
आपने कई बार लोगों के हाथों, गर्दन या पूरे शरीर पर टैटू देखे होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शौक के चलते बनाए गए ये टैटू कैंसर का कारण बन सकते हैं. बिंघहैमटन यूनिवर्सिटी (Binghamton University) की रिसर्च टीम का कहना है कि टैटू की इंक में लगभग 50 प्रतिशत ऐसे केमिकल होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं. इस स्टडी को John Swierk लीड कर रहे हैं. जॉन बिंघहैमटन यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री (inorganic chemistry) के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. जॉन ने कहा टैटू बनवाते समय दो चीजें जरूरी होती हैं- इंक और सोलयूशन.
क्या कहती है स्टडी
जॉन और उनकी टीम ने 56 अलग-अलग इंक पर रिसर्च की. 56 में से 23 इंकों में ऐसे कैमिकल दिखे जोकि कैंसर का काण बन सकते हैं. टैटू इंक में Azo नाम का कैमिकल कंपाउंड इस्तेमाल किया जाता है जिससे व्यक्ति कैंसर का रोगी बन सकता है. टैटू बनाने वालों द्वारा प्रयोग की जाने वाली नीले रंग की स्याही में कोबाल्ट और ऐल्युमिनियम होता है. टीम ने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के प्रयोग से 16 इंक्स का विश्लेषण किया और उसमें से लगभग आधे में 100NM से छोटे पार्टिकल्स मिले. ये छोटे पार्टिकल्स Cell membrane में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं. यूरोपीय संघ (European Union) ने अपने 27 देशों में Blue 15:3 और Green Seven नाम के दो इंक बैन कर दिए हैं. क्योंकि इससे कैंसर होने की आशंका थी. जबकि, अमेरिका में अभी तक यह इंक इस्तेमाल की जाती है.
टैटू बनवाते समय ये सावधानियां बरतना न भूलें
2018 में टैटू को लेकर 18 देशों पर की गई स्टेटिस्टा की रिसर्च बताती है कि 38% लोगों ने अपने शरीर पर कम से कम एक टैटू बनाया था. ऐसे में जरूरी है कि टैटू बनाने वालों को इस काम के लिए लाइसेंस मिला हो. आपको कुछ सावधानियों के साथ टैटू प्लानिंग करनी चाहिए. जब भी आप टैटू कराने जाएं तो ध्यान दें आर्टिस्ट सही ग्लव्ज, सुई जैसी दूसरी चीजों का इस्तेमाल कर रहा है या नहीं. टैटू हमेशा टैटू एक्सपर्ट से ही बनवाएं. टैटू वाली स्किन को धूप से बचा कर रखें. इसकी वजह यह है कि सूरज की तेज किरणों का असर स्किन पर तेजी से होता है, जिससे इसे नुकसान पहुंच सकता है.