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सुबह-सुबह जला लेते हैं सिगरेट? जीवन का सबसे बड़ा खतरा मोल ले रहे हैं आप! जानिए क्यों डॉक्टर दे रहे चेतावनी

अगर आप सोचते हैं कि कम सिगरेट पीने से नुकसान कम है, तो ये सोच बदलने का वक्त है. असली खतरनाक खेल उस पहले सिगरेट से शुरू होता है, जो आपके पूरे दिन और पूरे शरीर को जहर में डुबो देता है. तो अगली बार जब सुबह-सुबह हाथ सिगरेट की तरफ बढ़े, तो याद रखिए- यह सिर्फ एक कश नहीं, बल्कि आपके दिल और फेफड़ों के लिए सबसे बड़ा वार है.

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धूम्रपान से नुकसान होता है- ये तो हर कोई जानता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिन का सबसे खतरनाक सिगरेट वही है जिसे आप नींद से उठते ही जलाते हैं? जी हाँ, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सुबह का पहला कश आपके शरीर के लिए उतना नुकसानदेह है जितना दिनभर में कई सिगरेट पीने से भी ज्यादा!

सुबह की सांसें सबसे नाज़ुक क्यों?
पश्चिम विहार स्थित वेलनेस होम क्लिनिक एंड स्लीप सेंटर के डायरेक्टर और पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नींद से उठने के बाद शरीर एक "रीसेट मोड" में होता है.

  • फेफड़े अस्थायी तौर पर टॉक्सिन से राहत पाकर मरम्मत कर रहे होते हैं.
  • सुबह हार्मोन लेवल (जैसे कोर्टिसोल और एड्रेनालिन) ज्यादा रहते हैं.
  • एयरवेयज अधिक संवेदनशील और असुरक्षित होते हैं.

ऐसे में जैसे ही आप सुबह का पहला सिगरेट पीते हैं, ये पूरा "रिकवरी प्रोसेस" टूट जाता है और फेफड़ों पर ज़हरीले रसायनों का सीधा हमला होता है.

30 मिनट के भीतर सिगरेट = खतरे की घंटी
रिसर्च बताती है कि जो लोग उठने के 30 मिनट के भीतर सिगरेट पीते हैं, उनमें:

  • निकोटीन और टॉक्सिन का अवशोषण सबसे ज्यादा होता है.
  • गहरी सांस लेने की वजह से कार्सिनोज़ेन (कैंसरकारी पदार्थ) तेजी से शरीर में फैलते हैं.
  • हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

डॉ. मित्तल के अनुसार, "सुबह का सिगरेट फेफड़ों को सीधे नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ हृदय की नसों पर भी प्रेशर डालता है."

वो चक्कर और "हाई" असल में क्या है?
कई स्मोकर्स मानते हैं कि सुबह का पहला कश उन्हें ताजगी देता है. लेकिन यह असल में ऑक्सीजन डिप्रिवेशन यानी शरीर में ऑक्सीजन की कमी का लक्षण है. पहला सिगरेट निकोटीन लेवल को अचानक बहुत बढ़ा देता है. इससे नसों और दिमाग पर जबरदस्त दबाव पड़ता है. जो हल्का चक्कर, "रश" या नशा लगता है, वह असल में शरीर की चेतावनी है. लत का "ट्रिगर" भी है पहला कश

सुबह का सिगरेट सिर्फ शरीर को नहीं, दिमाग को भी गुलाम बनाता है. यह निकोटीन क्रेविंग को पूरे दिन के लिए और मजबूत कर देता है. क्विट स्मोकिंग यानी धूम्रपान छोड़ने की कोशिश को और कठिन बना देता है.

हार्मोन और सिगरेट = खतरनाक कॉकटेल
सुबह उठते ही शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन हार्मोन का लेवल बढ़ा होता है. ये हमें एक्टिव और अलर्ट बनाने में मदद करते हैं.
लेकिन जब इन्हीं के साथ निकोटीन और टॉक्सिन का मिक्स हो जाता है, तो असर बिल्कुल उल्टा होता है:

  1. ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट अचानक बढ़ जाते हैं.
  2. तनाव और चिंता और ज्यादा बढ़ती है.
  3. लंबे समय में हाईपरटेंशन, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

क्या सिर्फ "देरी" करना भी फायदेमंद है?
अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ नहीं पा रहा है, तो भी सुबह का पहला सिगरेट जितना देर से होगा, नुकसान उतना कम होगा.
इससे फेफड़ों को रिकवरी के लिए ज्यादा समय मिलेगा.

  • निकोटीन डिपेंडेंसी कम होगी.
  • लंबे समय में हेल्थ रिस्क कम हो सकते हैं.

डॉ. मित्तल का कहना है, "भले ही आप तुरंत छोड़ न सकें, लेकिन सुबह का पहला सिगरेट टालना भी एक बड़ा कदम है. आखिरकार, धूम्रपान पूरी तरह छोड़ना ही सबसे अच्छा इलाज है."

नतीजा साफ है: सुबह का सिगरेट = मौत का न्यौता
अगर आप सोचते हैं कि कम सिगरेट पीने से नुकसान कम है, तो ये सोच बदलने का वक्त है. असली खतरनाक खेल उस पहले सिगरेट से शुरू होता है, जो आपके पूरे दिन और पूरे शरीर को जहर में डुबो देता है.

तो अगली बार जब सुबह-सुबह हाथ सिगरेट की तरफ बढ़े, तो याद रखिए- यह सिर्फ एक कश नहीं, बल्कि आपके दिल और फेफड़ों के लिए सबसे बड़ा वार है.