Sepsis Diagnostic Device
Sepsis Diagnostic Device नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) कालीकट के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सेप्सिस जैसी जानलेवा बीमारी की जल्द पहचान के लिए एक हाईली सेंसिटिव और पॉइंट-ऑफ-केयर डिवाइस लांच किया है. इस डिवाइस में इलेक्ट्रोकेमिकल बायोसेंसर का इस्तेमाल किया गया है, जोमात्र 10 मिनट में सेप्सिस के लक्षणों को पहचान सकता है.
सेप्सिस एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है जो इन्फेक्शन के कारण होता है और समय रहते इलाज न मिलने पर मल्टी ऑर्गन फेलियर, शॉक या मौत तक हो सकती है.
बेहद सेंसिटिव है ये बायोसेंसर
इस डिवाइस में एक बेहद संवेदनशील इलेक्ट्रोकेमिकल बायोसेंसर लगा है, जो एंडोटॉक्सिन की पहचान करता है. यह सेंसर शरीर में मौजूद एक खास जहरीले कण की पहचान करता है, जिसे एंडोटॉक्सिन कहा जाता है. एंडोटॉक्सिन दरअसल उन बैक्टीरिया (जीवाणु) की बाहरी परत में पाया जाने वाला एक जहरीला पदार्थ होता है, जो शरीर में संक्रमण फैलाते हैं. जब ये बैक्टीरिया शरीर में पहुंचते हैं, तो एंडोटॉक्सिन खून में फैल जाता है और यही सेप्सिस जैसी खतरनाक बीमारी की शुरुआत कर सकता है.
रिसर्च टीम ने कुल 8 अलग-अलग सेंसर डिजाइन विकसित किए हैं, जिनमें से 7 इलेक्ट्रोकेमिकल और 1 ऑप्टिकल डिटेक्शन पर आधारित हैं। इनका शोध प्रसिद्ध जर्नल Langmuir में प्रकाशित हुआ है.
यह पोर्टेबल सेंसर लिपोपॉलीसैकराइड (LPS) की उपस्थिति को सटीकता के साथ पहचानता है, जो एंडोटॉक्सिन का बायोमार्कर है. इसकी सबसे खास बात यह है कि यह डिवाइस ब्लड, इंसुलिन, और फलों के जूस में भी 2% से कम गलती के साथ रिजल्ट देता है. इस बायोसेंसर की एक और खासियत यह है कि यह ई. कोलाई बैक्टीरिया की भी पहचान कर सकता है.
सिर्फ 10 मिनट में मिल जाती है रिपोर्ट
यह डिवाइस पूरी तरह से पोर्टेबल है और 10 मिनट में रिजल्ट दे देता है. यह रियल टाइम ऑन-साइट टेस्टिंग भी देता है. खासकर उन जगहों पर जहां बड़े लैब सेटअप उपलब्ध नहीं हैं. यह तकनीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, एम्बुलेंस, या रिमोट लोकेशनों पर सेप्सिस की तुरंत पहचान और इलाज के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है.