कोरोना काल में देश के अस्पताल वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे थे. कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या में इतनी ज्यादा थी कि हर जरूरतमंद मरीजों के लिए वेंटिलेटर की सुविधा मुहैया कराना मुश्किल हो गया था. कोरोना काल के बाद देश ने इस समस्या को समझा और इससे निजात पाने की कोशिश में जुट गया. पीजीआई चंडीगढ़ ने एक सस्ता और स्वदेशी वेंटिलेटर बनाया है. इसकी मदद से मरीजों की जान बचाई जा सकती है.
स्वदेशी और सस्ता वेंटिलेटर-
पीजीआई चंडीगढ़ के एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट ने गुड न्यूज दी है. डिपार्टमेंट ने वेंटिलेटर की कमी को दूर करने के लिए एक स्वदेशी वेंटिलेटर बनाया है. ये वेंटिलेटर काफी सस्ता भी है. इस स्वदेशी वेंटिलेटर का नाम ट्रूऑक्सी + हाई फ्लो नेजल कैनुला (True Oxygen+ HFNC Device) डिवाइस है.
आसानी से होता है मरीजों का इलाज-
पीजीआई के एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के पूर्व हेड प्रोफेसर जीडी पुरी ने बताया कि यह स्वदेशी वेंटिलेटर एक स्वचालित वायु प्रवाह तापमान ऑक्सीजन कंट्रोल सिस्टम से चलता है, जो मरीज की सटीक देखभाल सुनिश्चित करता है. प्रोफेसर पुरी ने कहा कि इस उपकरण के इस्तेमाल से करीब 60 फीसदी ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर पर पहुंचने से पहले ही आसानी से बचाया जा सकता है, जिनको वेंटिलेटर की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि यह उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी है. कोरोना काल में जब जब मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी थी, तब विदेशों से ज्यादा कीमत देकर मरीजों के लिए वेंटिलेटर खरीदना पड़ा था.
कितनी है उपकरण की कीमत-
प्रोफेसर पुरी ने बताया कि इस उपकरण को मोहाली की एक कंपनी के साथ टाई-अप करके बनाया गया है. इस उपकरण को बनाने में करीब तीन साल का समय लगा है. काफी मेहनत के बाद इसे उपकरण को कम कीमत पर तैयार किया गया है. इस उपकरण की कीमत करीब 2 लाख रुपए के आसपास है.
ऑटोमेटिक तरीके से काम करता है उपकरण-
एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के डॉक्टर शिव सोनी ने गुड न्यूज टुडे को बताया कि पोस्ट सर्जरी और सर्जरी से पहले या फिर गंभीर हृदय की बीमारी से ग्रसित मरीज और जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन तमाम मरीजों को इस उपकरण की मदद से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ इस उपकरण में ऑटोमेटिक तरीके से मापा जा सकता है कि मरीज को कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है और मरीज कितना कार्बन डाइऑक्साइड निकाल रहा है.
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