब्लड प्रेशर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड में 31% पुरुष और 26% महिलाएं हाई बीपी की समस्या से जूझ रही हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि भले ही उनके पास सटीक आंकड़े नहीं हैं कि कितने लोग लंबे समय तक पैरासिटामॉल ले रहे हैं, लेकिन अगर इस समूह में बड़ी संख्या में हाई बीपी वाले लोग शामिल हैं, तो यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन सकती है.
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन ने दी चेतावनी
यह शोध ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (BHF) की फंडिंग से किया गया था. संस्थान के मेडिकल डायरेक्टर प्रोफेसर निलेश सामानी ने कहा, “यह शोध इस बात पर जोर देता है कि डॉक्टर और मरीज नियमित रूप से यह जांचते रहें कि किसी दवा को जारी रखना जरूरी है या नहीं। हर दवा के फायदे और नुकसान को ध्यान से समझना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि कई बार लोग लंबे समय तक दवा लेते रहते हैं, जबकि उनकी जरूरत खत्म हो चुकी होती है.
पैरासिटामॉल का सही इस्तेमाल कैसे करें?
जरूरत पड़ने पर ही लें: पैरासिटामॉल केवल सिरदर्द, बुखार या हल्के दर्द में ही लें.
लंबे समय तक रोजाना न लें: बिना डॉक्टर की सलाह के इसे नियमित न बनाएं.
ब्लड प्रेशर चेक कराएं: अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं और पैरासिटामॉल ले रहे हैं, तो नियमित जांच जरूरी है.
डॉक्टर से सलाह लें: किसी भी दवा को लंबे समय तक जारी रखने से पहले अपने चिकित्सक से जोखिम और फायदा दोनों समझें.