scorecardresearch

एलन मस्क से पहले ही भारत में बन चुकी है टेस्ला, आनंद महिंद्रा ने की तस्वीर शेयर, आप भी देखें 

टेस्ला को जिन खासियतों के लिए जाना जाता है, उनमें ये सभी होती हैं, जिनका जिक्र आनंद महिंद्रा ने अपने पोस्ट में किया है. एक इलेक्ट्रिक व्हीकल होने के नाते ये काफी किफायती होती है, ऑटोमेटिक होती है, इसमें नैविगेशन की जरूरत नहीं पड़ती है. इसे आसानी से सेल्फ ड्राइव किया जा सकता है. 

Anand Mahindra Anand Mahindra
हाइलाइट्स
  • ट्विटर यूज़र्स कर रहे हैं खूब पसंद 

  • टेस्ला से की बैल गाड़ी की तुलना 

क्या आप जानते हैं कि भारत में ओरिजिनल टेस्ला बनाई गयी थी? जी हां, इंडस्ट्रलिस्ट आनंद महिंद्रा ने इसकी तस्वीर शेयर की है. हाल ही में आनंद महिंद्रा ने एलन मस्क को टैग करते हुए  भारत की "ओरिजिनल टेस्ला व्हीकल" की एक तस्वीर शेयर की है जो पूरी तरह से ऑटोमेटिक थी. इसके लिए न किसी गूगल मैप की जरूरत पड़ती थी और न ही नेविगेशन की जरूरत थी.

टेस्ला को किन खासियतों के लिए जाना जाता है 

दरअसल, टेस्ला को जिन खासियतों के लिए जाना जाता है, उनमें ये सभी होती हैं, जिनका जिक्र आनंद महिंद्रा ने अपने पोस्ट में किया है. एक इलेक्ट्रिक व्हीकल होने के नाते ये काफी किफायती होती है, ऑटोमेटिक होती है, इसमें नैविगेशन की जरूरत नहीं पड़ती है. इसे आसानी से सेल्फ ड्राइव किया जा सकता है. 

टेस्ला से की बैल गाड़ी की तुलना 

आनंद महिंद्रा ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें दो बैल बिना किसी नेविगेटर के एक गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं, उसपर सवार होकर लोग यात्रा कर रहे हैं और बिफ्रिक होकर सो रहे हैं. इस तस्वीर में लिखा है, "ओरिजिनल टेस्ला व्हीकल. कोई गूगल मैप की आवश्यकता नहीं है, कोई ईंधन खरीदने की जरूरत नहीं, कोई प्रदूषण नहीं, FSD (पूरी तरह से स्व-चालित). वर्कप्लेस पर अपना घर सेट करें. आराम करो, एक झपकी लो, और अपनी मंजिल तक पहुंच जाओ.”

ट्विटर यूज़र्स कर रहे हैं खूब पसंद 

इस पोस्ट पर ट्विटर यूज़र्स लगातार रियेक्ट कर रहे हैं. कुछ यूज़र ने तो इसके रिप्लाई में तस्वीरें भी पोस्ट कर दी हैं. एक यूजर ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बैल गाड़ी खींचते हुए दिख रहे हैं, जिस पर कोई नहीं है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि वो जानवर जानता हैं कि उसे कहां जाना है.

एक अन्य यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा, "हमारे घर में एक था. मेरे पिताजी ने बैल को बहुत स्वस्थ रखा. वह उसे स्वस्थ रखने के लिए बहुत पैसा खर्च करते थे.”

एक और यूज़र ने उन दिनों को याद किया जब बैलगाड़ियां इस्तेमाल में थीं, और अपनी कहानी बताई कि जब वह जानवर चराने गए थे तो उन्होंने दो भैंस खो दी थीं.