
अगर आप भी टॉयलेट में स्मार्टफोन लेकर जाते हैं और TikTok या इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल करते हुए घंटों तक बैठे रहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. अमेरिका में हुई एक स्टडी के अनुसार, टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल करने वालों में पाइल्स यानी बवासीर होने की संभावना 46% ज्यादा पाई गई है.
5 मिनट से ज्यादा बैठना बन सकता है खतरा
इस रिसर्च में 125 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 45 साल से ज्यादा थी. इन लोगों की कोलोनोस्कोपी के दौरान पाइल्स की जांच की गई और उनसे उनकी लाइफस्टाइल, खान-पान, शारीरिक गतिविधि, शौच की आदतों और मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर सवाल पूछे गए. पता चला कि जिन लोगों ने टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल किया, उनमें से 37% लोग 5 मिनट से ज्यादा समय वहां बिताते हैं. वहीं, जो लोग बिना फोन जाते हैं, उनमें सिर्फ 7% लोग ही इतना समय बिताते हैं.
Instagram से बढ़ रहा है बैठे रहने का समय
रिसर्च के लीड डॉ. पासरीचा का कहना है कि पहले लोग टॉयलेट में अखबार या मैगजीन पढ़ा करते थे, लेकिन वे उतने एंगेजिंग नहीं होते थे जितने आज के शॉर्ट वीडियो ऐप्स हैं. TikTok और Instagram जैसे ऐप्स का पूरा मॉडल ही इस पर टिका है कि यूजर को समय का एहसास ही ना हो.
कम उम्र में पाइल्स का खतरा बढ़ा
डॉ. पासरीचा का कहना है कि लगभग सभी स्टूडेंट्स टॉयलेट में फोन ले जाते हैं, जो चिंता की बात है. इससे अंदेशा है कि युवा पीढ़ी को पाइल्स की समस्या पहले उम्र में ही शुरू हो सकती है.
शरीर पर कैसे पड़ता है असर?
जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक टॉयलेट सीट पर बैठा रहता है, तो एनल टिश्यू पर लगातार दबाव पड़ता है. समय के साथ यह दबाव वहां की connective टिशूज को कमजोर कर देता है, जिससे नसें फूल जाती हैं और बवासीर की समस्या शुरू हो जाती है.
डॉक्टर ने क्या दी सलाह?
अगर टॉयलेट में बिना फोन जाना आपके लिए मुश्किल है, तो कम से कम समय की सीमा तय करें. यानी टॉयलेट में ध्यान रखें कि आप वहां क्यों गए हैं.
हर 4 में से 1 व्यक्ति को पाइल्स
बवासीर एक आम बीमारी है जो हर चार में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है. UK में हर साल 20,000 से अधिक सर्जरी सिर्फ पाइल्स के लिए होती हैं. हालांकि यह समस्या शुरुआती दौर में सामान्य दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव से ठीक हो सकती है. तो अगली बार जब आप टॉयलेट जाएं, तो स्मार्टफोन को बाहर ही छोड़ दें.