scorecardresearch

Explainer: महिलाओं की मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण है Cervical Cancer, Serum Institute ने लॉन्च किया पहला स्वदेशी टीका

सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग में आज हिंदुस्तान को सबसे बड़ी गुड न्यूज मिली है. इस भयानक बीमारी के खिलाफ भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च हो गई है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च की गई.

सर्वाइकल कैंसर सर्वाइकल कैंसर
हाइलाइट्स
  • सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग आसान

  • दूसरा सबसे आम कैंसर है सर्वाइकल कैंसर

भारत को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ आज पहली स्वदेशी वैक्सीन मिल गई. इसका नाम क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस वैक्सीन है. इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने मिलकर बनाया है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स के सेल्स को इफेक्‍ट करता है. सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है, यह वजाइना से ही जुड़ा होता है. कैंसर इस हिस्‍से के सेल्स को इफेक्‍ट करता है. इस वैक्सीन की कीमत 200 से 400 रुपये के बीच रखे जाने की उम्मीद है. इस लिहाज से दुनिया में उपलब्ध दूसरी वैक्सीन के मुकाबले ये बेहद सस्ती होगी.

यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर पर बहुत असरदार है और कैंसर के खतरे को कम करता है. 85-90% मामलों में सर्वाइकल कैंसर वायरस की वजह से होता है. यह वैक्सीन उस वायरस के खिलाफ है. अगर इस वैक्सीन को हम अपने छोटे बच्चों और बेटियों को लगाते हैं, तो वह इसके संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी और हो सकता है कि देश में 30 साल के बाद कैंसर न हो. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक भारत में हर साल सर्विकल कैंसर के 1.23 लाख मामले सामने आते हैं. ऐसे में ये स्वदेशी वैक्सीन वरदान साबित होने वाली है.

सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग आसान
ये पूरी तरह से स्वदेशी टीका है जिसे क्वाड्रिवेलैंट ह्यूमन पैपिलोमा यानी qHPV वैक्सीन कहा जा रहा है. इसे 9 से 26 साल के रोगियों के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकेगा. इस वैक्सीन की मदद से सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जंग अब पहले से ज्यादा आसान हो जाएगी. इस टीके की बदौलत सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित लोगों की जिंदगी बचाना आसान होगा. ये सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ देश की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो जाएगा.

दूसरा सबसे आम कैंसर है सर्वाइकल कैंसर
स्तन, कैंसर के बाद महिलाओं में दूसरा सबसे आम सर्वाइकल कैंसर है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल एक लाख 23 हज़ार से ज्यादा औरतें इस कैंसर का शिकार होती हैं और 77 हजार से ज्यादा औरतों की मौत होती है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस समय पूरे देश में लगभग पांच फीसदी महिलाएं इस बीमारी से ग्रसित हैं.

अभी तक भारत विदेशों से ये टीका आयात करता था. यही वजह थी कि इसकी कीमत भी ज्यादा थी. लेकिन स्वदेश में निर्मित इस टीके के बाजार में आने से इस कैंसर का इलाज आसान और सस्ता भी हो जाएगा.

क्या है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस की वजह से होता है. ये वायरस लंबे समय तक शरीर में रहता है और बाद में सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है. हालांकि जिन महिलाओं का प्रतिरक्षा तंत्र अच्छा होत है, उनके शरीर में ये वायरस नहीं पनप पाता है और खत्म हो जाता है. खासकर एचआईवी या अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित महिलाओं को इस कैंसर के होने की ज्यादा आशंका होती है. इस कैंसर के ज्यादातर मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं.

सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचें?
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार 25 से 65 वर्ष की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की जांच करवा लेनी चाहिए. अगर सिर्फ एचपीवी परीक्षण उपलब्ध नहीं है तो एचपीवी/पैप की जांच करवा सकते हैं. हर पांच साल में परीक्षण या हर तीन साल में एक पैप स्मीयर हर महिला को करवाना चाहिए. एचपीवी वैक्सीन को लगवाकर महिलाएं इस कैंसर से बच सकती हैं. इसके अलावा नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं.