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अरे ये क्या...सीतापुर में ट्रांसफार्मर ठीक न होने पर धरने पर बैठे मंत्री जी, चार घंटे तक अफसरों से लगाते रहे सिफारिश

मंत्री को तमाम नाराजगी जताने के बाद भी लगभग 4 घंटे तक एक ट्रांसफार्मर के लिए बिजली विभाग के एसी, एक्स ई एन और एम डी तक सिफारिश करनी पड़ी. उसके बाद भी हालात ये बने कि खुद ट्रांसफार्मर अपने साधन से प्रभावित गांव तक पहुंचाना व उतार कर पोल तक चढ़वाना पड़ा.

खुद ही ट्रांसफाॅर्मर उतारते मंत्री सुरेश राही ((Photo: Screengrab)) खुद ही ट्रांसफाॅर्मर उतारते मंत्री सुरेश राही ((Photo: Screengrab))
हाइलाइट्स
  • मंत्री को ट्रांसफार्मर के लिए 4 घंटे तक करने पड़े अफसरों को फोन

  • अफसर नहीं सुन रहे थे, मंत्री खुद पहुंचे गांव

  • मंत्री खुद धरने पर बैठे और ट्रांसफार्मर पोल पर चढ़वाया

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में बिजली व्यवस्था की बदहाली इस हद तक पहुंच गई कि प्रदेश सरकार के कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही को खुद धरने पर बैठना पड़ गया. मामला हरगांव विधानसभा क्षेत्र के कोरैया उदनापुर गांव का है, जहां बीते 15 दिनों से ट्रांसफार्मर खराब होने के चलते गांव की बड़ी आबादी बिजली गुल होने से परेशान थी.

गांव वालों की शिकायत पर मंत्री ने कई बार स्थानीय जेई से संपर्क किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब हालात नहीं सुधरे तो मंत्री खुद मौके पर पहुंच गए और जेई की शिकायत उच्च अधिकारियों से की. मामला फिर भी आगे नहीं बढ़ा.

खुद धरने पर बैठ गए मंत्री
जब विभाग की ओर से कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो मंत्री जी वहीं धरने पर बैठ गए. लगभग तीन घंटे तक मंत्री अधिकारियों से बातचीत करते रहे और ट्रांसफार्मर की मांग करते रहे. आखिरकार बिजली विभाग ने एक ट्रांसफार्मर का इंतजाम तो किया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उसे गांव तक लाने के लिए भी कोई इंतजाम विभाग की ओर से नहीं किया गया. फिर क्या था मंत्री को अपने ही साधनों से ट्रांसफार्मर मंगवाना पड़ा और फिर खुद खड़े होकर उसे पोल पर चढ़वाया भी.

चार घंटे तक अफसरों से लगानी पड़ी सिफारिशें
जानकारी के मुताबिक, मंत्री को एक ट्रांसफार्मर दिलवाने के लिए बिजली विभाग के एसी, एक्सईएन और यहां तक कि एमडी तक सिफारिश करनी पड़ी. जब उन्होंने जूनियर इंजीनियर (JE) से फोन पर संपर्क किया, तो जवाब और भी चौंकाने वाला था. मंत्री के अनुसार, JE ने बेहद अमर्यादित तरीके से कहा खुद आकर उतरवा लो ट्रांसफॉर्मर. कई कोशिशों के बाद जाकर विभाग ने कोई हलचल दिखाई.

धरने पर बैठे मंत्री ने कहा, “अगर जनता की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है, तो मैं खुद सड़क पर उतरूंगा. बिजली जैसी बुनियादी सुविधा के लिए इतने चक्कर लगाने पड़े, ये अफसोस की बात है.”

गांव के लोग और सोशल मीडिया पर भी लोग मंत्री जी के इस कदम की सराहना कर रहे हैं.

-आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट