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Vitamin D Slows Aging: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च ने किया चौंकाने वाला खुलासा, विटामिन डी से उम्र बढ़ने की रफ्तार होती है धीमी

Harvard University New Research: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च में पाया गया कि विटामिन डी न केवल हड्डियों को मजबूत करता है बल्कि उम्र बढ़ने की रफ्तार को भी धीमा कर सकता है. इस रिसर्च में 1000 से ज्यादा बुजुर्ग शामिल थे, जिनके शरीर में विटामिन डी की अच्छी मात्रा थी, वे धीरे-धीरे बूढ़े हो रहे थे. यह शोध एंटी-एजिंग के क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाता है.

Symbolic Photo (Meta AI) Symbolic Photo (Meta AI)

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) की एक नई रिसर्च (New Research) ने विटामिन डी के फायदे को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं. यह रिसर्च अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुई है. आइए जानते हैं इस अध्ययन के मुख्य बिंदु.

विटामिन डी और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 1000 से अधिक बुजुर्गों पर अध्ययन किया. इस रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी का स्तर बेहतर था, उनकी उम्र बढ़ने की गति धीमी थी. विटामिन डी डीएनए को सुरक्षित रखता है और टेलोमेरिस की लंबाई बनाए रखता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है.

डॉ. जुआन मैनसेन, ब्रीघम एंड वीमेन्स हॉस्पिटल की प्रिवेंटिव मेडिसिन विभाग की प्रमुख ने कहा कि वाइटल पहला बड़े पैमाने का परीक्षण है जो दर्शाता है कि विटामिन डी सूजन कम करने और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली पुरानी बीमारियों जैसे कैंसर और ऑटोइम्यून बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है.

विटामिन डी के अन्य स्वास्थ्य लाभ
रिसर्च में यह भी पाया गया कि विटामिन डी हड्डियों को मजबूत करता है, इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखता है और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से कोशिकाओं को बचाता है. यह डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि विटामिन डी की दैनिक खुराक शरीर के इन्फ्लेमेटरी मैकेनिज्म को धीमा कर देती है, जिससे ऑटोइम्यून डिजीज और कार्डियोवास्कुलर समस्याओं का खतरा कम हो जाता है.

भारतीयों में विटामिन डी की कमी
भारत में लगभग 60-70% लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीयों को नियमित रूप से विटामिन डी का स्तर जांचना चाहिए. यदि यह 20 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर से कम है तो सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो सकता है. डॉक्टरों का सुझाव है कि विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने से पहले परामर्श करना चाहिए, खासकर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए.

सावधानी और संतुलन
हालांकि विटामिन डी के फायदे बहुत हैं, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से शरीर में कैल्शियम असंतुलित हो सकता है, जिससे किडनी और दिल को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए संतुलित आहार और धूप का सही उपयोग करना सबसे अच्छा उपाय है. विशेषज्ञों का कहना है कि विटामिन डी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है. यह डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है.

महत्वपूर्ण खोज के रूप में किया प्रस्तुत 
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च ने विटामिन डी को एंटी-एजिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज के रूप में प्रस्तुत किया है. यह न केवल हड्डियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमा कर सकता है. भारतीयों को विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है.