
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए स्कूल फीस रेगुलेशन बिल को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. ‘आप’ की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि यह बिल निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने और फीस बढ़ाने को वैध करने के लिए लाया गया है.
बिल से अभिभावकों का नुकसान होगा
आतिशी ने कहा कि आम लोगों और अभिभावकों की चिंता को दरकिनार करते हुए यह बिल पेश किया गया है. उनका कहना था कि पहले अभिभावकों ने निजी स्कूलों की बढ़ती फीस के खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी और इसके बजाय स्कूलों को फायदा देने वाला कानून लाया.
फीस वृद्धि को बढ़ावा देने वाला कदम
उन्होंने आरोप लगाया कि इस बिल के बाद निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ेगी और वे बिना किसी रोक-टोक के फीस बढ़ा सकेंगे. इससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बच्चों की पढ़ाई का बोझ और बढ़ जाएगा. पहले अप्रैल में सरकार ने कहा था कि वे निजी स्कूलों की बढ़ती फीस पर काबू पाने के लिए नया कानून लाएंगे लेकिन चार महीने बाद, यानी अगस्त में यह बिल विधानसभा में पेश किया गया.
BJP सरकार निजी स्कूलों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए लाई बिल‼️
— AAP (@AamAadmiParty) August 6, 2025
♦️ निजी स्कूलों की बढ़ाई गई फीस का अभिभावक विरोध कर रहे थे, जिसके बाद बीजेपी सरकार ने अप्रैल में कहा कि वह बिल लेकर आ रहे हैं
♦️ लेकिन यह बिल चार महीने के बाद अगस्त में लाया गया, इसमें इतना समय क्यों लगा और इस बिल के… pic.twitter.com/Y58h0tsjhY
‘आप’ ने सरकार से मांगा जवाब
आतिशी ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों अभिभावकों और आम जनता की राय लिए बिना यह बिल लाया गया? आतिशी ने दावा किया कि बिल में माता-पिता की शिकायतों को दर्ज करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है और इससे निजी स्कूलों को मनमानी करने की छूट मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा को व्यवसाय नहीं बल्कि अधिकार समझा जाना चाहिए.
विपक्ष की तैयारी और आगे की रणनीति
‘आप’ ने विधानसभा में इस बिल के खिलाफ जोरदार विरोध जताने की बात कही है और आगामी दिनों में सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाए जाने की भी जानकारी दी है.